वृषभ राशि में शुक्र का गोचर: जानें सभी बारह राशियों पर इसका प्रभाव

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को शुभ ग्रहों में से एक माना गया है। शुक्र ग्रह सौंदर्य, कला, प्रेम, रचनात्मकता, संतोष और भौतिकवाद सुखों का कारक माना जाता है। ऐसे में शुक्र ग्रह जब राशि परिवर्तन करता है तो इसका हम सभी के जीवन पर शुभ अशुभ प्रभाव देखने को मिलता है। मुख्य रूप से शुक्र गोचर का प्रभाव भौतिकवादी चीजों और दांपत्य जीवन पर पड़ता है। शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का शासक ग्रह भी माना गया है। मीन राशि में जहां शुक्र उच्च अवस्था में होता है वहीं कन्या राशि में शुक्र गोचर दुर्बल स्थिति में माना जाता है।

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह के बुध और शनि ग्रह के साथ मित्रवत संबंध माने जाते हैं जबकि सूर्य और चंद्रमा के साथ शुक्र ग्रह के शत्रु समान संबंध होते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह अनुकूल स्थिति में मौजूद होता है ऐसे व्यक्ति को जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही ऐसे व्यक्ति तमाम भौतिक सुखों के साथ आलीशान जीवन जीते हैं। जबकि शुक्र ग्रह की प्रतिकूल स्थिति का दुष्प्रभाव दांपत्य जीवन में कलह क्लेश की वजह बनता है। साथ ही जिन लोगों की जीवन में शुक्र ग्रह अनुकूल स्थिति में मौजूद नहीं होता है उन्हें आर्थिक तनाव, स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियां परेशान करती हैं।

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गोचर की बात करें तो शुक्र ग्रह का गोचर 23 दिनों के बाद होता है। यानी कि शुक्र ग्रह एक राशि में तकरीबन 23 दिनों तक रहता है और उसके बाद राशि परिवर्तन करते हुए दूसरी राशि में प्रवेश कर जाता है।

4 मई को होने वाले शुक्र गोचर की बात करें तो इस दौरान, वृषभ राशि में शुक्र का गोचर 4 मई 2021 को दोपहर 1:09 बजे पर होगा और यह 28 मई 2021, 11:44 बजे तक इसी राशि में रहेगा, इसके बाद यह मिथुन राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस गोचर के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं शुक्र के इस गोचर का सभी 12 राशियों के जीवन पर क्या कुछ प्रभाव पड़ने वाला है।

यह राशिफल आपकी चंद्र राशि पर आधारित है। इसके अलावा व्यक्तिगत भविष्यवाणी जानने के लिए ज्योतिषियों के साथ फ़ोन पर या चैट पर जुड़े

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र द्वितीय और सप्तम भाव के स्वामी हैं और वर्तमान गोचरीय स्थिति में …..(विस्तार से पढ़ें)

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए, शुक्र पहले और षष्ठम भाव के स्वामी है और यह गोचर आपके प्रथम भाव में ही होगा। प्रथम भाव आत्मा,…..(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों लिए, शुक्र बारहवें और साथ ही पंचम भाव के स्वामी हैं और यह विदेश यात्रा, व्यय,…..(विस्तार से पढ़ें)

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कर्क राशि

कर्क राशि वाले जातकों के लिए, शुक्र ग्यारहवें और चौथे घर का स्वामी है और इस गोचर के दौरान आपके एकादश भाव में गोचर कर …..(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए, शुक्र दसवें और तीसरे घर का स्वामी है और वर्तमान गोचरीय स्थिति में यह ग्रह आपके करियर, प्रसिद्धि…..(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि

कन्या राशि के जातकों के लिए, शुक्र नौवें और दूसरे घर का स्वामी है और वृषभ राशि में शुक्र के गोचर के दौरान यह आपके नवम भाव में…..(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए, शुक्र आठवें और पहले घर का स्वामी है और वर्तमान में यह आपके आठवें घर में गोचर करेगा जोकि …..(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, शुक्र सातवें और बारहवें घर के स्वामी हैं और शुक्र का यह गोचर आपके सप्तम भाव में होने जा रहा है। यह…..(विस्तार से पढ़ें)

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धनु राशि

धनु राशि के जातकों के लिए, शुक्र षष्ठम और एकादश भाव का स्वामी है और यह आपके षष्ठम भाव में गोचर करेगा। यह भाव स्वास्थ्य, …..(विस्तार से पढ़ें)

मकर राशि

मकर राशि के जातकों के लिए, शुक्र पांचवें और दसवें घर का स्वामी है और यह वर्तमान गोचरीय स्थिति में आपके पंचम भाव में गोचर…..(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि

कुंभ राशि के जातकों के लिए, शुक्र नवम और चतुर्थ भाव का स्वामी है। यह गोचर आपके चतुर्थ भाव में होगा। चतुर्थ भाव से आपके…..(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि

मीन राशि के जातकों के लिए, शुक्र तीसरे और आठवें घर के स्वामी हैं और यह आपके तीसरे घर में गोचर करेंगे। यह भाव संचार और छोटे…..(विस्तार से पढ़ें)

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