शुक्र का सिंह राशि में गोचर: सभी 12 राशियों के जीवन में देखने को मिलेंगे कई सारे बदलाव!

गोचर की सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और 12 राशियों से होता है। ग्रह गोचर का अर्थ होता है ग्रहों का चलना या गति करना। जब कोई ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो इस प्रकिया को गोचर कहा जाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के गोचर का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में अपनी राशि में परिवर्तन करते हैं। सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का अवधि अलग-अलग होती है। शुक्र ग्रह की बात करें तो शुक्र लगभग 23 दिनों तक एक राशि में विराजमान रहते हैं, उसके बाद ये दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। 

Varta Astrologers

दुनियाभर के विद्वान ज्योतिषियों से करें फ़ोन पर बात और जानें करियर संबंधित सारी जानकारी

इसी क्रम में शुक्र अक्टूबर के महीने में सिंह राशि में गोचर करने वाले हैं। शुक्र ग्रह के राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों के ऊपर प्रभाव जरूर पड़ता है। तो आइए एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में विस्तारपूर्वक जानते हैं कि शुक्र का सिंह राशि में गोचर सभी राशि के जातकों पर कैसा प्रभाव डालेगा और इसके अशुभ प्रभावों से बचने के क्या उपाय हैं।

शुक्र का सिंह राशि में गोचर: समय और तिथि

प्रकृति में स्त्री और सुंदरता के कारक ग्रह शुक्र 02 अक्टूबर, 2023 की मध्यरात्रि 12 बजकर 43 मिनट पर सूर्य के स्वामित्व वाली राशि सिंह में गोचर करने जा रहे हैं। जहां सिंह सूर्य की स्व राशि है वही सिंह शुक्र के लिए शत्रु समान है। ऐसे में, स्वाभाविक है कि इस गोचर से जातक को मिले-जुले परिणाम देखने को मिलेंगे। इस ब्लॉग के माध्यम से हम शुक्र के सिंह राशि में गोचर से जुड़ी सभी जरूरी और महत्वपूर्ण बातों की जानकारी आपको प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा क्योंकि शुक्र प्रेम और विवाह का कारक ग्रह है इसलिए इस स्त्री ग्रह पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। शुक्र यहां सूर्य द्वारा शासक पुरुष राशि में मौजूद है। आइए सबसे पहले जान लेते हैं सिंह राशि में शुक्र के गोचर का क्या प्रभाव पड़ता है।

सिंह राशि में शुक्र के गोचर का प्रभाव

शुक्र ग्रह का सिंह राशि में गोचर करना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंह राशि में शुक्र की स्थिति कई कारणों से खास होती है, जिसमें एक महत्वपूर्ण कारण सिंह राशि का अग्नि तत्व को होना है और शुक्र का शीतल होना। सिंह राशि के स्वामी सूर्य हैं जो स्वयं अग्नि का स्त्रोत है और ऐसे में, प्रेम, यौवन, भावनाओं के कारक ग्रह शुक्र सिंह राशि में होने से जातकों को मिलेजुले परिणाम देंगे। सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक भीड़ से अलग हटकर चलना पसंद करता है और नेतृत्व का गुण इनके भीतक गहराई तक होता है। इसके अलावा, इनके अंदर समाज को प्रभावित व आकर्षित करने का गुण भी पाया जाता है। 

सिंह राशि दिल और दिमाग पर राज करने वाली राशि होती है, इसलिए शुक्र का सिंह राशि में होना कई मायनों में बेहतरीन चीज़ों को दिखाने वाला होता है। शुक्र एक सकारात्मक ग्रह है और सिंह एक सकारात्मक राशि है इसलिए दोनों का एक साथ आना प्रेम जीवन के लिए शानदार साबित हो सकता है। ये जातक अच्छे पल को रोमांचक और आशावादी होकर महसूस करने की कोशिश करते हैं। 

करियर की बात करें तो शुक्र कला, सौंदर्य और रचनाओं का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि सिंह भी रचनात्मक के गुण रखती है इसलिए सिंह राशि में शुक्र के प्रभाव से जातक की रुचि रचनात्मक कार्यों के प्रति अधिक होती है। ये जातक होटल इंडस्ट्री, एडवाइजर, प्रबंधक, रियल एस्टेट जैसे क्षेत्रों में अच्छा करते हैं। इसके अलावा कार्यक्षेत्र में अपने सहकर्मियों, दोस्तों के साथ मिलकर काम करना पसंद करते हैं। साथ ही, सामाजिक क्षेत्र में भी कई कार्यों को करके मान सम्मान भी पाते हैं। इनके काम की पहचान दूर तक देखने को मिल सकती है। खास बात यह है कि ये अपने काम में गरिमा और प्रतिष्ठा का विशेष ध्यान रखते हैं। सरकारी क्षेत्र में भी ये अपार सफलता पाते हैं। इनका एक गुण यह भी है कि ये जातक कोई भी फैसला निडरता के साथ लेने में सक्षम होते हैं।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

ज्योतिष में शुक्र ग्रह का महत्व

शुक्र का ज्योतिष में विशेष महत्व होता है। अन्य ग्रहों की तरह शुक्र भी जातक के निजी जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज्योतिष में इसे बेहद शुभ व लाभकारी ग्रह माना जाता है। शुक्र प्रेम जीवन में सुख और आनंद प्रदान करता है। यह विवाह, प्रेम प्रसंग और व्यभिचार के कारक भी है। राशि चक्र में शुक्र, वृषभ और तुला राशियों का स्वामित्व प्राप्त है। 27 नक्षत्रों में से शुक्र भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों में शासन करते हैं। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं और सूर्य और चंद्रमा से इनकी शत्रुता है। शुक्र का गोचर 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्र एक राशि में करीब 23 दिन तक रहता है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार, शुक्र ग्रह असुरों का गुरू कहा जाता है इसलिए इन्हें शुक्राचार्य भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, शुक्र का वर्ण श्वेत हैं और ये ऊँट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार होते हैं। इनके हाथों में दण्ड, कमल, माला और धनुष-बाण भी है। शुक्र ग्रह का संबंध धन की देवी माँ लक्ष्मी जी से है इसलिए सुख-वैभ व धन की प्राप्ति के लिए लोग शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी का व्रत रखते हैं। ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

कुंडली में शुक्र ग्रह मजबूत होने के संकेत

जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत होता है उसे नौकरी में तरक्की व व्यापार-व्यवसाय में खूब लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कुंडली में शुक्र के मजबूत होने के क्या संकेत हैं:

  • यदि किसी व्यक्ति को जीवन में अचानक सफलता मिलने लगे तो समझ लें कि यह शुक्र के शुभ होने का संकेत है। 
  • जब किसी व्यक्ति को अचानक मान-सम्मान मिलने और कार्यक्षेत्र में उसकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होने लगे तो यह कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने का संकेत माना जाता है।
  • इसके अलावा, बली शुक्र व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है और यह पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना को बढ़ाता है। 
  • प्रेम संबंध में रहने वाले व्यक्ति के जीवन में रोमांस में वृद्धि देखने को मिलती है। 
  • जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र मजबूत स्थिति में होता है वह व्यक्ति जीवन में भौतिक सुखों का आनंद लेता है।
  • शुक्र की मजबूत स्थिति के कारण व्यक्ति साहित्य एवं कला में रुचि लेता है और इस क्षेत्र में खूब आगे बढ़ता है।
  • शुक्र के शुभ प्रभाव के फलस्वरूप व्यक्ति कोरियोग्राफी, संगीतकार, पेंटर, फैशन, डिज़ाइनिंग, इवेंट मैनेजमेंट, कपड़ा संबंधी व्यवसाय, होटल, रेस्ट्रोरेंट, टूर एंड ट्रेवल, थिएटर, साहित्यकार, फिल्म इंडस्ट्री आदि कार्यक्षेत्र में खूब तरक्की करता है।

कुंडली में पीड़ित शुक्र देते हैं ये संकेत

शुक्र सुख-समृद्धि, धन, वैभव और प्रेम के कारक है। माना जाता है कि कुंडली में शुक्र की कमज़ोर स्थिति के परिणामस्वरूप जातकों इन क्षेत्रों में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिलते हैं। आइए अब जानते हैं कुंडली में पीड़ित शुक्र के क्या परिणाम मिलते हैं: 

  • कुंडली में पीड़ित शुक्र की वजह से जातक को संतान सुख में कमी महसूस होती है।
  • इसके अलावा, जातक आर्थिक दंगी से परेशान रहता है और धन की काफी कमी देखने को मिलती है।
  • कमज़ोर शुक्र के कारण जातक को किडनी से संबंधित बीमारी होने का ख़तरा रहता है। व्यक्ति को आंखों से सबंधित वहीं स्त्री जातकों के लिए शुक्र गर्भपात का कारण बनता है।
  • पीड़ित शुक्र के कारण व्यक्ति को अपने वैवाहिक जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 
  • व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है और भौतिक सुखों का अभाव होने लगता है।
  •  यदि जन्म कुंडली में शुक्र कमज़ोर होता है तो जातक को कई प्रकार की शारीरिक, मानसिक, आर्थिक एवं सामाजिक कष्टों का भी सामना करना पड़ता है।

पाएं अपनी कुंडली आधारित सटीक शनि रिपोर्ट

शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए अपनाएं ये खास उपाय

जिनकी जातकों की कुंडली में शुक्र कमज़ोर स्थिति में विराजमान रहते हैं, उन्हें ये ज्योतिषीय उपाय करना चाहिए। इससे कुंडली के शुक्र मजबूत होंगे।

इस मंत्र का करें जाप

जिन जातकों की कुंडली में शुक्र कमजोर स्थिति में होते हैं, उन्हें नियमित रूप से हर शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन शुक्र के इस मंत्र “ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” का जाप नियानुसार करना चाहिए। मान्यता है कि इससे शुक्र मजबूत होते हैं और व्यक्ति आर्थिक तंगी की समस्या से जीवन भर के लिए छुटकारा पा लेता है।

शुक्रवार का रखें व्रत

कुंडली में पीड़ित शुक्र के लिए नियमित रूप से 11 या 21 शुक्रवार का व्रत रखें। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से सुख, सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है और माता लक्ष्मी का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

चींटि को खिलाएं आटा

कुंडली में शुक्र मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन चींटी को चीनी मिलकर आटा खिलाएं। ऐसा करने से व्यक्ति लोन व कर्ज के बोझ से व्यक्ति को छुटकारा मिलता है।

इन चीज़ों का करें सेवन

शुक्र को मजबूत करने के लिए भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी का सेवन जरूर करें। ऐसा करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है।

इन चीज़ों का करें दान

मान्यता है कि शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन वस्त्र, चावल, घी, चीनी, दही आदि चीज़ों का मंदिर में दान करें और साथ ही, भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें व उन्हें सफेग रंग के फूल अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से शुक्र ग्रह मजबूत होते हैं।

सफेद रंग के कपड़े पहनें

शुक्र ग्रह को सफेद रंग अति प्रिय हैं इसलिए शुक्र की कृपा पाने के लिए कोशिश करें कि सफेद रंग के ही वस्त्र धारण करें। अगर यह संभव न हो तो सफेद रंग की रुमाल अपने पास रखें।

अब घर बैठे विशेषज्ञ पुरोहित  से कराएं इच्छानुसार ऑनलाइन पूजा और पाएं उत्तम परिणाम!

शुक्र का सिंह राशि में गोचर: सभी 12 राशियों पर शुभाशुभ प्रभाव!

मेष राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर के परिणाम स्वरूप आपको इस गोचर के दौरान अपने अंदर असुरक्षा की भावना महसूस हो सकती है जिससे… (विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपके जीवन में सुख सुविधाओं और आराम में कमी देखने को मिल सकती है। बिना बात की चिंताएं आपके जीवन पर बोझ डाल सकती हैं…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपके प्रयासों में प्रगति कराने के लिहाज से शुभ साबित होगा। आप अपनी बुद्धि, ज्ञान, और कौशल के दम पर अपने व्यक्तिगत विकास के लिए कदम बढ़ाएंगे…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि

करियर के मोर्चे पर शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपको ज्यादा पेशेवर रवैया अपनाने की सलाह दी जाती है क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें) 

सिंह राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपको अपने करियर में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

करियर के संदर्भ में शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपकी व्यवसायिक आकांक्षाओं को पूरा करने में मददगार साबित होगा। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

करियर के संबंध में शुक्र का सिंह राशि में गोचर बार-बार नौकरी में बदलाव की वजह बनेगा क्योंकि…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर के दौरान आपको अनुकूल और प्रतिकूल दोनों ही…(विस्तार से पढ़ें)

धनु राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर के परिणाम स्वरूप धनु राशि के जातकों को सौभाग्य की प्राप्ति होगी जिससे आप…(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपके जीवन में करियर से संबंधित ढेरों नए अवसर लेकर आएगा जो आपको…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर आपकी संपत्ति को बढ़ाने के अवसर प्रदान करती नजर आने वाले है जिससे आपके…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

शुक्र का सिंह राशि में गोचर विदेश यात्रा के ढेरों अवसर आपके जीवन में लेकर के आएगा। साथ ही यह…(विस्तार से पढ़ें)

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि आपको यह ब्लॉग भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.