शनिवार के दिन गलती से भी घर न लायें ये चीज़ें, शनिदेव हो जायेंगे क्रोधित

शनिवार के दिन घर पर ना लाएं ये चीज़ें

शनिवार को शनिदेव का दिन माना जाता है। पुराणों के अनुसार शनिदेव भगवान सूर्य के पुत्र हैं। ब्रम्हा जी के आशीर्वाद से उनका प्रभाव अपने पिता सूर्य से कहीं अधिक है। हर मनुष्य की राशि में सूर्य 1 महीने, चन्द्रमा 2 महीने 2 दिन, मंगल 1 महीने 15 दिन, बुध 1 महीने, शुक्र 1 महीने, बृहस्पति 13 महीने तक रहते हैं। लेकिन शनिदेव किसी भी राशि में ढाई वर्ष से लेकर साढ़े सात वर्ष तक रहते है। मान्यताओं की माने तो किसी भी कुंडली में शनि आने से 3 महीने पहले से अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देते है। हर मनुष्य के जीवन पर शनि का प्रभाव उसके ग्रहों के अनुसार पड़ता है। इसलिए जहाँ तक संभव हो शनि की वक्र दृष्टि से बच कर रहना चाहिए।

शनि के नाम सुनते ही कष्ट, नुकसान, अशुभ होना जैसी आम धारणाएं सामने आती हैं। जबकि शास्त्रों में शनिदेव को न्यायपालक कहा गया है, यदि कोई व्यक्ति नीति के विरुद्ध गलत काम करता है तो शनिदेव निर्दयता से उसको दंड देते हैं। शनि मानव जीवन में कर्म और उसके फल से सम्बन्ध रखते हैं। इनकी कृपा के बिना कोई भी व्यक्ति आजीविका नहीं पा सकता है। शनि व्यक्ति को उसके जीवन में भौतिक सुख-सुविधा प्रदान करते हैं। यदि शनिदेव किसी व्यक्ति से प्रसन्न हों तो उसके सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और उसको जिंदगी में सफलता प्राप्त होती है।

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कौन से जातकों से प्रसन्न रहते है शनिदेव 

  • शनिदेव उन लोगों से खुश रहते है जी सत्य बोलते हों तथा अनुशासित जीवन व्यापन करते हों।
  • वो लोग जो कमज़ोर और निर्बल लोगों की सहायता करते हैं शनिदेव को प्रिय होते हैं।
  • बड़े-बुजुर्गों की सेवा करने वाले भी शनिदेव को खुश करते हैं।
  • वे जातक जो फलदार और लम्बी अवधि तक रहने वाले पेड़-पौधे लगाकर उनकी सेवा करते हैं।
  • शिवजी और कृष्ण की उपासना करने वालों से भी शनिदेव प्रसन्न रहते हैं।

शनिवार को भूल से भी ना खरीदें 

  • लोहा – पौराणिक कथा के अनुसार एक बार राजा विक्रमादित्य ने शनिदेव को लोहे का सिहांसन दिया जिससे क्रोधित होकर शनिदेव ने क्रोधित होकर उनके ऊपर अपनी वक्र दृष्टि डाल दी।तभी से यह माना जाता है कि शनिवार को लोहा खरीदना अशुभ होता है, इसके विपरीत लोहे का दान शनि को प्रसन्न करता है और जातक को शुभ फल देता है।
  • चमड़ा – इस दिन चमड़े से बनी चीज़े जैसे बेल्ट, पर्स आदि नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा करने से सफलता में रुकावट आती है।
  • तेल – इस दिन किसी भी प्रकार का तेल घर में नहीं लाना चाहिए। शनिवार को घर में तेल लाने से घर में कष्ट या बीमारी आ सकती है, जबकि इस दिन शनिदेव पर तेल चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं।
  • कोयला – इस दिन घर में कोयला लाना वर्जित होता है। कोयला  काले रंग का होता है इसलिए ऐसा माना जाता है कि इसे घर पर लेन का अर्थ होता है कि आप शनि के स्वरुप को घर ला रहें हैं। इसके अतिरिक्त यह प्रकार का ईंधन है। घर में ईंधन नहीं लाना चाहिए इससे तनाव उत्पन्न होता है।
  • झाडू – इस दिन झाडू को भूलकर भी नहीं खरीदना चाहिए। शनिवार को लाई हुई झाडू घर के धन को हानि पहुंचाती है।
  • काले तिल – इस दिन काले तिल खरीदना वर्जित माना जाता है। शनि की दशा में काले तिल का दान बहुत महत्व रखता है लेकिन शनिवार को तिल का आगमन शनिदेव के आगमन के समान माना गया है।
  • नमक – इस दिन नमक खरीदने से भी परहेज़ करना चाहिए। शनिवार को खरीदा गया नमक घर में बीमारी ला सकता है।
  • स्याही – इस दिन स्याही बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए। यह किसी व्यक्ति को अपयश या कलंक दिला सकती हैं।

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करें ये काम शनि की साढ़े साती का प्रभाव होगा कम 

  • शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पूर्ण श्रध्दा भक्ति से पाठ करने का जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
  • शनिवार को काले तिल को आटे और शक्कर में मिला कर चींटियों को देना चाहिए।
  • अगर शनि की कृपा नहीं मिल रही हो तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर मध्यमा ऊँगली में शनिवार को सूर्यास्त के बाद पहनना चाहिए।
  • शनिवार को स्नान करके शनिदेव के आगे घी का दीपक जलाएं, इसके बाद शनिदेव को नीले फूल अर्पित करते हुए शनि के दस नामों वाले मन्त्र का रुद्राक्ष की माला से 5 बार जाप करना चाहिए।

कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:। सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।। 

  • यदि मन्त्र जाप ना हो पाए तो शनि के दस नामों  – कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद तथा पिप्पलाद का जाप करना चाहिए।
  • शनि के मन्त्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” अथवा शनि बीज मन्त्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” भी रुद्राक्ष की माला से 108 बार करना भी लाभकारी होता है।
  • काली वस्तुओं जैसे काला तिल, कपड़ा, कम्बल,लोहा और उड़द की डाल का दान लाभ देता है।
  • शनिवार को स्नान के पश्चात् सरसों के तेल में अपनी पर्ची देख कर उसका दान करना बाधाओं को दूर करता है।

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