वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब किसी ग्रह से संबंधित भविष्यवाणी की जाती है तो उसमें नक्षत्रों की भी अहम भूमिका होती है। ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र हैं। प्रत्येक नक्षत्र को 4 पदों में बांटा गया है। प्रत्येक नक्षत्र का विस्तार 13.20 अंश तक होता है। नक्षत्र के एक पद की लंबाई लगभग 3.20 अंश होती है। नक्षत्र दो शब्दों से मिलकर बना है, नक्शा और तारा।
सभी 27 नक्षत्रों में से शतभिषा नक्षत्र को 24वां स्थान प्राप्त है। इस नक्षत्र की राशि कुंभ है, जिस पर शनि देव का आधिपत्य है। राहु महाराज शतभिषा नक्षत्र के स्वामी हैं, जो शनि देव के साथ कुंभ राशि पर भी शासन करते हैं। यही वजह है कि शतभिषा नक्षत्र में शनि देव को काफ़ी सहज और सकारात्मक फलदायी माना जाता है। बता दें कि कुंभ राशि में शतभिषा नक्षत्र का विस्तार 6.40 अंश से लेकर 20 अंश तक होता है।
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शनि देव 15 मार्च 2023 की सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर शतभिषा नक्षत्र के प्रथम पद में प्रवेश करेंगे और 17 अक्टूबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 37 मिनट तक इसी नक्षत्र में विराजमान रहेंगे। शतभिषा नक्षत्र में शनि देव की उपस्थिति के परिणामों की बात करें तो इसके लिए जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति, जातक किस महादशा से गुज़र रहे हैं तथा वे किस लग्न में जन्मे हैं, यह सब देखना ज़रूरी होगा। इतना सब जानने के बाद यदि आप शतभिषा नक्षत्र में शनि के प्रभाव जानने के लिए उत्सुक हैं तो एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग को आख़िरी तक ज़रूर पढ़ें।
शतभिषा नक्षत्र में जन्मे जातकों की विशेषता
- शतभिषा नक्षत्र में स्थित शनि सेल्फ केयर, हीलिंग, मेडिसिन आदि का प्रतिनिधित्व करता है। यही कारण है कि शतभिषा नक्षत्र में जन्मे जातक महान हीलर और मेडिकल अभ्यर्थी होते हैं।
- ये लोग स्वभाव से शांत तथा तेज़ दिमाग़ वाले होते हैं। साथ ही इनका व्यक्तित्व स्थिर होता है।
- शतभिषा नक्षत्र में जन्मे लोग दूसरों की सेवा करने व पूर्ण रूप ठीक करने के लिए टेक्नोलॉजी का भरपूर प्रयोग करते हैं।
- लोगों से जुड़ने या यूं कहें कि लोगों तक पहुंचने के लिए ये लोग वेबसाइट, ऐप एवं अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्म डेवलप करने में माहिर होते हैं।
- जो लोग रेकी हीलिंग, प्राणिक हीलिंग, मेडिटेशन प्रेक्टिशनर और एनिमल कम्युनिकेटर आदि क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं, उनमें से ज़्यादातर लोगों की कुंडली में शनि देव शतभिषा नक्षत्र में होते हैं।
- शतभिषा नक्षत्र शनि ग्रह की तरह ही काम करता है। यही वजह है कि शतभिषा नक्षत्र में शनि की स्थिति के कारण जातकों के जीवन में देरी, दृढ़ता, कड़ी मेहनत और निराशा आने के योग बनते हैं।
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ज्योतिष में शतभिषा नक्षत्र
राहु द्वारा शासित शतभिषा नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों में से 24वां स्थान प्राप्त है। कुंभ राशि में इसका विस्तार 6.40 अंश से 20 अंश तक होता है। यह नक्षत्र रेकी हीलिंग, प्राणिक हीलिंग, मेडिटेशन और योग का प्रतिनिधित्व करता है। इसका संबंध समुद्री या जलीय जीवन से पाया जाता है। तेज़ गति और स्थिरता इसके गुण हैं। वैदिक ज्योतिष में यह सभी ऊर्ध्व मुख नक्षत्रों में से एक है। शतभिषा नक्षत्र को महल, अभिषेक/राज तिलक/राज्याभिषेक, बाउंड्री एवं चारदीवारी से संबंधित प्रोजेक्ट शुरू करने एवं पूरा करने के लिए अनुकूल माना जाता है।
शतभिषा नक्षत्र में स्थित शनि के प्रभावों की भविष्यवाणी करने के लिए कुंडली में शनि और राहु की स्थिति, भावों पर उनके स्वामित्व एवं उनके स्वभाव का विश्लेषण करना ज़रूरी है। तो आइए सबसे पहले संक्षेप में इन दोनों ग्रहों के बारे में जान लेते हैं।
ज्योतिष में शनि ग्रह: शनि देव मकर और कुंभ दो राशियों के स्वामी हैं। यह उन सभी चीज़ों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनसे आमतौर पर हम बचने की कोशिश करते हैं जैसे कि प्रतिबंध, सीमा, अनुशासन आदि। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब शनि देव 6.40 अंश से आगे बढ़ते हैं तो यह शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश कर जाते हैं। शतभिषा नक्षत्र में इनकी यह स्थिति अनुकूल मानी जाती है।
ज्योतिष में राहु ग्रह: ज्योतिष में राहु महाराज को अशुभ फलदायक ग्रह के रूप में देखा जाता है। आमतौर पर इन्हें भय, लालच और भ्रम जैसी चीज़ों से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन इनकी स्थिति हमेशा नकारात्मक नहीं होती है। कुंडली में राहु की प्रबल स्थिति जातकों को अपार विलासिता, प्रसिद्धि, नाम और तेज़ दिमाग़ प्रदान करती है। राहु को कुंभ राशि का सह-शासक एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी माना जाता है। यही वजह है कि शतभिषा नक्षत्र में शनि के परिणाम जानने के लिए राहु महाराज की स्थिति एवं स्वभाव का अध्ययन करना भी महत्वपूर्ण होता है।
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शतभिषा नक्षत्र में शनि: सामान्य व्याख्या
- शतभिषा नक्षत्र में शनि की स्थिति अनुकूल है क्योंकि शनि राहु के नक्षत्र में हैं और शतभिषा नक्षत्र शनि की स्वराशि में है।
- शतभिषा नक्षत्र को हीलर, हीलिंग, टेक्नोलॉजी, स्थिरता और हेल्थकेयर का नक्षत्र माना जाता है।
- शतभिषा नक्षत्र में स्थित शनि वाले लोगों में सेवा भाव बहुत होता है। ऐसे लोग मानवता के लिए काम करना ज़्यादा पसंद करते हैं।
- यदि शनि देव स्वराशि कुंभ में शतभिषा नक्षत्र में स्थित हों तो ऐसे लोगों को सेवा करने से भी अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। यहां तक कि उनकी आर्थिक स्थिति में स्थिरता आ जाती है। विशेष रूप से जब सेवा हेल्थकेयर, हीलिंग या मेडिसिन से संबंधित हो।
- शतभिषा नक्षत्र में शनि के शुभ परिणाम कड़ी मेहनत और लगन के बाद थोड़ी देरी से मिल सकते हैं।
- संबंधों के लिहाज से देखा जाए तो यदि शनि देव शतभिषा नक्षत्र में स्थित होकर सप्तम, पंचम या एकादश भाव से किसी भी तरह से जुड़े हों तो ऐसे रिश्ते लंबे समय तक चलते हैं। हालांकि संबंधों में उतार-चढ़ाव आने की संभावना बन सकती है।
- शतभिषा नक्षत्र में स्थित शनि वाले लोगों की रुचि ज्योतिष, रहस्य विज्ञान एवं अन्य मनोगत विज्ञान की तरफ़ हो सकती है।
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शतभिषा नक्षत्र में पद
शतभिषा नक्षत्र का प्रथम पद: देव गुरू बृहस्पति धनु राशि के नवमांश के स्वामी हैं, जहां पर शतभिषा नक्षत्र का प्रथम पद पड़ता है। ऐसे जातक आमतौर पर शांत प्रवृत्ति वाले, मनमौजी और थोड़े स्वार्थी किस्म के होते हैं।
शतभिषा नक्षत्र का द्वितीय पद: शतभिषा नक्षत्र का द्वितीय पद मकर राशि में स्थित होता है, जिसका स्वामित्व शनि देव को प्राप्त है। ऐसे लोग आमतौर पर प्रैक्टिकल होते हैं। ये लोग हमेशा सावधानीपूर्वक काम करते हैं तथा कई बार ये अधिक महत्वाकांक्षी भी हो सकते हैं।
शतभिषा नक्षत्र का तृतीय पद: शनि कुंभ नवमांश के स्वामी हैं, जिसके अंतर्गत शतभिषा नक्षत्र आता है। ऐसे जातक दूरदर्शी होते हैं, परन्तु कभी-कभी इनका स्वभाव उग्र व कठोर हो सकता है।
शतभिषा नक्षत्र का चतुर्थ पद: शतभिषा नक्षत्र का चतुर्थ पद मीन राशि के अंतर्गत आता है, जिसके स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। इस स्थिति में हीलिंग और दया मुख्य घटक हैं। हालांकि नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव से जातकों को शराब की लत लग सकती है।
आइए विस्तार से जानते हैं कि शतभिषा नक्षत्र में शनि के गोचर का राशि चक्र की सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना बन रही है।
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शतभिषा नक्षत्र में शनि का गोचर- राशि अनुसार भविष्यफल
मेष
यह समय उन जातकों के लिए अनुकूल साबित होगा, जो नया बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं या अपने बिज़नेस का विस्तार करने के इच्छुक हैं। जो लोग प्राइवेट सेक्टर में करियर बनाने के लिए मौके की तलाश में हैं, उन्हें इस दौरान अपने सभी प्रयासों में सफलता मिल सकती है क्योंकि शनि देव अपनी मूल त्रिकोण राशि और राहु के नक्षत्र में विराजमान हैं। शनि देव की कृपा से आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर रहेगी। मगर प्रेम जीवन को लेकर आपको सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि पंचम भाव पर शनि देव दृष्टि आपके रिलेशनशिप में वाद-विवाद का कारण बन सकती है। आप जानते हैं कि शनि देव मनुष्य के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। ऐसे में यदि आप अपने पार्टनर को किसी भी तरह से धोखा दे रहे हैं तो इस दौरान आप रंगेहाथ पकड़े जा सकते हैं, जिसका असर आपके प्रेम जीवन पर पड़ेगा।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि देव दशम भाव यानी कि करियर के भाव में स्थित होंगे। इस दौरान आप अपने बिज़नेस और नौकरी में नए मौके तलाशने के लिए प्रेरित होंगे। आप अपने कम्फर्ट ज़ोन से बाहर आएंगे और अपने पेशेवर जीवन के साथ-साथ व्यक्तिगत विकास पर भी ध्यान देंगे। हो सकता है कि इस दौरान आपकी नौकरी में बदलाव हो जाए या आपका तबादला हो जाए। शिक्षा के लिहाज से देखें तो छात्रों को इस अवधि में मनचाहे परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होगी।
मिथुन
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि देव नवम भाव में स्थित होंगे। ऐसे में आपको किसी काम या बिज़नेस के सिलसिले से विदेश यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। जो छात्र किसी विशेष कोर्स की पढ़ाई के लिए किसी संस्थान में दाखिला लेने की योजना बना रहे हैं या फिर विदेश की किसी यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए भी शनि का यह गोचर चरण अनुकूल रहने वाला है। संभावना है कि विदेश की किसी यूनिवर्सिटी द्वारा आपके आवेदन को मंजूरी दे दी जाएगी। हालांकि इसके लिए आपको काफ़ी भागदौड़ करने की आवश्यकता पड़ सकती है। जो लोग पीआर आवेदन के स्वीकार होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें भी अच्छी ख़बर सुनने को मिल सकती है।
कर्क
करियर के लिहाज से कुंभ राशि में शनि का गोचर बहुत अधिक अनुकूल न रहने की आशंका है। जो लोग प्राइवेट सेक्टर में काम कर रहे हैं, उन्हें सकारात्मक परिणाम पाने के लिए कड़ी मेहनत की ज़रूरत होगी। इस दौरान कुछ लोग अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं। कुछ लोग ऑफ़िस पॉलिटिक्स का शिकार हो सकते हैं। अतः आपको सलाह दी जाती है कि बहुत सावधानी से काम करें क्योंकि हो सकता है कि किसी कारणवश आपकी अपने बॉस या वरिष्ठों से बहस हो जाए।
जो लोग ख़ुद का बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि धन निवेश से जुड़े फ़ैसले लेते समय अधिक सावधान रहें क्योंकि 2023 में शनि की साढ़ेसाती के दौरान हानि होने की आशंका प्रबल है। यदि आपकी कुंडली में राहु महाराज नकारात्मक रूप से स्थित हैं या यूं कहें कि दुर्बल अवस्था में मौजूद हैं तो आपको इस दौरान कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।
सिंह
आपके लिए शनि देव कुंडली के सप्तम भाव में विराजमान होंगे। यह समय आपके पेशेवर जीवन के लिए शानदार रहने वाला है। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति होने के योग बनेंगे। हालांकि आपके काम के शेड्यूल बदल सकता है या फिर आपको किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है। जो लोग नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें बेहतर अवसरों की प्राप्ति हो सकती है। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें इस अवधि में नए ऑर्डर्स मिलेंगे। वहीं जो लोग पार्टनरशिप में बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि बिज़नेस पार्टनर से वाद-विवाद होने की आशंका है।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि देव छठे भाव में विराजमान होंगे। पेशेवर रूप से देखा जाए तो इस दौरान आपका तबादला हो सकता है। हालांकि नई व अच्छी नौकरी मिलने की भी संभावना अधिक है। इस अवधि में आपके ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है, जिसके कारण मानसिक तनाव संभव होगा। इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से भी आप मानसिक तनाव से घिरे रहेंगे।
जो लोग बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें कर्मचारियों के कारण कुछ समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है। हालांकि आप में से कुछ लोग अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देते हुए आगे भी निकल सकते हैं। यदि आप किसी विदेशी प्रतिनिधि या किसी दूसरे राज्य के व्यक्ति के साथ बिज़नेस कर रहे हैं तो आपको अत्यधिक सावधान रहने की सलाह दी जाती है। शिक्षा के लिहाज से, छात्रों को इस दौरान अपनी पढ़ाई में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
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तुला
पेशेवर जीवन की बात करें तो कार्यस्थल पर आपका प्रदर्शन अच्छा होगा। आपको नए व अच्छे अवसरों की प्राप्ति होगी। यहां तक कि प्रमोशन होने के योग भी बन रहे हैं। जो लोग ख़ुद का बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें नए मौके मिलेंगे। यदि आप अपने बिज़नेस या कंपनी का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं तो यह समय अनुकूल रहने वाला है, मगर आपको सलाह दी जाती है कि ज़्यादा पैसा कमाने के चक्कर में किसी प्रकार की जल्दीबाज़ी न करें और न ही कोई शॉर्टकट तरीका अपनाएं। शिक्षा के दृष्टिकोण से, छात्र अपनी मेहनत और लगन से अच्छे परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
वृश्चिक
आपके लिए शनि ढैय्या का यह चरण चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। आपको सुझाव दिया जाता है कि इस दौरान जो भी काम करें, उसे बहुत ही सावधानी से और समझदारी के साथ करें क्योंकि नुकसान होने की आशंका है। यदि आप अपनी नौकरी में बदलाव करना चाहते हैं या फिर किसी दूसरे शहर में ट्रांसफर होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो आपको इस संदर्भ में अच्छी ख़बर सुनने को मिल सकती है। जो लोग ख़ुद का बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें इस अवधि में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। कोई भी नया प्रोजेक्ट शुरू करने से बचें। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो जो छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह समय शानदार साबित होगा।
धनु
शनि गोचर 2023 कुछ विशेष उद्योग करने वाले जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। जो लोग नौकरी कर रहे हैं, उन्हें इस दौरान उन्नति देखने को मिलेगी। नई नौकरी की तलाश करने वालों को भी अच्छे मौके मिलेंगे। बिज़नेसमैन अपने व्यवसाय या कंपनी में प्रगति देखेंगे। जो लोग स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए यह अवधि लाभकारी साबित होगी। अब बात करते हैं शिक्षा की तो इस दौरान धनु राशि के छात्रों को मनचाही उपलब्धि हासिल होने की संभावना प्रबल है।
मकर
आपके लिए शनि देव कुंडली के द्वितीय भाव में विराजमान होंगे। यह अवधि बिज़नेस करने वाले लोगों के लिए अनुकूल साबित होगी। नौकरीपेशा जातकों को अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। जो लोग पदोन्नति होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें भी शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। हालांकि शिक्षा के लिहाज से यह अवधि बहुत अधिक अनुकूल नहीं दिखाई दे रही है। छात्रों को सफलता प्राप्त करने के लिए जीतोड़ मेहनत करने की आवश्यकता होगी। वहीं जो लोग विदेश यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें भी थोड़ा इंतज़ार करना पड़ सकता है। बाकी इस दौरान अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें अन्यथा आपके कई काम बिगड़ सकते हैं।
कुंभ
शनि देव आपके लग्न भाव में विराजमान हैं। ऐसे में नौकरीपेशा जातकों के ऊपर काम दबाव ज़्यादा बढ़ सकता है क्योंकि इस दौरान साढ़ेसाती का द्वितीय चरण चल रहा है। हो सकता है कि इस अवधि में आपको अपने सहकर्मियों का सहयोग न मिले। आपको सलाह दी जाती है कि अपने वर्तमान समय को बेहतर बनाने की कोशिश करें। यदि आप परेशान होकर नौकरी छोड़ना चाहते हैं तो काम में ज़रा भी ढील न दें बल्कि स्थिर गति से काम करते रहें। जिनकी ख़ुद की कंपनी है, उन्हें सुझाव दिया जाता है कि कंपनी में नया निवेश करते समय सतर्क रहें और समझदारी से काम लें। जो लोग पार्टनरशिप में बिज़नेस चला रहे हैं, उन्हें भी इस दौरान संबंधों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।।
मीन
आशंका है कि मीन राशि के जातकों के लिए शनि गोचर 2023 अधिक अनुकूल नहीं रहेगा क्योंकि इनके लिए साढ़ेसाती शुरू हो रही है। इस दौरान आपको असफलताओं एवं निराशाजनक स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। नौकरीपेशा जातक कार्यस्थल पर अत्यधिक कार्यभार महसूस कर सकते हैं। इस स्थिति में हो सकता है कि आपका जबरन तबादला कर दिया जाए या फिर आपकी नौकरी में बदलाव कर दिया जाए। आपको नौकरी के लिए विदेश या फिर देश में ही कई यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। जो जातक नया बिज़नेस शुरू करने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि फ़िलहाल के लिए अपनी इस योजना को रद्द कर दें क्योंकि अनुकूल परिणाम न मिलने की आशंका अधिक है।
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