वैदिक ज्योतिष में भौतिक सुखों के देवता शुक्र ग्रह को अत्यंत शुभ ग्रह माना गया है। सौरमंडल के समस्य ग्रहों में से शुक्र सबसे ज़्यादा चमकदार ग्रह होते हैं। इसलिए ये संध्या या भोर के तारा के नाम से भी विख्यात है।
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शुक्र ग्रह को वैवाहिक जीवन, स्त्री, प्रमाद, वैभव, भौतिक सुख, विलास, रंग-रूप, कला, कल्चर, साहित्य, संतान आदि का कारक तत्व प्राप्त होता है। इसके अलावा सभी 12 राशियों में से शुक्र वृषभ और तुला राशि के स्वामी होते हैं, जबकि मीन इनकी उच्च राशि तो कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। ग्रहों की बात करें तो बुध और शनि ग्रह के साथ शुक्र का मित्रता का भाव होता है, परंतु सूर्य और चंद्रमा के साथ ये शत्रुता का भाव रखते हैं। इसलिए समस्त मानव जाति के जीवन में शुक्र का विशेष महत्व होता है।
कुंडली में शुक्र का प्रभाव
ज्योतिचार्यों की मानें तो किसी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमज़ोर या दुर्बल होने पर, जातक को आजीवन साथी, वाहन, घर और धन का आभाव रहता है। इसके विपरीत कुंडली में शुक्र की शुभ स्थिति जातक को जीवन में वाहन व भौतिक सुख, वैवाहिक एवं संतान सुखों की प्राप्ति करवाती है। यही कारण है कि व्यक्ति के विवाह या संतान से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति का आंकलन किया जाता है।
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शुक्र के गोचर की समयावधि
शुक्र ग्रह अपना हर गोचर लगभग 23 दिन की अवधि में करते हैं, यानी शुक्र को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग 23 दोनों का समय लगता है। अब यही फैशन, प्रेम, सौंदर्य और भौतिक व सांसारिक सुखों के कारक शुक्र एक बार फिर अपना गोचर करते हुए 07 अगस्त 2022, रविवार की सुबह 05 बजकर 12 मिनट पर अपने मित्र ग्रह बुध की राशि मिथुन से निकलकर, अपने शत्रु ग्रह चन्द्रमा की राशि कर्क में प्रवेश करेंगे और इस स्थिति में वो इस माह के अंत तक रहेंगे। फिर 31 अगस्त को शुक्र पुनः अपना गोचर करते हुए सूर्य की राशि सिंह में प्रवेश कर जाएंगे।
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तो चलिए इस लेख के माध्यम से आज हम जानेंगे कि आखिर शुक्र के शत्रु ग्रह की राशि में गोचर का क्या प्रभाव देश-दुनिया के साथ-साथ किन-किन राशियों के लिए कितना शुभ और कितना अशुभ रहने वाला है।
शुक्र के कर्क में गोचर का प्रभाव
- शादीशुदा जातकों के लिए ख़ास होगा शुक्र का ये गोचर
चूँकि 7 अगस्त को शुक्र का कर्क में गोचर हो रहा है, जहां उनका मिलन वहां पहले से मौजूद सूर्य देव के साथ होगा। जैसा हमने पहले ही बताया कि सूर्य और शुक्र के बीच शत्रुता का भाव होता है। साथ ही चन्द्रमा भी शुक्र के लिए शत्रु ग्रह माने जाते हैं। ऐसे में शत्रु ग्रह की राशि कर्क में शुक्र का गोचर करना और वहां शत्रु सूर्य के साथ शुक्र की युति होना, सीधे तौर पर जातकों के वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल लेकर आएगा।
- कहीं अधिक वर्षा तो कहीं सूखे की समस्या
चूँकि शुक्र कर्क राशि में गोचर कर रहा है जहाँ सूर्य के साथ उसकी युति होगी और मकर में वक्री शनि के साथ मिलकर शुक्र समसप्तक योग बनाएंगे। जिस कारण इस पूरे ही गोचर काल के दौरान कुछ प्राकृतिक विपदाओं के चलते देश भर में जान-माल की हानि संभव है। साथ ही शुक्र-शनि का समसप्तक योग जहाँ देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में अत्यधिक वर्षा से समस्या देगा। वहीं देश के दूसरे राज्यों में वर्षा की कमी के चलते कृषि जगत को भी काफी परेशानी उठानी पड़ सकती हैं।
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- देश पर इस गोचर का प्रभाव
शुक्र के कर्क में गोचर से देश की सरकार को टैक्स आदि से बड़ा आर्थिक फायदा होगा। परंतु बीच-बीच में देश की जनता को कुछ आंतरिक समस्याओं से काफी परेशानी भी उठानी पड़ सकती है। इससे केंद्र सरकार के समक्ष कई गंभीर चुनौतियां आएंगी।
- धार्मिक रुझान की होगी वृद्धि
इस गोचर के दौरान शुक्र के शत्रु सूर्य के साथ युति करने से, देशभर में लोगों का धार्मिक व आध्यात्मिक रुझान बढ़ेगा।
- खुदरा बाज़ार पर इस गोचर का प्रभाव
इस गोचर से शुक्र की स्थिति और शुक्र पर अन्य ग्रहों का प्रभाव शेयर बाज़ार विशेषकर ख़ुदरा बाज़ार में काफी हलचल होने की आशंका बनाएगा। जिसके परिणामस्वरूप सॉफ्टवेयर शेयरों में अच्छा उछाल देखने को मिलेगा। साथ ही तेल, घी, गुड़, शक़्कर के भाव में काफी तेजी आएगी। जबकि चाँदी, गेहूं, जौ, मटर, अरहर के भावों में पहले मंदी बाद में तेजी आने की संभावना रहेगी।
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राशियों पर शुक्र के गोचर का शुभ-अशुभ प्रभाव
- इन जातकों को वैवाहिक जीवन में मिलेगा सुख
- मेष: शुक्र के इस गोचर से आपको समाज में मान-सम्मान प्राप्त होगा। यदि आप शादीशुदा हैं तो शुक्र देव की कृपा से मेष जातक अपने दांपत्य सुख का आनंद लेते दिखाई देंगे। साथ ही आपको अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा समय व्यतीत करते हुए, आपस के हर विवाद को हल करने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा आप उत्तम स्वास्थ्य बनाए रखने में भी कामयाब रहेंगे।
- मिथुन: मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र का ये गोचर परिवार के सदस्यों के साथ उनके संबंधों में मधुरता लाएगा। इस अवधि में आप घरवालों के साथ मिलकर किसी शुभ कार्य की योजना भी बना सकते हैं। साथ ही वो विवाहित जातकों जो परिवार में विस्तार का सोच रहे थे, उन्हें गर्भधारण का शुभ समाचार मिलेगा। वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये अवधि अनुकूल साबित होगी।
- कन्या: कन्या राशि के वैवाहिक जीवन में शुक्र देव शुभ फल लेकर आएंगे। इससे शादीशुदा लोगों को अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा वक़्त व्यतीत करने और अपने बीच प्रेम व आपसी समझ को बढ़ाने में सफलता मिलेगी। वहीं जो लोग प्रेम संबंध मे हैं, उन्हें भी शुक्र देव अपने रिश्ते में मधुरता व सकारत्मकता लाने में मदद करेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य के लिहाज से आपको इस समय अपनी किसी पुरानी बीमारी से हमेशा-हमेशा के लिए निजात मिलने वाली है।
- मकर: शुक्र देव के गोचर के फलस्वरूप आपको अपने वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के कई सुनहरे अवसर मिलने वाले हैं। शुक्र का प्रभाव आपके बीच प्रेम व रोमांस को बढ़ाएगा, जिससे आप अपने पुराने दिनों को याद करते हुए ख़ुशी के पल साथ व्यतीत करेंगे। वहीं आपकी सेहत को देखें तो आपको इस अवधि में कोई भी बड़ी स्वास्थ्य समस्या नहीं परेशान करेगी।
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- इन राशियां को रहना होगा सावधान!
- कर्क: शुक्र के कर्क यानी आपकी ही राशि में गोचर करने से सबसे अधिक आपको अपने वैवाहिक जीवन में कई समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा। आशंका है कि आपका अपने साथी से अहम का टकराव हो, जिससे बात झगड़े में भी बदल सकती है। ऐसे में आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने साथी के साथ उचित संवाद कर हर ग़लतफ़हमियों को समय रहते सुलझाने का प्रयास करें। वहीं सेहत के लिहाज़ से इस दौरान आप मानसिक तनाव से ग्रस्त रह सकते हैं।
- तुला: तुला जातकों को शुक्र के इस गोचर से नकारात्मक परिणाम मिलने की आशंका अधिक रहेगी। खासतौर से यदि आप शादीशुदा हैं तो आपको साथी के साथ संबंध में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जिसके फलस्वरूप जीवनसाथी के साथ किसी बात पर आपकी नोक-झोंक भी हो सकती है। साथ ही शुक्र के कर्क राशि में गोचर से तुला जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति भी अधिक सावधान रहने की ज़रूरत होगी।
- धनु: शुक्र का ये गोचर सबसे अधिक आपको सेहत से जुड़ी समस्या देने वाला है। आशंका ये भी है कि इस दौरान आपके जीवनसाथी के स्वास्थ्य में गिरावट आए, जिससे आपके भी तनाव में वृद्धि देखी जाएगी। इसलिए अपने जीवनसाथी के स्वास्थ्य का सही से ख़्याल रखें और उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
- कुंभ: ये गोचर कुंभ जातकों के वैवाहिक जीवन में सबसे अधिक चुनौतियां लेकर आ रहा है। क्योंकि इस दौरान आपका अपने साथी से बेकार की बातों पर विवाद होता रहेगा। इसलिए आपको यह सलाह दी जाती है कि अपने जीवनसाथी से बात करें और अपने बीच के हर मतभेद को सुलझाने का प्रयास करें। साथ ही सेहत के नज़रिए से भी इस अवधि में आपको सावधान रहने की ज़रूरत होगी। क्योंकि योग बन रहे हैं कि आप किसी कारणवश चोट के शिकार हो जाएं।
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शुक्र की अशुभ स्थिति से होने वाली समस्याएं
यदि किसी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमज़ोर या अशुभ हो तो उस जातक को अपने जीवन में कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं होने का खतरा रहता है। जैसे:
- व्यक्ति को गाल, ठुड्डी और नसों से संबंधित विकार होने का खतरा शुक्र के कारण हो बनता है।
- कुंडली में शुक्र की बेहद अशुभ स्थिति से वीर्य संबंधी गुप्त रोग व कई अन्य प्रकार के यौन रोग भी होने का खतरा रहता है।
- शुक्र के अशुभ फलों से समय से पहले ही व्यक्ति में कामेच्छा समाप्त होने की आशंका भी रहती है।
- पैर या हाथ के अँगूठे में दर्द रहना या अँगूठे से संबंधित कोई अन्य समस्या का होना भी कुंडली में शुक्र की कमज़ोर स्थिति को दर्शाता है।
- व्यक्ति को त्वचा संबंधी रोग भी शुक्र देव की स्थिति से ही मिलते हैं।
- इसके अलावा अंतड़ियों से संबंधी रोग, पैरों या पाँव की समस्या आदि के पीछे भी शुक्र की नकारात्मक स्थिति को देखा जाता है।
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शुक्र की शांति हेतु कुछ सरल उपाय
- अपनी कुंडली में शुक्र की स्थिति को मजबूत करने के लिए आपको शुक्रवार के 21 या 31 व्रत करने चाहिए।
- जितना संभव हो शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करें।
- नियमित रूप से हर शुक्रवार के दिन शुक्र बीज मंत्र “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” की 5, 11 या 21 माला का जाप करें।
- शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे: चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने भोज्य पदार्थ का गरीबों व ज़रूरतमंदों में दान करें।
- आप श्रृंगार सामग्री, कपूर, मिश्री, दही आदि का भी दान छोटी कन्याओं में कर सकते हैं।
- अपनी कुंडली में शुक्र के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए हीरा धारण करें। इसके लिए आप हमारे ज्योतिषाचार्य से चैट या कॉल के माध्यम से सलाह ले सकते हैं।
- सभी महिलाओं का सम्मान करने और अपने आप-पास साफ-सफाई बनाए रखें।
- इत्र आदि का प्रयोग करने से भी शुक्र ग्रह को मजबूत किया जा सकता है।
- शुक्रवार के दिन खट्टी चीज़ों का सेवन करने से परहेज करें।
- ऑनलाइन शुक्र ग्रह शांति पूजा के माध्यम से शुक्र की अशुभता को दूर कर अपने दांपत्य जीवन में लाएं सुख-समृद्धि।
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