शनिदेव की पूजा में अक्सर लोग कर बैठते हैं ये गलतियां, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये चूक?

शनिदेव का नाम सुनते ही अक्सर लोग भयभीत हो जाते हैं। यदि कुंडली में शनि अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में शनिदेव को प्रसन्न रखना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। शनिदेव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए शनिवार की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। हालांकि कई बार सही जानकारी न होने की वजह से हम आप शनिदेव की पूजा में कुछ गलतियां कर बैठते हैं।

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इन गलतियों के चलते शनिदेव की पूजा से मिलने वाले शुभ प्रभाव दुष्प्रभाव में बदल जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि शनिवार की पूजा में हमें किन नियमों और बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।

  • शनिदेव की पूजा पश्चिम दिशा की तरफ मुंह करके करनी चाहिए। यह बात सुनने में थोड़ी हैरानी वाली अवश्य प्रतीत होगी क्योंकि हिंदू धर्म में देवी देवताओं की पूजा के लिए पूर्व दिशा की तरफ मुख करने की सलाह दी जाती है। लेकिन चूंकि शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं ऐसे इनकी पूजा भी इसी दिशा में की जानी फलदायी होती है।
  • शनि देव को कभी भी आंख में आंख डालकर नहीं देखना चाहिए। कहा जाता है कि शनि देव को यह श्राप मिला मिला था कि जो कोई भी उन्हें आंख में आंख डाल कर देखेगा उनके साथ बुरा होगा। ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें और शनिदेव की पूजा के समय हमेशा उनके पैर की तरफ रखें नजर बनाए रखें।
  • शनिदेव की पूजा में हमेशा सफेद तिल का ही इस्तेमाल करें। कई बार काले तिल नहीं मिलते हैं तो लोग पूजा के लिए सफेद तेल का इस्तेमाल कर लेते हैं। हालांकि एक गलत है शनि देव की पूजा में हमेशा काले तिल का ही इस्तेमाल करना चाहिए तभी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और हमारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  • शनि देव को कभी भी लाल रंग के फूल अर्पित नहीं करना चाहिए क्योंकि शनि और मंगल शत्रु माने जाते हैं और लाल रंग मंगल का प्रतीक होता है। 
  • शनिदेव की पूजा में कभी भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके पीछे भी मान्यता है कि क्योंकि शनि और सूर्य शत्रु है और तांबे का संबंध सूर्य से होता है। 
  • शनिदेव की पूजा में कभी भी दीपक जलाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें दीपक मूर्ति के इसकी मंदिर में कहीं अन्य जगह पर रख दें। 
  • शनिदेव की पूजा करने वालों को तामसिक भोजन से दूरी बनाकर रहने की सलाह दी जाती है। रोज मुमकिन नहीं भी है तो कम से कम शनिवार के दिन तो भूल से भी मांस मदिरा ना खाएं और मुमकिन हो तो इस दिन काली उड़द की खिचड़ी बनाकर इसका सेवन करें।

 आशा करते हैं इस लेख में दी गई जानकारी आपको पसंद आयी होगी।
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