स्वराशि में वक्री होंगे कुंभ: इन राशियों को रहना होगा विशेष सावधान-जान लें उपाय भी!

शनि ग्रह को एक बेहद ही विशाल और धीमी गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है। यह विशालकाय ग्रह शनि 5 जून, 2022 को कुंभ राशि में वक्री होने जा रहा है। स्वभाविक सी बात है स्वयं अपनी राशि में शनि का वक्री होना सभी 12 राशि के जातकों के जीवन को प्रभावित अवश्य करेगा। ऐसे में ऐस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि इस वक्री अवस्था में शनि किन राशियों के लिए अनुकूल परिणाम लेकर आ रहे हैं और किन्हें इस दौरान नुकसान उठाना पड़ सकता है।

इस दौरान बेशक आपके जीवन पर शनि का नकारात्मक प्रभाव पड़ा हो लेकिन चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के कुछ प्रभावी उपायों की जानकारी भी हम आपको इस ब्लॉग के माध्यम से प्रदान कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं शनि के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें और साथ ही जानते हैं शनि वक्री का समय क्या होने वाला है।

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ज्योतिष में शनि ग्रह

शनि ग्रह जिसे शनि या शनि देव के नाम से भी जाना जाता है बेहद ही ठंडा, बंजर, बाध्यकारी, शुष्क, रक्षात्मक, कठोर और गुप्त ग्रह है। इसके अलावा शनि ग्रह को जीवन, करियर और मूल्यों और गुणों में उपलब्धियों से जोड़कर देखा जाता है। राशियों की बात करें तो यह मकर और कुंभ राशि का स्वामी भी है। 

शुक्र के स्वामित्व वाले तुला राशि में शनि देव उच्च के होते हैं। गोचर की बात करें तो शनि ग्रह का गोचर तकरीबन ढाई वर्ष की अवधि का होता है। यानी कि शनि एक राशि में तकरीबन ढाई वर्षों तक अपनी स्थिति बनाए रखते हैं और उसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। 

स्वाभाविक सी बात है शनि का गोचर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है और सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन को शुभ अशुभ तरीके से प्रभावित करता है। इसके अलावा शनि ग्रह जीत और हार, अच्छे और बुरे, को संतुलित करने के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि इस ग्रह को कर्म और न्याय के देवता के रूप में भी जाना जाता है।

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शनि ग्रह के बारे में यह बातें जानते हैं आप?

शनि ग्रह को सूर्य देव और छाया के पुत्र का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा शनिदेव का अपने पिता के साथ रिश्ता कुछ खास अनुकूल नहीं होता है। ज्योतिष में इसे अशुभ भी माना गया है। हालांकि जब किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह शुभ स्थिति में होता है तो इससे जातकों को समृद्धि और खुशी मिलती है। 

वहीं इसके विपरीत जब शनि ग्रह किसी जातक की कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में होता है तो ऐसे व्यक्तियों के जीवन में निरंतर कष्ट बना रहता है और उन्हें तमाम दुख, परेशानियां, और कष्ट झेलने पड़ते हैं।

कुंभ राशि में वक्री शनि: तिथि और समय

कर्मफल दाता शनि 5 जून, 2022 रविवार को कुंभ राशि में वक्री हो जाएंगे। बात करें इसकी समयावधि की तो यह सुबह प्रातः 4:14 पर होगा।

शनि के शुभ प्रभाव पाने के लिए अपनाएं ये ज्योतिषीय उपाय

  • जरूरतमंद व गरीब लोगों को जूते का दान करें। 
  • यदि आपकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है तो आपको रात में दूध पीने से बचना चाहिए। कुंडली में शनि की स्थिति जानने के लिए आज विद्वान ज्योतिषियों से करें बात। 
  • अपने साथ हमेशा चांदी का एक टुकड़ा रखें। 
  • शनि ग्रह शांति पूजा करें। 
  • चीटियों को गेहूं का आटा खिलाएं। 
  • छाया दान करें। इसमें एक कटोरी में तेल लेकर उसमें अपनी छवि देखें और इसके बाद कटोरे और तेल को किसी व्यक्ति को दान कर दें।

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शनि कुंभ राशि में वक्री: प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि वाले जातकों के लिए शनि देव दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। कुंडली का दशम भाव नौकरी, व्यवसाय और कर्म को दर्शाता है। जबकि एकादश भाव आमदनी, लाभ और सफलता को दर्शाता है। अब 5 जून को….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौंवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष में नवम भाव जहाँ भाग्य का वहीं दशम भाव करियर और कार्यक्षेत्र का माना जाता है। ऐसे में कुंभ….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके आठवें और नौंवे भाव के स्वामी हैं। वैदिक ज्योतिष में आठवां भाव किसी बड़े परिवर्तन, दीर्घायु को दर्शाता है जबकि नौंवा भाव ….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए शनि आपके सातवें और आठवें भाव के स्वामी होते हैं। वैदिक ज्योतिष में सातवां भाव जीवनसाथी और साझेदारी से जुड़ा है जबकि आठवां भाव किसी बड़े परिवर्तन और दीर्घायु से संबंधित होता है। ऐसे में अब….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके छठें और सातवें भाव के स्वामी होते हैं। ज्योतिष में जहां छठवां भाव जातक के संघर्ष, शत्रु और बीमारियों से संबंधित होता है वहीं सातवां भाव जीवनसाथी और ….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए शनि आपकी राशि में पांचवें और छठवें भाव के स्वामी होते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पांचवां भाव शिक्षा और बच्चों से संबंधित है जबकि छठवां भाव संघर्ष, शत्रु और….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

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तुला राशि 

तुला राशि वालों के लिए शनि ग्रह आपकी राशि के चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चौथा भाव माता, वाहन और जीवन में खुशी को दर्शाता है जबकि पंचम भाव….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

वृश्चिक राशि 

शनि ग्रह आपकी राशि के तीसरे और चौथे भाव के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली का तीसरा भाव प्रयास, संचार और भाई-बहन आदि से संबंधित होता है जबकि चौथा घर माता, वाहन और….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

धनु राशि 

धनु राशि के लोगों के लिए शनि देव उनकी राशि में दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दूसरा भाव धन, परिवार और भाषा से संबंधित है जबकि तीसरा ….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव आपके राशि स्वामी होने के साथ-साथ आपके दूसरे भाव के स्वामी भी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र में लग्न भाव से हम व्यक्ति के चरित्र, व्यक्तित्व और….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

कुम्भ राशि 

कर्मफल दाता शनि देव आपके लग्न भाव यानी प्रथम भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके बारहवें भाव के भी स्वामी होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न भाव से व्यक्ति के चरित्र, व्यक्तित्व….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

मीन राशि 

शनि देव आपकी राशि के लिए ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एकादश भाव जहां आय से संबंधित होता है वहीं बारहवें भाव से हम हानि का ज्ञात करते हैं। अब यही….(विस्तार से पढ़ें प्रभाव और उपाय)

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