शुक्र करेंगे कुंभ राशि में प्रवेश- इन राशियों को होगा डबल लाभ!

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक बेहद ही मजबूत ग्रह का दर्जा दिया गया है। ऐसे में इस ग्रह से संबंधित जब कोई भी परिवर्तन होता है तो स्वाभाविक सी बात है कि वैदिक ज्योतिष में उसका विशेष महत्व माना गया है। मार्च के महीने की शुरुआत में ही शुक्र एक साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में निश्चित तौर पर शुक्र का यह गोचर सभी जातकों के जीवन को प्रभावित करेगा। कैसे और किस हद तक आपकी राशि पर इस गोचर का प्रभाव देखने को मिलेगा यह जानने के लिए पढ़ें हमारा यह खास ब्लॉग।

इसके अलावा इस ब्लॉग के माध्यम से हम यह भी जानने का प्रयत्न करेंगे कि वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व क्या होता है? शुक्र के इस गोचर के दौरान आप अपनी राशि के अनुसार क्या कुछ उपाय कर सकते हैं? साथ ही जानेंगे शुक्र ग्रह से जुड़ी कुछ बेहद ही दिलचस्प बातों की भी जानकारी। तो चलिए बिना देरी की सबसे पहले शुरू करते हैं यह ब्लॉग और जान लेते हैं शुक्र का कुंभ राशि में गोचर कब होने वाला है।

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शुक्र का कुंभ राशि में गोचर- क्या रहेगा समय? 

सबसे पहले बात कर लें समय की तो शुक्र का यह महत्वपूर्ण गोचर 7 मार्च 2024 को सुबह 10:33 पर होने वाला है जब पूरे 1 साल बाद शुक्र वापस कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे।

 ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व

ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह की बात करें तो इसे एक शुभ ग्रह माना गया है। यह व्यक्ति के जीवन में भौतिक सुखों, वैवाहिक सुख, भोग, विलास, शोहरत, कला, प्रतिभा, सुंदरता, रोमांस, फैशन डिजाइनिंग, वासना, आदि का कारक माना जाता है। सभी 12 राशियों में वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व शुक्र ग्रह के पास होता है। इसके अलावा मीन जहां इसकी उच्च राशि है वहीं कन्या को इसकी नीच राशि माना जाता है। नक्षत्र में बात करें तो 27 नक्षत्र में से भरणी नक्षत्र, पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र का स्वामित्व भी शुक्र को प्राप्त होता है।

ज्योतिष में कुंभ राशि

अब कुंभ राशि की बात करें तो, कुंभ राशि को मानवीय और परोपकारी स्वभाव की राशि माना जाता है। देखा गया है की कुंभ राशि के जातक अपने आसपास की दुनिया को सुधार करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं। ऐसे जातक सच्चे और मानवीय गुणों से भरपूर होते हैं। कुंभ राशि की विशेषता की बात करें तो जिज्ञासा, लचीलापन, दयालुता, धैर्य, एकाग्रता, यह इस राशि की विशेषता होती है। वहीं उतावलापन और गुस्सैल स्वभाव इस राशि की कमजोरी मानी गई है। मिथुन राशि, वृषभ राशि, कन्या राशि, तुला राशि, मकर राशि, कुंभ राशि की मित्र राशियां होती हैं। इसके अलावा कुंभ राशि एक वायु तत्व की राशि मानी जाती है।

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शुक्र का कुंभ राशि में होना- कैसे देगा प्रभाव?

अब जब शुक्र का कुंभ राशि में गोचर होगा तो इससे मानव जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की संभावना है चलिये इस पर भी एक नज़र डाल लेते हैं। अक्सर देखा गया है कि शुक्र का कुंभ राशि में होना व्यक्ति के जीवन में भव्यता, साधन, संपन्नता, अच्छी जीवन शैली, आध्यात्मिक रुझान, आकर्षण आदि में वृद्धि लेकर आता है। 

शुक्र और कुंभ राशि का मेल जातकों को बेहद ही प्रभावशाली बनाता है। ऐसे जातक बौद्धिक रूप से मजबूत, मजाकिया स्वभाव के, मानवतावादी, रचनात्मक ख्यालों वाले, उदार दिल के और मिलनसार स्वभाव के होते हैं। शुक्र ग्रह भावनाओं और प्रेम को दर्शाता है वहीं कुंभ एक वायु तत्व की राशि है। ऐसे में इन दोनों का मेल भावनाओं को उड़ान दिलाता है। 

शुक्र का कुंभ राशि में होना व्यक्ति के जीवन में काफी महत्वपूर्ण बदलाव की वजह से बनता है। कुंभ राशि के स्वामी शनि होते हैं और शुक्र के साथ उनके मैत्रीपूर्ण रिश्ते माने गए हैं। ऐसे में शुक्र के लिए कुंभ राशि में होना एक शुभ स्थिति होती है। कुंभ राशि में शुक्र को अच्छा मार्गदर्शन प्राप्त होता है। शुक्र के कुंभ में होने से व्यक्ति बेहद ही मस्त मौला स्वभाव का स्वतंत्र और जोश से भरपूर नज़र आते हैं। 

शुक्र और कुंभ के संबंध से जातकों को कार्यक्षेत्र में अच्छी और अनुकूल संभावनाएं मिलती हैं। साथ ही इस दौरान व्यक्ति के अंदर नई चीजों से जुड़ने का शौक भी जागृत होता है। प्रेम और विवाह के संबंध में बात करें तो जब शुक्र का कुंभ राशि में प्रवेश होता है तो प्रेम संबंधों के लिहाज से यह समय आदर्श माना जाता है। इस दौरान जातकों के रिश्ते से हर तरह की गलतफहमी दूर होती है और बड़े से बड़े मुद्दे भी सुलझने लगते हैं।

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शुक्र ग्रह शांति मंत्र एवं उपाय

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कुंडली में शुक्र ग्रह की मजबूत स्थिति बेहद ही जरूरी होती है। यही वजह है कि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत स्थिति में नहीं होता है उन्हें ज्योतिष के जानकार इस ग्रह को अनुकूल और मजबूत बनाने के उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय चलिए आप भी जान लीजिए। 

  • शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सफेद और गुलाबी रंग का प्रयोग करें। 
  • अपनी पत्नी का आदर करें। 
  • मां लक्ष्मी की पूजा करें। 
  • भगवान परशुराम की पूजा करें। 
  • श्री सूक्त का पाठ करें। 
  • मुमकिन हो तो शुक्रवार के दिन व्रत रखना शुरू कर दें।
  • इसके अलावा आप चाहें तो शुक्र से संबंधित चीजों का दान करें। इससे भी शुक्र ग्रह की शांति प्राप्त होती है।
  • आप चाहें तो हीरा रत्न धारण कर सकते हैं। शुक्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए हीरा रत्न बेहद ही फलदाई माना जाता है। इसके अलावा आप चाहें तो अपने घर, कार्य क्षेत्र या व्यापार वाली जगह पर शुक्र यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। अगर आप जड़ी धारण करना चाहते हैं तो आप शुक्र के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए अरंड मूल की जड़ी धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष की बात करें तो शुक्र से संबंधित रुद्राक्ष छह मुखी और तेरह मुखी रुद्राक्ष माना गया है। 
  • इसके अलावा आप शुक्र से संबंधित मंत्र ॐ शुं शुक्राय नमः का भी नियमित रूप से जप कर सकते हैं। इससे भी आपको जल्द ही शुक्र के शुभ और अनुकूल परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे।

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शुक्र का कुंभ राशि में गोचर- राशि अनुसार प्रभाव और उपाय

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र ग्रह दूसरे और सातवें घर पर शासन करता है जो परिवार, वित्त, भाषण और विवाह और साझेदारी का भाव कहा जाता है। शुक्र का कुंभ राशि में गोचर…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शुक्र लग्न और छठे भाव का स्वामी है और शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र पंचम और 12वें भाव का स्वामी है और शुक्र का कुंभ राशि में गोचर आपके…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र चतुर्थ और 11वें भाव का स्वामी है जो आराम, विलासिता और भौतिक लाभ और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शुक्र दसवें घर और तीसरे भाव का स्वामी है जो भाई बहन, छोटी दूरी…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र नवम और दूसरे भाव का स्वामी है जो धर्म, उच्च शिक्षा और…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र अष्टम और पहले घर का स्वामी है जिसे स्वयं, चरित्र, दीर्घायु, अचानक लाभ…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शुक्र 12वें और सप्तम भाव का स्वामी है जो व्यय, मोक्ष, विवाह और व्यावसायिक साझेदारी…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए शुक्र रोग, शत्रु और भौतिक लाभ और इच्छा के छठे और 11वें भाव का…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शुक्र प्रेम, संतान और शिक्षा के पांचवें और नाम प्रसिद्धि और मान्यता के…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए शुक्र आराम, विलासिता और खुशी के चतुर्थ और धर्म, आध्यात्मिकता और उच्च अध्ययन के…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए शुक्र तीसरे और अष्टम भाव का स्वामी है जिसे छोटी यात्रा, यात्रा, लंबी उम्र, अचानक लाभ…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)

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