शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती का दिन विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि इस दिन शनि देव की पूजा करने से जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। सनातन धर्म में शनि जयंती को बहुत शुभ माना जाता है और शनि की पूजन एवं उपासना के लिए शनि जयंती बहुत शुभ दिन होता है। शनि जयंती को शनि अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
आज इस ब्लॉग के ज़रिए हम आपको बता रहे हें कि शनि जयंती 2024 कब है, इस पर्व का क्या महत्व है और इस दिन किन ज्योतिषीय उपायों की मदद से आप शनि देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
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कब है शनि जयंती 2024
जिस दिन शनि देव का जन्म हुआ था, उस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारतीय पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने में पड़ने वाली अमावस्या पर शनि देव का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। वहीं दक्षिण भारतीय अमावस्यंत कैलेंडर के अनुसार वैशाख महीने की अमावस्या पर शनि जयंती पड़ती है।
वैशाख माह में अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाएगी। इस दिन 11 बजकर 43 मिनट से अमावस्थ्या तिथि आरंभ हो जाएगी और इसका समापन अगले दिन 08 मई को सुबह 08 बजकर 53 मिनट पर होगा। इस प्रकार वैशाख माह में आने वाली शनि जयंती 07 मई को मनाई जाएगी।
वहीं ज्येष्ठ के महीने में शनि जयंती 06 जून को पड़ रही है। अमावस्थ्या तिथि की शुरुआत 05 जून को शाम 07 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसका समापन 06 जून को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर होगा।
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कौन हैं शनि देव
शनि देव भगवान सूर्य और छाया के पुत्र हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव के साथ बहुत अन्याय हुआ था और उन्हें स्वयं उनकी पत्नी और दिव्य माता देवी पार्वती ने श्राप दिया था। अपनी गलती का आभास होने के बाद माता पार्वती ने शनि देव को यह वरदान दिया कि व्यक्ति की कुंडली में किसी भाव पर शनि की शुभ दृष्टि होने या शनि के गोचर पर ही उसके जीवन में कोई महत्वपूर्ण घटना घटित हो पाएगी।
शास्त्रों के अनुसार शनि देव मृत्यु के देवता यमराज के भाई हें और इस वजह से कई बार शनि यम की भूमिका निभाते हुए जातक को उसके अंत की ओर लेकर जाते हैं।
ज्योतिष में सूर्य देव को न्याय और कर्म का देवता कहा जाता है जो मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। जो लोग धर्म के मार्ग पर चलते हैं और सत्कर्म को अपनाते हैं, उन पर शनि देव की कृपा हमेशा रहती है। शनि देव जातक को अधर्म के मार्ग से धर्म के मार्ग पर लाने का कार्य भी करते हैं। शनि देव के जन्म दिवस को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है।
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शनि जयंती की पूजन विधि
इस शुभ दिन पर आप निम्न विधि से शनि देव की पूजा एवं उपासना कर सकते हैं:
आप शनि देव की उपासना के लिए अपने घर के ही पूजन स्थल में उनकी पूजा कर सकते हैं या फिर अपने नज़दीकी शनि मंदिर भी जा सकते हैं।
अगर आप शनि मंदिर जा रहे हैं, तो शनि तेल अभिषेकम और शनि शांति पूजा जरूर करें।
वहीं अगर आप घर पर ही शनि देव की पूजा कर रहे हैं, तो अपने घर के किसी साफ और शुभ स्थान पर शनि की मूर्ति या तस्वीर लगाएं।
अब इसके आगे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें काले तिल भी डाल दें।
इसके बाद शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप शनि देव के मंत्र – ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप यज्ञ भी कर सकते हैं।
पाप कर्मों से मुक्ति पाने के लिए आप शनि जयंती पर व्रत भी रख सकते हैं।
इसके अलावा इस दिन शनि स्तोत्र या शनि पाठ करना भी शुभ रहता है।
आप शनि जयंती पर तिल, सरसों के तेल और काले रंग के वस्त्रों का दान करें।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन पशुओं को खाना खिलाने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
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शनि जयंती के लिए ज्योतिषीय उपाय
शनि जयंती के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं :
- इस दिन आप पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।
- आप इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ भी कर सकते हैं। हनुमान जी की उपासना से भी शनि देव की कृपा मिलती है।
- इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को चप्पल और जूते दान में दें।
- आप इस दिन छाया दान भी कर सकते हैं। इसके लिए लोहे की एक कटोरी लें और उसमें सरसों का तेल भरकर उसमें अपनी छाया देखें। अब इसे किसी गरीब व्यक्ति को दे दें।
- जितना आपका वजन है, उतने किलो के अनाज का दान करें। इसे तुला दान कहते हैं। आप इस अनाज को गरीब लोगों में वितरित कर सकते हैं।
- हमारे घर या ऑफिस में काम करने वाले लोग शनि को दर्शाते हैं इसलिए इन लोगों को खुश रखें।
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FAQ
उत्तर भारतीय पूर्णिमांत कैलेंडर के अनुसार 07 मई और दक्षिण भारतीय अमावस्यंत कैलेंडर के अनुसार 06 जून को है।
उत्तर. इस दिन आप काले रंग की चप्पल और वस्त्र दान कर सकते हैं।
उत्तर. शनि देव के जन्मदिवस के रूप में शनि जयंती मनाई जाती है।
उत्तर. मेहनत करने वालों और सच बोलने वाले लोगों से शनि देव खुश रहते हैं।
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