कुंडली में शनि की साढ़े-साती को दूर करने के सरल सटीक उपाय

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह को एक क्रूर ग्रह माना गया है। इसके अलावा शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह माना गया है जो व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देने के लिए जाना जाता है। व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि मजबूत हो तो इससे जातकों को अच्छे परिणाम मिलते हैं वहीं, कमजोर स्थिति में मौजूद होने पर शनि अशुभ फल प्रदान करता है। पीड़ित शनि की वजह से व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती, ढैया जैसे दोष बनते हैं। 

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आमतौर पर लोगों के दिलों दिमाग में ऐसी धारणा है कि, शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव हमेशा नकारात्मक ही होता है। हालांकि ऐसा नहीं होता है। शनि की साढ़ेसाती के दौरान व्यक्ति को वैसे ही फल प्राप्त होते हैं जैसे उसके कर्म होते हैं। वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चलने वाली है। ऐसे में यदि आप भी इन तीन में से किसी राशि के जातक हैं और आपके जीवन में शनि की साढ़ेसाती का नकारात्मक परिणाम मिल रहा है तो ज्योतिष शास्त्र में बेहद ही सरल उपाय बताए गए हैं जिन्हें अपनाकर आप इन प्रभावों को कम या खत्म कर सकते हैं। 

बृहत् कुंडली : जानें ग्रहों का आपके जीवन पर प्रभाव और उपाय

शनि साढ़ेसाती का प्रकोप कम करने के उपाय 

  • शनिवार या अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर शनि देव का ध्यान करें। इसके बाद एक दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाएं। प्रत्येक शनिवार या अमावस्या के दिन ऐसा करने से आपको शनि की साढ़ेसाती के दुष्प्रभाव से छुटकारा मिल सकता है। 
  • सात तरह के अनाज सवा किलो की मात्रा में लें। इन अनाजों को अपने सिर से 7 बार घुमाएं। इसके बाद इन्हें पक्षियों के आगे डालें। 
  • प्रत्येक शनिवार के दिन शनि देव की प्रतिमा पर सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही मुमकिन हो तो काले रंग का कपड़ा भी चढ़ाएं। इस बेहद ही सरल उपाय को करने से आप अपने जीवन में चल रहे शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा जिन व्यक्तियों के जीवन में शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप चल रहा हो उन्हें शरीर के ऊपरी हिस्से में काले रंग के कपड़े ना पहनने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा बाएँ पैर में काले रंग का धागा पहनने से ऐसे जातकों को फायदा मिल सकता है। 
  • इसके अलावा एक और बेहद ही सरल उपाय है जिसके अनुसार एक मुट्ठी काले तिल को काले कपड़े में बांधकर अपने सिर से 7 बार घुमाकर किसी साफ और बहते पानी में प्रवाहित कर दें। 
  • इसके अलावा कुष्ठ रोगियों को हर शनिवार के दिन काले रंग का कोई कपड़ा या रुमाल का दान करें। मुमकिन हो तो इसके साथ उन्हें कुछ पैसे का भी दान करें। ऐसा करने से आप अपने जीवन से शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव को कम या खत्म अवश्य कर सकते हैं।
  • गुरुवार के दिन चने की दाल और गुड़ पर हल्दी लगाकर गाय को खिलाएं। ऐसा करने से भी शनि दोष शांत करने में मदद मिलती है। 
  • मंगलवार का व्रत करें या मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर अवश्य जाएं। इसके अलावा मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करें। मान्यता है कि, शनि देव कभी भी हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते हैं। ऐसे में मंगलवार के दिन उपायों को करके आप शनि के दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। 
  • शनिवार के दिन एक बर्तन में पानी लेकर उसमें गंगा जल डालें और उसके बाद उसमें थोड़ी चीनी और काला तिल मिलाकर इस मिश्रण को पीपल की जड़ में अर्पित कर दें। इसके बाद पीपल के पेड़ की तीन बार परिक्रमा लगाएं। ऐसा करने से शनि देव की प्रसन्नता हासिल होती है और साथ ही उनके दुष्प्रभाव से बचने में भी मदद मिलती है। 
  • शनिवार और मंगलवार के दिन हनुमान जी और शनि देव के मंत्रों का उच्चारण करें। ऐसा करने से भी आपको शनि के दुष्प्रभाव से बचने में मदद मिलेगी। इसके अलावा काले कपड़े, काले तिल, काली दाल, लोहे का कोई भी सामान, कंबल इत्यादि का दान करना भी शनि दोष को कम करने में सहायक साबित होता है। 
  • इसके अलावा शनिवार के दिन शनि मंदिर अवश्य जाएं और सरसों के तेल और काले तिल से शनि देव की पूजा करें। 
  • इसके अलावा किसी के बारे में बुरा बोलने, सोचने और करने से बचें। ज़रूरतमंदों की मदद करें ऐसा करने से भी शनि देव शुभ फल अवश्य प्रदान करेंगे।

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