हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष के दिन पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुन अमावस्या कहते हैं। इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या 13 मार्च शनिवार के दिन पड़ रही है। इसके अलावा इस दिन एक खास योग भी बन रहा है क्योंकि इस दिन देवपितृकार्य और शनैश्चरी अमावस्या का शुभ संयोग इस दिन बन रहा है।
इसके अलावा इस दिन शनि की राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है क्योंकि इस दिन शनि की राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, और शुक्र ग्रह रहने वाले हैं। यह सभी बातें अमावस्या तिथि को और भी ज्यादा विशेष और महत्वपूर्ण बना रही हैं। मान्यता है कि, अमावस्या तिथि के दिन जो कोई भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा और अपनी यथाशक्ति के अनुसार ज़रुरतमंदों को दान करता है उससे देवी देवता प्रसन्न होते हैं और ऐसे व्यक्तियों के जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
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मान्यता है कि, अमावस्या तिथि के दिन पूजन आदि करने से कुंडली में मौजूद पितृ दोष, विष योग, कालसर्प दोष, शनि दोष, शनि की महादशा इत्यादि दूर या उनका प्रभाव कम होता है। यूं तो आमतौर पर देव कार्य और पितृ कार्य के लिए शनिचरी अमावस्या अलग-अलग तिथियों पर पड़ती है लेकिन इस बार यह विशेष संयोग है कि, देव कार्य और पितृ कार्य के लिए शनैश्चरी अमावस्या एक ही दिन पड़ रही है।
यदि आपके जीवन में शनि दोष या शनि की साढ़ेसाती या ढैया का प्रकोप है तो इस अमावस्या तिथि पर आपको शनि मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा इस दिन शनि मंदिर अवश्य जाएं और अपनी यथाशक्ति अनुसार काले तिल, सरसों के तेल, काले उड़द दाल, लोहे, कंबल इत्यादि का किसी जरूरतमंद को दान अवश्य करें। यह करने से आपके जीवन से शनि का प्रकोप कम होता है और भगवान आप से जल्दी प्रसन्न होंगे।
अमावस्या पर चार ग्रहों का विशेष योग भी बन रहा है। ऐसे में इस दिन सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व बताया जा रहा है। इस दिन सूर्य देव की विधिवत पूजा करके आप बड़ी से बड़ी बीमारी से मुक्ति पा सकते हैं। आपको करना केवल इतना है कि, फाल्गुन अमावस्या के दिन सुबह सूर्य चालीसा का पाठ करें और भगवान सूर्य के सभी नामों का स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करते हुए उनका ध्यान करें। इसके बाद उनके समक्ष दीपक जलाएं और उन्हें किसी मीठी वस्तु का भोग अर्पित करें।
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फाल्गुन अमावस्या पर शनिदेव की प्रसन्नता हासिल करने के लिए अवश्य करें ये काम
- हनुमान जी की पूजा अवश्य करें क्योंकि, यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में शनिवार के दिन हनुमान जी की प्रार्थना करने से नौकरी संबंधित सभी परेशानियां दूर होती हैं और साथ ही शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।
- इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा अवश्य करें। शाम के समय पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। कहा जाता है कि, पीपल के पेड़ में ही सभी देवी देवताओं का वास होता है। ऐसे में यह काम करने से व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष खत्म होता है।
- इस दिन शमी के पेड़ की पूजा भी अवश्य करें क्योंकि, अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है ऐसे में इस दिन शनि से संबंधित यह उपाय करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि बनी रहेगी और नौकरी संबंधी परेशानियां दूर होंगी और साथ ही शनि दोष भी दूर या खत्म होंगे।
- इस दिन गाय की सेवा भी अवश्य करें। गाय को हरा चारा या ताजी रोटी खिलाने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है।
फाल्गुन अमावस्या मुहूर्त
अमावस्या आरम्भ – 12 मार्च 2021 को दोपहर 03 : 04 मिनट से
अमावस्या समाप्त – 13 मार्च 2021 को दोपहर 03 : 52 मिनट तक
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