शुक्र का तुला राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में हम आपको शुक्र का तुला राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान करेंगे। बता दें कि प्रेम के कारक ग्रह शुक्र 30 नवंबर, 2023 को अपनी राशि तुला में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का गोचर आपके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव डालेगा। तो आइए जानते हैं यह गोचर किस राशि के जातकों के लिए शुभ व किस राशि के जातकों के लिए अशुभ साबित होने वाला है। साथ ही, जानेंगे इसके नकारात्मक प्रभाव से बचने के आसान उपायों के बारे में।
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह को प्रेम, विवाह, सौंदर्य और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह माना जाता है। शुक्र ग्रह को भगवान विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी के नाम से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि यदि कुंडली में शुक्र देव के मज़बूत होने पर महालक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। हालांकि, शुक्र को स्त्री ग्रह माना जाता है जो किसी व्यक्ति की कुंडली में सुंदरता, रचनात्मकता और भौतिकता आदि का प्रतिनिधित्व करता है। शुक्र महाराज संगीत, कविता, पेंटिंग, गायन, ड्रामा, ओपेरा, अभिनय आदि को नियंत्रित करते हैं। इनके प्रभाव से जातक दयालु, उदार, ज्ञानी और प्रेम से पूर्ण बनता है। शुक्र विशेष रूप से किसी पुरुष की कुंडली में जातक की पत्नी, बड़ी बहन और बड़ी उम्र की महिलाओं, युवा और वीरता को दर्शाता है। शुक्र मजबूत होने पर व्यक्ति को सेलिब्रिटी बनाने की क्षमता रखता है। इसके अलावा, व्यक्ति में जुनून का गुण भी शुक्र से देखा जाता है और इन्हें यौन क्षमताओं का कारक भी ग्रह माना गया है।
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शुक्र का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा सकारात्मक प्रभाव
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके सातवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं, जो विवाह, जीवन साथी और व्यापार में साझेदारी को दर्शाता है। शुक्र का तुला राशि में गोचर मेष राशि वालों के वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल रहेगा और इस दौरान आपके रिश्ते में प्रेम एवं मधुरता में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, आप दोनों को एक-दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा और आप पार्टनर के साथ बाहर कहीं डिनर डेट पर जा सकते हैं और साथ में क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं। इस राशि के जो जातक अभी तक सिंगल हैं और वह शादी के बंधन में बंधने के लिए योग्य जीवनसाथी की तलाश कर सकते हैं। वहीं, जो जातक पहले से रिश्ते में हैं और अपने रिश्ते को विवाह में बदलना चाहते हैं, वे इस अवधि में शादी कर सकते हैं या फिर अपने विवाह की तारीख तय कर सकते हैं।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके बारहवें और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध और संतान आदि का भाव है। इसके परिणामस्वरूप, मिथुन राशि के जातकों को शुक्र का गोचर मिले-जुले परिणाम दे सकता है। जो छात्र डिजाइनिंग, आर्ट्स, रचनात्मकता, कविता आदि के क्षेत्र से जुड़ें हैं, शुक्र गोचर के दौरान वह रचनात्मकता से भरे रहेंगे। आप किसी विदेशी टीचर के माध्यम से कोई विदेशी कला सीख सकते हैं।
कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके ग्यारहवें और चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके चौथे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में चौथा भाव माता, घरेलू जीवन, घर, वाहन, संपत्ति आदि का भाव होता है। इसके परिणामस्वरूप, कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र का गोचर शानदार साबित होगा और संभव है कि यह आपके घर को खुशियों से भर देगा।
शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। साथ ही, आपका रिश्ता माता के साथ प्यार भरा और मजबूत रहेगा। यदि आपके बड़े भाई-बहन आपसे दूर हैं, तो वे आपसे मिलने की योजना बना सकते हैं। शुक्र इस समय चौथे भाव से आपके दसवें भाव पर दृष्टि डाल रहे हैं। ऐसे में, इस दौरान आप अपने घर के रिनोवेशन या सज-सज्जा पर काफ़ी धन खर्च कर सकते हैं।
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सिंह राशि
सिंह राशि वालों की कुंडली में शुक्र ग्रह आपके दसवें भाव और तीसरे भाव के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप आपके छोटे भाई-बहनों और आपके सलाहकारों के साथ आपका रिश्ता भी अच्छा बना रहेगा। आप अपनी रुचियों और शौक को पूरा करने के लिए काफ़ी ज्यादा धन ख़र्च करेंगे। यह गोचर आपके करियर के लिए भी फायदेमंद रहेगा। सिंह राशि के जो जातक कलाकार, स्टेज परफ़ॉर्मर, पत्रकार, एक्टर आदि हैं या फिर एंटरटेनमेंट से जुड़े व्यापार से संबंध रखते हैं, तो पेशेवर जीवन में अपनी रचनात्मकता के चलते उनका प्रदर्शन शानदार रहेगा और वे अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र महाराज आपके नौवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं जो अब शुक्र आपके परिवार, बचत और वाणी के भाव यानी कि दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, कन्या राशि वालों के लिए शुक्र का तुला राशि में गोचर अनुकूल कहा जा सकता है। इस अवधि में आपकी वाणी मिठास से भरी रहेगी और आप जो बोलेंगे अच्छा बोलेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप अपने सारे काम निपटाने में सक्षम होंगे। परिवार के सदस्यों के साथ आपका रिश्ता प्रेमपूर्ण रहेगा। साथ ही, आपके बैंक-बैलेंस और बचत में भी वृद्धि होगी। इन जातकों को पिता, गुरु या फिर पिता तुल्य व्यक्ति के माध्यम से लाभ की प्राप्ति हो सकती है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र देव आपके लग्न और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं जो कि शरीर और व्यक्तित्व का भाव है। शुक्र का तुला राशि में गोचर होने के कारण लग्न भाव के स्वामी शुक्र आपके व्यक्तित्व को बेहद आकर्षक बनाने का काम करेंगे। साथ ही, आपका सारा ध्यान अपने व्यक्तित्व को सुन्दर बनाने और सेहत में सुधार करने पर होगा। इस अवधि में लोग आपके व्यक्तित्व से आकर्षित होंगे। शुक्र का तुला राशि में गोचर के दौरान आप विलासिता से पूर्ण एक आरामदायक जीवन का आनंद लेते हुए दिखाई देंगे।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके छठे भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने वाले हैं। कुंडली में ग्यारहवां भाव धन लाभ, इच्छाओं, बड़े भाई-बहन, चाचा आदि का प्रतिनिधित्व करता है। धनु राशि के जातकों को बता दें कि शुक्र देव आपके लग्न भाव के स्वामी बृहस्पति के साथ शत्रुता का भाव रखते हैं और इसके परिणामस्वरूप, शुक्र का तुला राशि में गोचर आपको मिले-जुले परिणाम दे सकता है।
ग्यारहवें भाव में शुक्र महाराज की मौजूदगी आपके जीवन में लक्ज़री और सुख-सुविधाओं को बढ़ाने का काम करेगी और साथ ही, सभी तरह की भौतिक इच्छाएं पूरी होंगी। ग्यारहवें भाव के स्वामी की ग्यारहवें भाव में उपस्थिति आपको अपने बड़े भाई-बहनों और चाचा का सहयोग दिलाएगी। शुक्र का गोचर के दौरान आपका समय सामाजिक मेलजोल बढ़ाने में बीतेगा। हालांकि, शुक्र का गोचर शत्रुओं के साथ चल रही समस्याओं को सुलझाने के लिए उत्तम रहेगा और आप उन्हें अपने पक्ष में करने में भी सक्षम होंगे।
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शुक्र का तुला राशि में गोचर: इन राशियों पर पड़ेगा नकारात्मक प्रभाव!
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके लग्न और छठे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में छठा भाव शत्रु, स्वास्थ्य, प्रतियोगिता, मामा आदि को दर्शाता है।
हालांकि, सामान्यतौर पर आपके लग्न भाव के स्वामी का छठे भाव में जाना शुभ नहीं माना जाता है, लेकिन आपके मामले में शुक्र अपनी ही राशि में गोचर कर रहे हैं। ऐसे में, आपको ज्यादा समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, फिर भी आपको अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहने की आवश्यकता पड़ सकती है क्योंकि स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ करना आपको भारी पड़ सकता है और आप कई समस्याओं से ग्रस्त हो सकते हैं। सकारात्मक पक्ष की बात करें तो, वृषभ राशि वालों को अपने मामा का समर्थन मिलेगा। जिन जातकों का संबंध ब्यूटी और लक्ज़री सर्विस से है उनका व्यापार शुक्र का तुला राशि में गोचर की अवधि में फलता-फूलता दिखाई देगा।
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मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र ग्रह आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं जो आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। कुंडली में आठवां भाव अचानक से होने वाली घटनाओं, रहस्य और रहस्य विद्या का भाव है। शुक्र का आपके आठवें भाव में गोचर अधिक अनुकूल न रहने की संभावना है। लेकिन, आपके मामले में शुक्र महाराज अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहे हैं, तो ऐसे में, यह आपके लिए ज्यादा समस्याएं पैदा नहीं करेंगे। शुक्र के गोचर के दौरान पार्टनर के साथ आपकी संयुक्त संपत्ति में बढ़ोतरी होगी और ससुराल पक्ष के साथ आपका रिश्ता भी प्रेमपूर्ण बना रहेगा।
शुक्र का तुला राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय
- हर शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा करें और शुक्रवार का व्रत रखें।
- अपनी अनामिका, तर्जनी या दाहिने हाथ में हीरे की अंगूठी धारण करें।
- स्वयं को संवारने और अच्छी स्वच्छता बनाए रखने से कमजोर शुक्र को सुधारने में मदद मिलती है।
- अगर संभव हो तो अधिक से अधिक सफेद रंग के कपड़े पहने। ऐसा करने से शुक्र की सकारात्मकता प्राप्त होगी।
- शुक्र के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए दैनिक आधार पर सुगंध और इत्र का उपयोग करना एक और आसान उपाय है।
- अपने घरों या कार्यालयों में शुक्र यंत्र स्थापित करें और पूजा करें।
- छह मुखी रुद्राक्ष धारण करें।
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