एस्ट्रोसेज का यह खास ब्लॉग अपने रीडर्स को जल्द होने वाले शुक्र के एक महत्वपूर्ण गोचर के बारे में अवगत कराने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। अपने इस ब्लॉग में हम जानेंगे शुक्र के कन्या राशि में होने वाले गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने की आशंका है।
हालांकि गोचर के बारे में अधिक और विस्तार से जानकारी प्राप्त करने से पहले लिए शुक्र ग्रह से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर लेते हैं। साथ ही जान लेते हैं वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का क्या महत्व होता है, कुंडली में इसके मजबूत और पीड़ित अवस्था में होने से व्यक्ति को क्या कुछ लाभ और नुकसान उठाने पड़ सकते हैं, और फिर जानेंगे कन्या राशि में शुक्र के गोचर का समय और सभी 12 राशियों पर प्रभाव क्या पड़ने वाला है।
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शुक्र का कन्या राशि में गोचर समय
शुक्र ग्रह को स्त्री ऊर्जा का ग्रह माना गया है और साथ ही यह ग्रह सुंदरता का कारक ग्रह भी होता है। नवंबर की शुरुआत में ही अर्थात 3 नवंबर को विलासिता का यह ग्रह शुक्र कन्या राशि में गोचर कर जाएगा। 03 नवंबर 2023 की सुबह 04 बजकर 58 मिनट पर कन्या राशि में गोचर करेंगे। शुक्र ग्रह कन्या राशि में 29 नवंबर तक रहेंगे। 30 नवंबर को यह तुला राशि में गोचर कर जाएंगे।
अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह का क्या महत्व होता है।
वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह
वैदिक ज्योतिष के अनुसार बात करें शुक्र ग्रह की तो, इसे एक शुभ ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवन में भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है इसीलिए ज्योतिष में इस भौतिक सुखों, वैवाहिक सुख, भोग, विलासिता, शोहरत, प्रतिभा, सौंदर्य, रोमांस, कामवासना, फैशन डिजाइनिंग, आदि का कारक ग्रह माना जाता है।
बात करें राशियों की तो वृषभ और तुला राशि का स्वामित्व शुक्र ग्रह को प्राप्त होता है। इसके अलावा जहां मीन इसकी उच्च राशि होती है वहीं कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। कहने का अर्थ यह हुआ कि शुक्र का यह महत्वपूर्ण गोचर उनकी नीच राशि में होने वाला है। आमतौर पर शुक्र ग्रह का गोचर 23 दिनों की अवधि के लिए होता है और इसके बाद शुक्र ग्रह अपना राशि परिवर्तन कर लेते हैं।
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कुंडली में मजबूत और कमजोर शुक्र के प्रभाव
हिंदू ज्योतिष के अनुसार कहा जाता है कि, जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ स्थिति में या लग्न भाव में मौजूद होते हैं ऐसे जातकों का रूप रंग बेहद ही सुंदर होता है। यह अपने व्यक्तित्व से विपरीत लिंग के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने में माहिर होते हैं। ऐसे जातक दीर्घायु होते हैं, स्वभाव में मृदभाषी होते हैं, रचनात्मक चीजों की तरफ इनका रुझान ज्यादा रहता है, इसके अलावा जीवन में इन्हें सभी सुख, सुविधाएं भी प्राप्त होती हैं।
कुंडली में यदि शुक्र मजबूत अवस्था में हो तो इससे जातकों का वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, पति-पत्नी के बीच प्रेम की भावना निरंतर बनी रहती है, ऐसे जातक रोमांटिक स्वभाव के होते हैं, इन्हें अपने जीवन में सभी तरह के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
वहीं अगर शुक्र किसी व्यक्ति की कुंडली में पीड़ित अवस्था में हो तो ऐसे जातकों के वैवाहिक जीवन में तमाम तरह की परेशानी आने लगते हैं, बात-बात पर पति-पत्नी के बीच मतभेद होने लगते हैं, जीवन में दरिद्रता आती है, भौतिक सुखों में कमी होती है। इसके अलावा ऐसे जातकों को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक, और सामाजिक कष्टों का भी सामना करना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को शुक्र ग्रह के उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय इनके बारे में हम आगे जानकारी प्राप्त करेंगे।
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धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से शुक्र ग्रह का महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शुक्र ग्रह को असुरों के गुरु या शुक्राचार्य भी कहा जाता है। भागवत पुराण के अनुसार शुक्र ग्रह महर्षि भृगु ऋषि के पुत्र हैं। शास्त्रों के अनुसार शुक्र ग्रह के वर्ण की बात करें तो शुक्र को शास्त्रों में श्वेत वर्ण का ऊंट, घोड़े, और मगरमच्छ पर सवार हुआ दर्शाया गया है। उनके हाथ में दंड, कमल, माला, और धनुष बाण भी है। इसके अलावा शुक्र ग्रह का संबंध मां देवी लक्ष्मी से भी माना गया है जिन्हें हिंदू धर्म में धन संपदा के देवी कहा जाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों को अपने जीवन में धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति करनी होती है उन्हें शुक्रवार के दिन व्रत रखने की सलाह दी जाती है। शुक्रवार का दिन ग्रहों में शुक्र को समर्पित होता है।
बात करें खगोलीय दृष्टि से शुक्र के महत्व की तो, खगोल विज्ञान के अनुसार शुक्र एक बेहद ही चमकीला ग्रह है। अंग्रेजी में इसे वीनस कहते हैं और इसे भोर का तारा नाम से भी जानते हैं। शुक्र ग्रह पृथ्वी के निकट मौजूद है। इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है।
ऐसे में स्वाभाविक है कि शुक्र ग्रह का महत्व काफी ज्यादा होता है और यही वजह है कि अगर यह कुंडली में शुभ स्थिति में ना हो तो इससे व्यक्ति को परेशानियां उठाने पड़ सकती हैं जिनसे निपटने के लिए जातकों को शुक्र ग्रह से संबंधित उपाय सुझाए जाते हैं। क्या कुछ हैं ये उपाय आइये जान लेते हैं।
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शुक्र ग्रह से संबंधित ज्योतिषीय उपाय
- शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए हीरा धारण करने की सलाह दी जाती है। हालांकि कोई भी रत्न हमेशा ज्योतिषियों से परामर्श करने के बाद ही धारण करें।
- इसके अलावा आप शुक्र यंत्र को अपने घर या कार्यस्थल पर स्थापित कर सकते हैं। रोजाना इसकी पूजा कर सकते हैं। इससे भी आपको शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
- शुक्र ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना भी शुक्र ग्रह की कृपा दिला सकता है।
- इसके अलावा महिलाओं का सम्मान करें।
- भगवान परशुराम की पूजा करें।
- शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए या शुक्र ग्रह से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें।
शुक्र का कन्या राशि में गोचर: राशि अनुसार भविष्यवाणी और उपाय
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके दूसरे और सातवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में, यह जातक….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके पहले और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र का कन्या राशि में गोचर….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में पांचवें और बारहवें के स्वामी हैं और अब यह आपके चौथे भाव में गोचर करेंगे। शुक्र का कन्या राशि में गोचर की अवधि में आप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके चौथे और ग्यारहवें के स्वामी हैं जो अब आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे। शुक्र की यह स्थिति आपके जीवन में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए शुक्र आपके तीसरे और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे। शुक्र गोचर के दौरान….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में दूसरे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पहले भाव में गोचर करेंगे। करियर की बात करें तो,….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए शुक्र आपके पहले और आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। करियर के लिहाज़ से….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के जातकों की कुंडली में शुक्र आपके सातवें और बारहवें भाव के स्वामी है जो अब आपकी चंद्र राशि के ग्यारहवें भाव में प्रवेश करेंगे। शुक्र का कर्क राशि में गोचर की अवधि में….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए शुक्र आपकी कुंडली में छठे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके दसवें भाव में प्रवेश कर जाएंगे। शुक्र की इस स्थिति के चलते आपकी किस्मत….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए शुक्र आपके पांचवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके नौवें भाव में गोचर करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, आप….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए शुक्र आपके चौथे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब शुक्र आपकी चंद्र राशि के आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। शुक्र ग्रह की इस स्थिति के चलते आपको….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए शुक्र आपके तीसरे और आठवें भाव के स्वामी हैं और यह अब आपके सातवें भाव में गोचर करेंगे। शुक्र की इस स्थिति के चलते आपको इस अवधि में ….(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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