शनि का कुंभ राशि में उदय (6 मार्च): जानें आपकी राशि पर कैसा रहेगा प्रभाव!

शनि का कुंभ राशि में उदय: शनि का कुंभ राशि में उदय 06 मार्च 2023 की रात 11 बजकर 36 मिनट पर होगा। शनि देव अपनी अस्त अवस्था से निकलकर कुंभ राशि में उदित हो रहे हैं। ऐसे में लोगों के जीवन में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। कुछ राशियों के लिए शनि का उदय होना शुभ साबित होगा तो कुछ राशियों के लिए यह अशुभ परिणाम भी लेकर आ सकता है। शनि का कुंभ राशि में उदय आपके जीवन पर कैसे प्रभाव डालेगा, यह जानने के लिए अभी पढ़ें वैदिक ज्योतिष पर आधारित एस्ट्रोसेज का यह विशेष ब्लॉग।

Varta Astrologers

शनि का कुंभ राशि में उदय: महत्व

ज्योतिष शास्त्र में शनि को एक क्रूर ग्रह के रूप में देखा गया है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए कहा जाता है कि जिस व्यक्ति पर शनि की टेढ़ी नजर पड़ जाए वह राजा से रंक बन जाता है, वहीं जिस पर कृपा बरस जाए उसके जीवन का कल्याण हो जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार इसे शुष्क और ठंडे ग्रह के रूप में भी जाना जाता है। शनि सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा और धीमी गति से चलने वाला ग्रह है जो हाइड्रोजन और हीलियम गैस से मिलकर बना है। इन्हें सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में लगभग ढाई साल का वक्त लगता है। यह एक ऐसा ग्रह है जिसके चारों ओर वलय (छल्ला) हैं। इसके अलावा किसी भी राशि में गोचर के दौरान यह मार्गी, वक्री, उदय, अस्त आदि चरणों से गुजरते हैं। शनि अभी कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं जो काल पुरुष कुंडली में ग्यारहवें भाव की राशि है और यह उनकी अपनी राशि है। आइए इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं शनि का कुंभ राशि में उदय होने से सभी राशियों पर क्या सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है।

शनि के उदय से संबंधित अन्य चीजों को जानने के लिए, करें विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

शनि का कुंभ राशि में उदय: सभी राशियों पर प्रभाव

अब आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शनि का कुंभ राशि में उदय सभी 12 राशियों के जातकों के लिए कैसा साबित होगा।

मेष राशि

मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में उदित होंगे। जिसके परिणामस्वरूप मेहनती और अनुशासित लोगों से आपके संपर्क जुड़ेंगे जिससे आपके व्यापार और पेशे में वृद्धि देखने को मिलेगी। इस दौरान आपकी इच्छाएं पूरी होंगी। अचानक से धन लाभ हो सकता है। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन या वेतन वृद्धि होने के योग बनेंगे और व्यापार में भी अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह एक योगकारक ग्रह हैं, जो अब दसवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। शनि का उदय करियर को मजबूत करने के कई अच्छे अवसर लेकर आ सकता है। इस दौरान कार्यक्षेत्र में आपके बॉस व अन्य अधिकारी आपके काम की तारीफ करेंगे और आपको अपनी मेहनत का अनुकूल परिणाम प्राप्त होगा। यदि आप व्यापार करते हैं तो भी आपका व्यापार तेजी से आगे बढ़ेगा। 

मिथुन राशि

मिथुन राशि के लिए शनि आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह नौवें भाव में उदित हो रहे हैं। यदि आप उच्च शिक्षा के लिए आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं या देरी का सामना कर रहे हैं तो, इस दौरान आपकी ये इच्छा पूरी होगी। साथ ही लंबी दूरी की यात्रा और परिवार के संग तीर्थ यात्रा पर जाने की योजना बना सकते हैं। इसके अलावा बिज़नेस, नौकरी या घूमने के संबंध में लंबी दूरी की यात्रा या विदेश यात्रा पर जाने का योग बन सकता है।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

कर्क राशि

इस अवधि में आपको पैतृक संपत्ति का लाभ भी प्राप्त होने की प्रबल संभावना बनती दिख रही है। अचानक धन प्राप्ति के योग हो सकते हैं। हालांकि अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो एकदम से अधिक मात्रा में निवेश करना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता क्योंकि अचानक धन हानि होने की भी आशंका है। ऐसे में आपको कम मात्रा में निवेश करने की सलाह दी जाती है। यदि आप सरकारी नौकरी में हैं तो इस दौरान कई अन्य स्रोतों से अच्छी कमाई करने का मौका प्राप्त होगा। वहीं अगर आपका खुद का व्यापार है तो लाभ होने की संभावना है।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि छठे और सातवें भाव के स्वामी हैं, जो अब आपके सातवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप व्यवसाय के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत रंग लाएगी। इसके साथ ही समाज में भी आपकी प्रतिष्ठा काफी बढ़ेगी। यदि आप वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो इस दौरान सभी समस्याओं से निजात पाएंगे। अगर कुंडली में शनि की स्थिति और दशा अनुकूल है तो आप एक शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे। इसके अलावा नौकरीपेशा लोगों को नए अवसर प्राप्त होंगे और आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी।

कन्या राशि

शनि देव आपके पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और शनि का कुंभ राशि में उदय आपके छठे भाव में होगा। सरकारी सेवा या कानूनी सेवा जैसे वकालत आदि से जुड़े लोगों के लिए यह अनुकूल समय है। यदि कोई केस आपके विरुद्ध किसी न्यायालय में लंबित है तो उसका फैसला आपके पक्ष में आ सकता है। जो छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं उन्हें इस संदर्भ में शुभ परिणाम मिलेंगे। वहीं अगर आप सरकारी नौकरी में हैं तो अपनी मेहनत के बल पर अलग पहचान प्राप्त करेंगे।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

तुला राशि

तुला राशि के जातकों के लिए शनि एक योगकारक ग्रह हैं। यह आपके चौथे और पांचवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके पांचवें भाव में उदित होने जा रहे हैं। ऐसे में सामाजिक गतिविधियों से जुड़े लोगों के लिए यह अवधि अनुकूल रहने वाली है। इस दौरान परोपकार और सामाजिक कार्य आपको आकर्षित करेंगे। इसके साथ ही आपके संबंध अपने बच्चों के साथ भी बेहतर होंगे। यदि आप व्यापार करते हैं तो इस दौरान नए सौदे कर सकते हैं और ऐसे लोगों के संपर्क में आएंगे जो आपके बिज़नेस को बढ़ाने में मदद करेंगे। 

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के लिए शनि चौथे और तीसरे भाव के स्वामी हैं, जो अब चौथे भाव में उदित होने जा रहे हैं। यह समय कृषि व्यवसाय या रियल एस्टेट से जुड़े लोगों के लिए काफी अनुकूल साबित होगा। इस दौरान आपको अपनी मेहनत का फल प्राप्त होगा। इसके अलावा आप अपनी माता और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बताएंगे जिससे आपके संबंध बेहतर होंगे और सुख-सुविधाओं का आनंद लेंगे।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिए शनि महाराज दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके तीसरे भाव में उदित होने जा रहे हैं। यह समय उन फैसलों को लेने के लिए अनुकूल है जिन्हें आप लंबे समय से टालते आ रहे हैं। इस दौरान आप अपने शत्रुओं को परास्त करने में सफल रहेंगे। आप पेशेवर जीवन में उन महत्वपूर्ण जोखिमों को उठाने में सक्षम होंगे जो आपके व्यक्तित्व को विकसित करने में मदद करेंगे। इस अवधि में आपके बात करने का तरीका थोड़ा सख्त हो सकता है। अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें अन्यथा रिश्ते और दोस्ती में समस्या पैदा हो सकती है।

मकर राशि

शनि देव आपके लग्न और दूसरे भाव के स्वामी हैं, जो अब आपके दूसरे भाव में उदित होंगे। ऐसे में शनि आपको कड़ी मेहनत करके अपने जीवन का निर्माण करने के लिए प्रेरित करेंगे। आप अपनी मेहनत से पैसा कमाने में सक्षम होंगे। यदि आप पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े हैं तो आप इसे धीरे-धीरे आगे बढ़ाने का प्रयास करते नजर आएंगे। जैसा कि शनि आपके दूसरे भाव में उदित हो रहे हैं और दूसरा भाव परिवार का भाव है। ऐसे में पारिवारिक रीति-रिवाज व परंपराओं के प्रति आपका झुकाव बढ़ेगा और आप एक अनुशासित व्यक्ति की तरह पेश आएंगे।

कुंभ राशि

शनि महाराज आपके लग्न भाव में उदित होने जा रहे हैं। शनि का कुंभ राशि में उदय होने से आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार संभव होगा। यदि आप अभी तक आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे थे तो इस दौरान आपकी आय का प्रवाह उत्तम रहेगा। आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली होगा और आप भौतिकवादी दुनिया से थोड़ा अलग महसूस करेंगे। आप अपने व्यक्तित्व के विकास पर अधिक ध्यान देंगे और इस दौरान आपका झुकाव अध्यात्म की ओर अधिक रहेगा।

मीन राशि

शनि आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह बारहवें भाव में उदित हो जाएंगे। शनि का कुंभ राशि में उदय होने के परिणामस्वरूप आपके खर्चों में कमी देखने को मिलेगी जिससे आप अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार करने में सक्षम होंगे। इस दौरान आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे। साथ ही अपनी बुद्धि से अपना काम निकालने में सफल रहेंगे। इसके अलावा आप किसी भी तरह से दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहेंगे।

इन उपायों से शनि को करें मज़बूत

आइए जानते हैं शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय:

  • प्रतिदिन शनि के बीज मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • गरीबों व जरूरतमंदों को काले या भूरे रंग के वस्त्र दान करें।
  • हर शनिवार को शनि देव के मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • प्रत्येक शनिवार को काली उड़द की खिचड़ी गरीबों को दान करें।
  • जरूरतमंद को जूते दान करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि आपको यह ब्लॉग भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.