तुला में गोचर कर शुक्र बनाएंगे दो बड़े ग्रहों के साथ त्रियुति, जानें आपके जीवन पर इसका प्रभाव !

18 अक्टूबर 2022, तुला में शुक्र का गोचर: समस्त ग्रहों में से शुभ ग्रह माने जाने वाले शुक्र देव को सौंदर्य, कला, ऐश्वर्य, भौतिक सुख, लक्ज़री, कामुक भावनाओं का कारकतत्व प्राप्त होता है। इसके अलावा ये व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के कारक भी होते हैं। यही कारण है कि यदि किसी जातक की कुंडली में शुक्र शुभ व मजबूत स्थिति में हो तो, उस जातक को अपने जीवन में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। उसका वैवाहिक जीवन भी अत्यंत सुखमय रहता है। 

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जबकि इसके विपरीत यदि किसी कुंडली में शुक्र की स्थिति कमजोर या अशुभ हो तो, जातक को इससे अपने जीवन में दरिद्रता से दो-चार होना पड़ सकता है। ऐसे लोग दांपत्य सुख से भी वंचित रहते हैं व उन्हें धन की काफी कमी खलती है। शुक्र का अशुभ प्रभाव कितना घातक है इस बात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि यदि किसी महिला की कुंडली में शुक्र दुर्बल हो तो वो स्थिति गर्भपात से संबंधित कोई समस्या भी दे सकती है। इसलिए यदि आप भी इस तरह की समस्याओं से परेशान हैं तो अपनी कुंडली में शुक्र के हर प्रकार के दोषों से मुक्ति पाने के लिए आप ज्योतिषी सलाह के बाद शुक्र ग्रह की शांति हेतु कारगर उपाय कर सकते है।

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ज्योतिष में शुक्र ग्रह

शुक्र सबसे चमकदार ग्रह होता है, जिस कारण उसे भोर का तारा भी कहते हैं। राशियों की बात करें तो वृषभ और तुला राशि शुक्र के स्वामित्व वाली राशियां होती है, जबकि मीन इनकी उच्च राशि तो कन्या इनकी नीच राशि कहलाती है। नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वाफाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा शुक्र के आधिपत्य वाले नक्षत्र माने गए है। ग्रह मैत्री चक्र अनुसार बुध और शनि, शुक्र के मित्र ग्रह होते हैं, जबकि सूर्य और चंद्र से इनका शत्रुता का भाव होता है। ऐसे में जब भी शुक्र किसी स्थान पर अपने मित्र ग्रह के साथ युति करते हैं तो वो स्थिति शुक्र के प्रभावों को बढ़ाती है, क्योंकि उस दौरान शुक्र बली अवस्था में होते हैं। जबकि शत्रु ग्रह के साथ शुक्र की युति उन्हें कमजोर बनाने का कार्य करती है। 

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ज्योतिषाचार्यों की दृष्टि से शुक्र के तुला में गोचर का प्रभाव 

  • तुला राशि पर शुक्र का प्रभाव  

तुला राशि पर शुक्र का प्रभाव सबसे अधिक रहता है। क्योंकि न केवल शुक्र इस राशि के प्रथम भाव व अष्टम भाव पर अपना अधिपत्य रखते हैं, बल्कि ये शुक्र की मूल त्रिकोण राशि भी होती है। ऐसे में शुक्र का इसी राशि में गोचर करना जातकों को आर्थिक रूप से स्थिर बनाएगा। तुला राशि राशि चक्र की सप्तम राशि होती है, इसलिए सप्तम राशि में शुक्र का प्रथम भाव में गोचर करना सीधे तौर पर शादीशुदा जातकों के जीवन में अनुकूलता लेकर आएगा। क्योंकि इस दौरान शुक्र शुभ स्थिति में होंगे, जिससे शादीशुदा जातकों के रिश्ते में आ रही हर प्रकार की समस्या से निजात मिल सकेगी।

  • शुक्र बनाएंगे तुला में सूर्य के साथ युति

18 अक्टूबर को जब शुक्र अपनी ही तुला राशि में गोचर करेंगे, तो उनकी युति वहां पहले से उपस्थित सूर्य के साथ होगी। ज्योतिष में शुक्र और सूर्य के बीच शत्रुता का भाव होता है, ऐसे में उनका एक साथ युति करना जातकों के जीवन में निजी जीवन में कार्यक्षेत्र पर बढ़ते तनाव के कारण कुछ अशांति उत्पन्न कर सकता है। आपके अहंकार की भी वृद्धि होगी। 

  • शुक्र-सूर्य-केतु की होगी त्रियुति 

शुक्र अपना गोचर तुला में करते हुए सूर्य और केतु के साथ अपनी युति बनाएंगे। ऐसे में इन तीन ग्रहों की ये त्रियुति दांपत्य जातकों को कष्ट देगी। केतु कुछ छात्रों का ध्यान प्रेम संबंधों की ओर भ्रमित करेंगे। परंतु शुक्र देव उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हुए समय-समय पर सावधान भी करते रहेंगे। 

  • शुक्र पर होगी शनि की विशेष दृष्टि 

शुक्र और शनि आपस में मित्रता का भाव रखते हैं। वहीं तुला राशि जहाँ शुक्र की मूल त्रिकोण राशि होती है, वहीं शनि तुला में उच्च के माने गए हैं। ऐसे में शुक्र के तुला में गोचर करने पर उनपर शनि की दशम दृष्टि होगी, जिसके परिणामस्वरूप जातक इस अवधि में अधिक मेहनती और ईमानदार बनेंगे। उनका मान-सामना बढ़ेगा व उन्हें दोनों ग्रहों की कृपा से अपनी इच्छाओं की पूर्ति करने में मदद मिलेगी। 

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  • देश पर शुक्र के गोचर का प्रभाव

स्वतंत्र भारत की कुंडली कर्क लग्न की मानी गई हैं और अब शुक्र तुला में गोचर करते हुए कर्क से चतुर्थ भाव में प्रवेश करेंगे। इसके फलस्वरूप देशभर के लोग अपनी सुख-सुविधाओं में वृद्धि करते हुए जमकर खरीदारी करेंगे। इस कारण सबसे अधिक औद्योगिक क्षेत्रों का विकास होगा। साथ ही देश के मौद्रिक भंडार में भी इजाफा होने के योग बनेंगे। 

हालांकि सूर्य-शुक्र की युति से देशभर के लोगों में सरकार के कुछ फैसलों को लेकर अशांति देखने को मिलेगी। इस कारण कुछ राज्य स्थर पर सरकार को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। 

  • शेयर बाज़ार पर शुक्र के गोचर का प्रभाव

तुला में अपना गोचर करते हुए शुक्र शेयर बाजार को भी प्रभावित करेंगे। संभावना है कि ये गोचर क्रूड ऑइल, सॉफ्टवेयर एवं आईटी सेक्टर के शेयरों में जहाँ तेजी लेकर आएगा। वहीं चांदी, रुई, खाण्ड एवं गुड़ के भावों में भी बढ़ोतरी आने के योग बनेंगे। इसलिए मुनाफ़ा निकालना आपके लिए बेहतर रहेगा। 

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शुक्र की शांति हेतु कुछ सरल उपाय

  • हर शुक्रवार के दिन व्रत का पालन करें।
  • आर्थिक तंगी से निजात पाने के लिए हर शुक्रवार श्री सूक्त व श्री लक्ष्मी सूक्त का जाप अवश्य करें। 
  • हमेशा स्वच्छ व साफ़ वस्त्र पहनें और भूल से भी फटे कपड़े न पहनें। 
  • मां दुर्गा को श्रृंगार सामग्री भेंट करे। 
  • बछड़े वाली गाय की सेवा करना भी आपको शुक्र की शुभता दिलाने का कार्य करेगा। 
  • कुंडली में पीड़ित शुक्र से निजात पाने के लिए घी, दही, कपूर और अदरक को बहते जल में प्रवाहित करें।  
  • मां दुर्गा को सफेद वस्तु जैसे दूध, दही, चीनी, आटा, दूध और घी से बना प्रसाद चढ़ाएं।
  • रोजाना शुक्र देव के किसी भी मंत्र की कम से कम एक माला का जाप करें। 
  • घर पर सबसे पहली रोटी रोजाना गाय के लिए निकालें। 
  • किसी भी महिला का अपमान न करें और ज़रूरत पड़ने पर उनकी सहायता करें।
  • शुक्रवार के दिन हर प्रकार की खट्टी चीज़ों का सेवन करने से बचें।   
  • देवी दुर्गा, संतोषी मां और लक्ष्मी मां की पूजा करना भी आपके लिए अनुकूल रहेगा। 
  • छोटी कन्याओं को बताशें व खीर भेट करें और उनका आशीर्वाद लें। 
  • संभव हो तो हल्के रंगों का ही इस्तेमाल करें। 
  • हमेशा अपनी जेब में गुलाबी रंग का रुमाल रखें। 
  • इत्र का प्रयोग करें। 
  • अपनी मां का आशीर्वाद लेकर ही घर से निकलें। 
  • किसी गरीब लड़की का कन्यादान करना आपके दांपत्य जीवन को सुखद बनाएगा। 
  • शुक्र के दोषों को दूर करने के लिए आप अपनी ऊँगली में हीरा रत्न भी धारण कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा अपनी कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत बनाने के लिए हमारे ज्योतिषाचार्य से चैट या कॉल के माध्यम से जुड़े और उनसे परामर्श लें।  
  • पीड़ित शुक्र को शांत करने के लिए ऑनलाइन शुक्र ग्रह की शांति पूजा करना भी आपके लिए अनुकूल रहेगा। 

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