शनिदेव का मकर राशि में गोचर, जानें किस की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू होगी और किसे मिलेगी कष्टों से मुक्ति।
शनि का मकर राशि में गोचर
ग्रह मंडल में अपना विशेष अधिकार रखने वाले शनि देव 24 जनवरी 2020 को अपनी स्वराशि मकर में प्रवेश करेंगे और लंबे समय तक इस राशि में रहकर अपना प्रभाव दिखाएँगे। यह गोचर भारतीय समय अनुसार दोपहर 12 बज कर 5 मिनट पर होगा। शनि का गोचर कई मायनों में खास होने वाला है क्योंकि इससे कुछ राशियों की साढ़ेसाती और ढैय्या खत्म होगी तो कुछ की शुरू होगी। इसलिए सभी पर इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं साढ़ेसाती के इस खेल में कौन होगा पास और कौन होगा फेल:
इस राशि की शुरू होगी साढ़ेसाती
वैदिक ज्योतिष में शनि के गोचर को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि यह सबसे लंबी अवधि तक चलने वाला गोचर होता है। जब जन्म कालीन चंद्र राशि से बारहवीं राशि में अर्थात बारहवें भाव में शनि का गोचर होता ,है तब उस राशि के लिए साढ़ेसाती शुरू होती है। जब चंद्र राशि पर शनि आता है तो साढ़ेसाती का मध्यम चरण आता है और जब जन्म राशि से दूसरे भाव में शनि का गोचर होता है, तब साढ़ेसाती का अंतिम चरण शुरू होता है।
साल 2020 की शुरुआत में ही अर्थात जनवरी के महीने में शनि का गोचर मकर राशि में होगा, जिससे वृश्चिक राशि वालों की साढ़ेसाती का अंत हो जाएगा और उन्हें काफी राहत की सांस मिलेगी। उनके कार्यों में आ रही रुकावटें अब दूर होंगी और वे अधिक मजबूती के साथ अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करेंगे।
जहां वृश्चिक राशि वालों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी, वहीं कुंभ राशि वालों की साढ़ेसाती का प्रथम चरण शुरू होगा। धनु राशि की साढ़ेसाती का मध्यम चरण का अंत होगा और अंतिम चरण प्रारंभ होगा तथा मकर राशि के लोगों की साढ़ेसाती का प्रथम चरण समाप्त होकर द्वितीय चरण शुरू हो जाएगा।
इस राशि को मिलेंगे ढैय्या के प्रभाव
जिस प्रकार साढ़ेसाती को काफी महत्व दिया जाता है ठीक उसी प्रकार शनि की ढैया भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वैसे तो शनि के एक राशि में गोचर काल को ढैया कहा जाता है, लेकिन जब शनि चंद्र राशि से चतुर्थ भाव अथवा अष्टम भाव में गोचर करता है, तो उस ढैय्या को शनि की पनौती भी कहा जाता है।
शनि के 24 जनवरी के मकर राशि में गोचर करते ही वृषभ राशि और कन्या राशि वालों की ढैया का अंत होगा और उन्हें कष्टों से मुक्ति मिलेगी। वहीं तुला राशि वालों के लिए शनि चतुर्थ भाव में प्रवेश कर ढैया का प्रभाव देगा। इसे अर्धाष्टम शनि भी कहते हैं। दूसरी ओर मिथुन राशि वालों का अष्टम शनि, जिसे कंटक शनि भी कहा जाता है, शुरू हो जाएगा।
इस प्रकार इन दोनों राशियों को शनि की ढैया का प्रभाव मिलेगा। इसमें तुला राशि वालों की ढैय्या काफी अनुकूल रहेगी क्योंकि शनि इनके लिए योग कारक की भूमिका निभाएगा और इस दौरान इन्हें काफी लाभ मिलेंगे, लेकिन मिथुन राशि वालों को थोड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि अष्टम भाव का शनि कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए जाना जाता है।
शनि के गोचर का प्रभाव किस के लिए शुभ किसके लिए अशुभ
आइये अब बात करते हैं सबसे ज्यादा काम की और वह यह है कि शनि का यह गोचर सबसे ज्यादा शुभ किसके लिए रहेगा और सबसे ज्यादा अशुभ किसके लिए रहने वाला है। हालांकि शुभ और अशुभ सबसे ज्यादा महत्व रखता है आपके कर्मों पर और यदि आपके कर्म अच्छे हैं और आप अच्छे कार्य करते हैं तो शनिदेव आप से प्रसन्न होकर आपको आशीर्वाद अवश्य देंगे।
शनि देव के गोचर का प्रभाव जानने के लिए हमने मूर्ति निर्णय का सहारा लिया है। इसके अनुसार जब शनि देव का गोचर होगा, उस दिन जन्म कालीन राशि से चंद्रमा की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मूर्ति निर्णय किया जाता है।
शनिदेव का गोचर 24 जनवरी को जिस समय हो रहा है, उस समय चंद्रमा मकर राशि में ही स्थित होगा। इसके अनुसार मकर राशि, सिंह राशि और मीन राशि के लिए स्वर्ण की मूर्ति के अनुसार गोचर होगा, जिसकी वजह से शनिदेव की कृपा इन तीनों राशियों पर जबरदस्त तरीके से होगी और यह अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता अर्जित करेंगे और शनिदेव के आशीर्वाद को प्राप्त करेंगे।
किसी समस्या से हैं परेशान, समाधान पाने के लिए प्रश्न पूछे
मकर राशि के लोगों को शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और वे बेहतर तरीके से अपने बल और बुद्धि के चलते बेहतर जीवन जी पाएंगे और जीवन में तरक्की हासिल करेंगे। सिंह राशि वालों को अपने विरोधियों पर जीत मिलेगी और कोर्ट कचहरी के मामलों में भी वे सफल रहेंगे। इस दौरान राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बेहतर लाभ मिल सकता है तथा आर्थिक रूप से भी आप को फायदा होगा। मीन राशि वालों को आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी और जीवन में स्थायित्व आएगा। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में कुछ व्यवधान आ सकते हैं, लेकिन यह जीवन में आगे बढ़ने का समय साबित होगा।
धनु राशि, कन्या राशि और वृषभ राशि के लोगों के लिए रजत मूर्ति का निर्माण होगा, जिसके परिणाम स्वरूप शनि का यह गोचर स्वर्ण के मुकाबले थोड़ा कम शुभ होगा, लेकिन फिर भी इन्हें काफी अच्छे नतीजे मिलेंगे। जीवन में तरक्की तो होगी ही होगी, लेकिन उसके अलावा भी कई क्षेत्रों में अपना मुकाम हासिल करने में कामयाब हो पाएंगे और इस गोचर का लाभ उठा पाएंगे।
धनु राशि वालों को आर्थिक तौर पर लाभ मिलेगा और मानसिक तनाव में कमी आएगी। कन्या राशि वालों को शिक्षा में व्यवधान आ सकते हैं, लेकिन यदि उन पर किसी प्रकार का कर्ज है, तो इस समय में वे अपना कर्ज चुकाने में सफल हो जाएंगे और उन्हें कर्ज से मुक्ति मिलेगी। वृषभ राशि वालों के लिए शनि योग कारक की भूमिका में रहेगा और आपके भाग्य में वृद्धि होगी, जिससे आपकी योजनाओं में सफलता मिलेगी और प्रबल आर्थिक लाभ होने के योग बनेंगे।
वृश्चिक राशि, कर्क राशि और मेष राशि के लिए ताम्र मूर्ति का निर्माण हुआ है, जिसकी वजह से इन्हें परिश्रम करने के उपरांत सफलता मिलेगी। अर्थात मेहनत अधिक करनी होगी, तभी जाकर इन्हें शनि गोचर का परिणाम मिल पाएगा क्योंकि शनि का गोचर इनके लिए मध्यम फलदाई साबित होगा। इन्हें अपने लक्ष्य में प्राप्ति के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आगे बढ़ना होगा।
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वृश्चिक राशि वालों को स्वयं के प्रयासों से अच्छी सफलता मिलेगी। इस दौरान आप चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे। कर्क राशि वालों को व्यापार में काफी लाभ होगा। हालांकि दांपत्य जीवन में कुछ तनाव हो सकता है। मेष राशि वालों को नौकरी में स्थानांतरण के बाद अच्छे पद की प्राप्ति हो सकती है, जहां इन्हें अपने परिश्रम से अपना स्थान बनाना पड़ेगा।
तुला राशि, मिथुन राशि और कुंभ राशि के लिए लोहे की मूर्ति का निर्माण हुआ है, जिसके फल स्वरूप इनके लिए यह शनि का गोचर सबसे कम शुभ होगा। इसलिए इन्हें इस गोचर के अनुसार स्वयं को ढालना होगा और जीवन में आलस्य को त्याग कर अधिक मेहनत करनी होगी ताकि यह अपने जीवन के उद्देश्यों को प्राप्त कर पाएँ।
तुला राशि के लिए शनि देव योगकारक की भूमिका भी निभाएंगे और यदि कुंडली में स्थिति अच्छी होगी तो तुला राशि वालों को शनि के इस गोचर का काफी अनुकूल परिणाम भी मिलेगा। कुंभ राशि वालों के लिए शनि उनकी राशि का स्वामी है लेकिन बारहवें भाव में होने से मानसिक और शारीरिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। मिथुन राशि वालों को भाग्य में कमी का सामना करना पड़ेगा। इसलिए इनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और स्वास्थ्य के प्रति भी सावधान रहना होगा।
शनि की अनुकूलता प्राप्त करने के लिए विभिन्न उपाय
कुंडली में प्रबल शनि आपको प्रजातंत्र और न्यायपालिका में अच्छा स्थान दिला सकता है और आपकी सोच और समझ को विकसित करता है। यदि शनि अनुकूल है तो आपको नौकरी करने से बचाता है और आप अपना स्वतंत्र व्यवसाय भी कर सकते हैं। यहाँ हम कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप कुंडली में शनि की स्थिति को बेहतर बना सकते हैं:
- यदि आपकी कुंडली में शनि शुभ स्थिति में मौजूद है और आप शनि के सकारात्मक प्रभाव को अधिकता से प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। नीलम रत्न धारण करने से शनि ग्रह मजबूत होता है और आपको जीवन में अनेक प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।
- इसके अतिरिक्त शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए आप सात मुखी रुद्राक्ष भी धारण कर सकते हैं।
- जो लोग विशेष पूजा में विश्वास रखते हैं उन्हें शनि देव की कृपा प्राप्ति के लिए और अपनी कुंडली में उपस्थित शनि के अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन नियमित रूप से महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- इसके अलावा आप शमी वृक्ष को लगा कर प्रतिदिन लोहे के पात्र से जल चढ़ा सकते हैं।
- आपको शनिवार से आरम्भ करके प्रतिदिन शनिदेव के बीज मंत्र का जाप करना भी बहुत लाभदायक रहेगा।
- आपको ग़रीबों को भोजन कराना चाहिए और दिव्यांग जनों को मुफ्त में दवाई वितरित करनी चाहिए।
- शनि देव यदि आपकी कुंडली में अशुभ स्थिति में हैं तो आपको साबुत काली उड़द, काले तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र और लोहे का दान करना चाहिए।
इस प्रकार शनि देव पालन हार बन कर संसार को कर्म और न्याय का पाठ पढ़ाने आ गए हैं। आइये इनका दिल खोलकर स्वागत करते हैं और अपने जीवन में अच्छे कार्यों से शनि देव की कृपा प्राप्त करते हुए अपने जीवन को धन्य बनाते हैं।
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