30 साल बाद शनि लौटेंगे अपने घर ! जानें क्या करेंगे कमाल?

30 साल बाद शनि लौटेंगे अपनी राशि में! कर्म फल दाता शनि का गोचर लेकर आएगा ये बड़े बदलाव।

संसार को कर्म का पाठ पढ़ाने वाले दंडाधिकारी शनिदेव 30 साल बाद अपनी राशि मकर में लौट रहे हैं। यह एक बहुत महत्वपूर्ण गोचर है, जो शनिदेव की कृपा बरसाने वाला साबित होगा। अपनी राशि में लौटकर शनिदेव लाएंगे बड़े बड़े बदलाव और सिखाएंगे कर्म और मेहनत का पाठ! वैसे तो ये गोचर 24 जनवरी को होगा, लेकिन आपके मन में उत्सुकता होगी की आखिर क्या ख़ास होने वाला है आपके साथ। इसी को ध्यान में रखते हुए हम आज ही बताएँगे शनि देव के गोचर की क्या होगी ख़ास बात। क्योंकि ये एक बड़ा गोचर है इसलिए इसके प्रभाव कुछ समय पहले से  ही प्रभाव देना शुरू कर देंगे। तो आइये जानते हैं शनि देव के गोचर की ख़ास बातें!

पिता और पुत्र का होगा अनोखा मिलन

हर साल सूर्य देव जनवरी के महीने में अपने पुत्र शनि के घर अर्थात उसकी मकर राशि में प्रवेश करते हैं,  हालाँकि पिछले 30 सालों से शनिदेव से उनका मिलन नहीं हुआ, लेकिन इस बार बात कुछ अलग होगी। साल 1990 के बाद अब 30 साल बाद पिता और पुत्र का मिलन पुत्र के घर पर होगा। यानि कि जब शनिदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो सूर्य देव वहां पर पहले से ही विराजमान होंगे। इस प्रकार पिता-पुत्र का ये मिलन अनोखा संयोग बनाएगा।

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वैसे तो अपने व्यवहार और प्रभाव के कारण यह एक दूसरे के विरुद्ध ही होते हैं और वैदिक ज्योतिष की भाषा में शनि सूर्य को अपना शत्रु समझता है, लेकिन आध्यात्मिक रूप से देखें तो यह बहुत अनोखा मेल है क्योंकि जहां शनि देव रात्रि के देवता हैं, तो वहीं सूर्य देव दिन के। जहां शनि देव कर्म के देवता हैं, न्याय के देवता हैं, तो वहीं सूर्य देव आरोग्य के देवता हैं और आत्मा के कारक हैं। इस प्रकार कर्म और आत्मा का यह तालमेल बैठने का समय है। अर्थात यह वह समय होगा, जब आपको अपने द्वारा किए गए कर्मों पर ध्यान देने का मौका मिलेगा।

आपको जानना और समझना होगा कि आपने कहाँ ग़लतियाँ की हैं और उन्हें सुधारने के लिए यदि आप दृढ़ संकल्पित होते हैं तो शनिदेव की कृपा आप पर बरसेगी और आप जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में तरक्की अर्जित करेंगे, लेकिन दूसरी ओर, यदि आपने अपनी ग़लतियों से सबक नहीं लिया, तो शनिदेव दंडाधिकारी की भूमिका निभाते हुए आप को दंड भी देंगे और उस दंड का बोझ आपको अपनी आत्मा पर महसूस होगा।

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इसलिए इस शनि गोचर के विशेष मायने हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने का शनिदेव आपको एक बार पुनः मौका प्रदान कर रहे हैं। तो इस अवसर को हाथ से ना जाने दें। आइये  अब जानते हैं कि शनिदेव का मकर राशि में गोचर कब होगा:

शनि का मकर राशि में गोचर कब होगा

सारी दुनिया को कर्म और न्याय का पाठ पढ़ाने वाले शनि देव देव गुरु बृहस्पति की राशि धनु से निकलकर अपनी स्वराशि मकर में शुक्रवार 24 जनवरी 2020 को दोपहर 12:05 पर प्रवेश करेंगे और मजबूती के साथ अपने प्रभाव देना प्रारंभ करेंगे। इसी गोचर के चलते देश और दुनिया में प्रत्येक क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव देखने को मिलेंगे और पूरी दुनिया में बदलाव की हवा बहने लगेगी। शनिदेव को प्रजातंत्र का कारक ग्रह माना  जाता है और यह वात प्रकृति के ग्रह हैं। शनिदेव के प्रभाव से तेज और ठंडी हवाओं का जोर रहेगा तथा देश और दुनिया में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में बदलाव भी देखने को मिलेगा।

शनि गोचर 30 साल पहले और 30 साल बाद 

चलिए अब आपको बताते हैं कुछ खास बातें जो शनि के प्रभाव से दृष्टिगोचर होती हैं।  सन 1990 में जब शनि का गोचर मकर राशि में हुआ तब से लेकर शनि के मकर राशि में विराजमान रहने के दौरान कश्मीर घाटी में तनाव की स्थिति बनी, जिससे पाकिस्तान से संबंध खराब हुए। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या हुई।

इसी बीच भारत सरकार ने कंपनी लॉ बोर्ड की स्थापना की तथा केंद्र सरकार ने नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी बनाई। इसी दौरान उत्तरकाशी में भूकंप आया और राम जन्मभूमि पर बना बाबरी मस्जिद ढाँचा विध्वंस हुआ। इसी समय काल में भारत में रैपिड एक्शन फ़ोर्स का गठन हुआ।

दुनिया पर नज़र दौड़ाएं तो इसी समय में जर्मनी यूनाइटेड हुआ और म्यांमार और निकोरागुआ में चुनाव संपन्न हुए। गल्फ वार भी इसी समय में शुरू हुआ और नेल्सन मंडेला को आज़ादी मिली। इसी समय में वर्ल्ड वाइड वेब की नींव रखने के लिए वेब सर्वर बनाया गया और अधिकांश देशों की जन्म दर में कमी आई।

इसी दौरान सुस्त अर्थव्यवस्था में सुधार का दौर शुरू हुआ और भारतीय अर्थव्यवस्था का लिबरलाइजेशन हुआ और देश ने सरकारी सोने को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को दिया और उससे ऋण प्राप्त किया। वास्तव में यहीं से भारत की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़नी शुरू की।

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अब 30 साल बाद की बात करें शनिदेव पुनः अपनी राशि मकर में लौटे हैं।  शनि प्रजा और प्रजातंत्र के कारक हैं और स्वतंत्र भारत की कुंडली में शनि देव योगकारक की भूमिका में नवम और दशम के स्वामी होकर अष्टम भाव में विराजमान हैं तथा भारत की राशि कर्क से सप्तम भाव में शनि का यह गोचर विदेशी व्यापार से अधिक मुनाफ़ा दिखा रहा है।

30 साल बाद भी देखें तो स्थिति कुछ कुछ वैसी ही है क्योंकि अमेरिका से ईरान की तनातनी खाड़ी युद्ध की ओर संकेत दे रही है, तो भारतीय अर्थव्यवस्था अपने निचले स्तर पर है लेकिन सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए तैयारियाँ शुरू की हैं।

इसी दौरान राम मंदिर भी बन रहा है और निर्भया कांड के दोषियों को फाँसी भी मिल रही है। इसके मूल में शनि देव ही हैं क्योंकि वे न्याय के कारक भी हैं और नवम भाव धर्म का स्थान भी होता है। इसलिए इन दिनों धर्म और कानून के क्षेत्र में भी कई बदलाव देखने को मिलेंगे और देश और दुनिया में बदलाव भी आ रहा है।

ब्रेक्जिट होने की भी संभावना दिखाई दे रही है और विश्व पटल पर किसी बड़े व्यक्ति को आघात भी पहुँच सकता है। शनि का गोचर प्रभावशाली होता है और गोचर से कुछ समय पहले से ही अपने प्रभाव देना शुरू कर देता है। यही वजह है की फिर से 30 साल बाद कश्मीर को लेकर ही पाकिस्तान से तनातनी बानी हुई है और देश को अपना पहला सी डी एस जनरल विपिन रावत के रूप में प्राप्त हो चुका है और सरकार ने तीनों  सेनाओं को एकजुट करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।

इस साल बजट का आकार भी बड़ा हो सकता है और आम आदमी को फायदा पहुंचने वाली योजनाएं भी आएँगी। इस समय खंड में कोई प्राकृतिक आपदा भी आ सकती है। वहीं सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कानून ला सकती है। इस सबके मूल में शनि देव ही हैं और  यही सब हमें समझाता है कि शनि का गोचर कितना महत्वपूर्ण होता है।

शनि का मकर राशि में गोचर अर्थव्यवस्था से लेकर राजनीतिक, भौगोलिक, प्राकृतिक और सामरिक क्षेत्रों में बड़े बदलावों का संकेत लेकर आया है और देश में धर्म और न्याय को विस्तार मिलेगा तथा न्यायपालिका के द्वारा अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर सख्त निर्णय भी सुनने को मिलेंगे।

शनि की अनुकूलता पाने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय 

यदि आप चाहते हैं कि शनिदेव आप पर मेहरबान रहे हैं और आपको शनिदेव के अच्छे परिणाम प्राप्त हो तो आप नीचे दिए गए कुछ विशेष उपाय अपना सकते हैं:

  • सबसे उत्तम उपाय है अपने कर्मों का ज्ञान करना। अर्थात सदमार्ग पर चलना और दूसरों को परेशान ना करना। इससे शनिदेव शीघ्र अति शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
  • ग़रीबों और ज़रूरतमंदों को भोजन कराना शनिदेव की कृपा प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका है।
  • दिव्यांग लोगों की सेवा करना और उन्हें आवश्यकता अनुसार दवाई वितरित करने से भी शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
  • ऑफिस में अपने सहकर्मियों और अपने अधीन कार्य करने वाले लोगों को सम्मान देना और उनसे मित्रवत व्यवहार करना आपको शनिदेव की कृपा प्रदान करने में सहायक बनेगा।
  • प्रतिदिन चींटियों को आटा डालने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।

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