ज्योतिष में शनि देव को कर्म फल दाता ग्रह का दर्जा प्राप्त है अर्थात यह व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देने के लिए जाने जाते हैं। यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो शनिदेव आपको रंक से राजा बना सकते हैं वहीं जिन व्यक्तियों के कर्म अनुचित और गलत होते हैं उन्हें शनिदेव के प्रकोप से भी कोई नहीं बचा सकता है।
शनि ग्रह जब भी अपनी दिशा बदलते हैं या राशि परिवर्तन करते हैं तो इससे व्यक्तियों के जीवन में शुभ-अशुभ प्रभाव अवश्य पड़ता है। ऐसे में 17 जून, 2023 को शनि देव कुंभ राशि में वक्री होने जा रहे हैं। अर्थात कुंभ राशि में शनि देव की उल्टी चाल प्रारंभ होने वाली है।
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अपने इस विशेष ब्लॉग में हम आपको बताएंगे शनि का कुंभ राशि में वक्री होना कितना महत्वपूर्ण है, इसका समय क्या रहने वाला है, शनि वक्री से किस विशेष राजयोग का निर्माण हो रहा है और साथ ही जानेंगे शनि के कुंभ राशि में वक्री होने का राशि अनुसार गोचर फल और उपाय। सबसे पहले जान लेते हैं शनि कुंभ राशि में वक्री कब होंगे?
शनि कुंभ राशि में वक्री: समय और अवधि
शनि कुंभ राशि में वक्री, 17 जून 2023- सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह शनि ग्रह को ही माना गया है। यह लगभग ढाई वर्षों तक एक ही राशि में रहकर इसके बाद अगली राशि में गोचर करते हैं। जब शनि किसी एक राशि में रहते हैं तो उससे ढैया का निर्माण होता है।
वर्तमान समय में शनि अपनी ही राशि कुंभ में गोचर कर रहे हैं और इसी कुंभ राशि में 17 जून 2023 को रात 10 बजकर 48 मिनट से वक्री अवस्था में आ जाएंगे। शनि के वक्री होने से स्वाभाविक है कि यह सभी व्यक्तियों के जीवन को प्रभावित अवश्य करेंगे।
अगर आप अपनी राशि पर कुंभ राशि में वक्री शनि का प्रभाव जानना चाहते हैं तो यह लेख अंत तक अवश्य पढ़ें।
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शनि के वक्री होने से बन रहा है बेहद शुभ राजयोग
जब भी कोई ग्रह है गोचर करता है या वक्री होता है, मार्गी होता है, तो विशेष परिस्थितियों में किसी योग का निर्माण होता है। ऐसे में जब शनि देव कुंभ राशि में अपनी वक्री अवस्था में आएंगे तो इससे एक बेहद ही शुभ योग केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण होगा जिससे वृषभ राशि, मिथुन राशि, और सिंह राशि के जातकों पर बेहद ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
शनि वक्री: अर्थ और प्रभाव
जून के महीने में 140 दिनों के लिए वक्री शनि का होना शुभ होता है या अशुभ आइए जान लेते हैं। ज्योतिष के अनुसार सूर्य और चंद्रमा को छोड़कर सभी ग्रह कभी ना कभी वक्री अवश्य होते हैं। वक्री होना अर्थात उल्टी दिशा में चलना।
बात करें इसके शुभ या अशुभ होने की तो जहां कुछ ज्योतिष की जानकारी इसे शुभ मानते हैं तो वहीं कुछ इसे अशुभ प्रभाव देने वाला मानते हैं। कहा जाता है कि शनिदेव यदि व्यक्ति की कुंडली में शुभ हो तो इससे व्यक्ति का सोया भाग्य जाग सकता है।
वहीं अशुभ शनि व्यक्ति के जीवन को नरक बना देते हैं। यही वजह है कि वक्री शनि को भी बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। शनि ग्रह लगभग साढ़े चार महीने की अवस्था के लिए वक्री होते हैं। ऐसे में जून में जब शनिदेव वक्री होंगे तो यह 140 दिनों तक इसी अवस्था में रहेंगे।
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अब बात करें इसके शुभ और अशुभ परिणाम की तो सरल भाषा में कहें तो वक्री शनि जिस नक्षत्र में होता है उस नक्षत्र के स्वामी की कुंडली में स्थिति के आधार पर ही जातकों को फल मिलता है। ऐसे में यह कहना कि वक्री शनि शुभ फल ही देंगे या अशुभ फल ही देंगे यह गलत है। आप अभी विद्वान ज्योतिषियों से फोन पर परामर्श करके अपनी कुंडली में शनि की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं।
वक्री शनि के दुष्प्रभाव से बचाएंगे यह ज्योतिषीय उपाय
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनसे संबंधित चीज़ोन जैसे सरसों का तेल, छाता, साबुत उड़द दाल, लोहा, तिल, काले कपड़े, अन्न इत्यादि का ज़रूरतमन्द लोगों को दान करें।
- शनिदेव के मंदिर जाएं और शनिदेव का दर्शन करें और उनका तेल से अभिषेक करें।
- शनिदेव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष तौर पर भगवान हनुमान की पूजा करें।
- सुंदरकांड का पाठ करें।
- बड़े, बुजुर्गों और काम करने वाले लोगों का सम्मान करें और उनकी मदद करें।
- शनिवार के दिन लोहा और रबर की वस्तुएँ भूल से भी न खरीदें।
- शनिवार का व्रत रखें।
- कौवों और काले कुत्ते को शनिवार के दिन ताज़ी रोटी खिलाएं।
- इसके अलावा आप चाहे तो शनि देव से संबंधित शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए नीलम रत्न धारण कर सकते हैं। हालांकि यह आपकी राशि के अनुसार रत्न अनुकूल रहेगा या नहीं यह जानने के लिए पहले विशेषज्ञों से परामर्श कर लें।
वक्री शनि का राशि अनुसार प्रभाव और उपाय
शनि ग्रह को सभी नौ ग्रहों में न्यायाधीश और कर्म फल दाता का दर्जा दिया गया है। ऐसे में शनि की चाल में यह महत्वपूर्ण बदलाव यकीनन तौर पर सभी राशियों के जीवन पर व्यापक प्रभाव डालेगा। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि 17 जून को वक्री होकर शनि किन राशियों के लिए शुभ फलदायी तो किन राशियों के लिए प्रकोप लेकर आने वाले हैं।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए कुंभ राशि में वक्री शनि आपके करियर को प्रभावित करेंगे। आपको अपनी नौकरी में ज्यादा मेहनत और प्रयास करने की आवश्यकता पड़ेगी। पहले से…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृषभ राशि
शनि कुंभ राशि में वक्री होकर वृषभ राशि के दशम भाव को मुख्य रूप से प्रभावित करेंगे। विदेश यात्राओं में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। कामकाज को…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मिथुन राशि
मिथुन राशि के जातकों के लिए भाग्य की कृपा प्राप्त होने में विलंब होने लगेगा। आप जो पिछले काफी समय से मानसिक तनाव से जूझ कर बाहर निकले हैं अब…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कर्क राशि
कर्क राशि के लोगों के लिए अष्टम भाव में शनि देव का वक्री होना ज्यादा अनुकूल तो नहीं कहा जा सकता है क्योंकि आपकी पहले से ही ढैया चल रही है। ऐसी स्थिति में…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
सिंह राशि
सिंह राशि में जन्म लेने वाले लोगों के सप्तम भाव में वक्री शनि का कुंभ राशि में प्रभाव दिखाई देगा। इस गोचर के परिणामस्वरूप व्यापारिक सौदों में मुनाफा दिखाई देगा। आपकी…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपके छठे भाव में रहेंगे। इस दौरान आपको अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि आपकी कोई…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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तुला राशि
तुला राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए योगकारक होने वाले शनि ग्रह कुंभ राशि में वक्री अवस्था में होने के कारण आपके प्रेम संबंधों में तनाव बढ़ा सकते हैं। आपको…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि में चतुर्थ भाव में वक्री शनि का प्रभाव होगा। इस गोचर के प्रभाव से पारिवारिक जीवन में कुछ अशांति बढ़ सकती है। पारिवारिक सदस्यों का स्वास्थ्य भी इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
धनु राशि
शनि कुंभ राशि में वक्री होकर धनु राशि के जातकों के लिए महत्वपूर्ण परिणाम लेकर आएंगे। आपको कुछ क्षेत्रों में अप्रत्याशित परिणाम प्राप्त होंगे जिनकी आप…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मकर राशि
शनि कुंभ राशि में वक्री होने से आपके दूसरे भाव में रहेंगे। इस दौरान आपको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना होगा क्योंकि आप लोगों को भला बुरा बोल सकते हैं…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
कुम्भ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री का मुख्य प्रभाव प्राप्त होगा क्योंकि शनि आपकी ही राशि में वक्री हो रहे हैं और आपकी ही राशि के स्वामी भी हैं। मानसिक रूप से…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
मीन राशि
मीन राशि में जन्मे जातकों के लिए शनि कुंभ राशि में वक्री होकर द्वादश भाव में रहेंगे जिससे विदेश यात्राओं के योग बनेंगे। खर्चों में बढ़ोतरी होगी लेकिन वह आपके लिए…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)
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