वैदिक ज्योतिष में शनि को न्यायाधीश या न्याय के देवता के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह मनुष्य को उनके कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं। सौर मंडल में शनि सबसे बड़ा ग्रह है और इसकी चाल सबसे धीमी होती है। आमतौर पर शनि को अशुभ माना जाता है, लेकिन जब कुंडली में इनकी स्थिति अनुकूल होती है तो यह जातकों को कई सुख-सुविधाओं और विलासिता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। हालांकि इनके परिणाम थोड़ी देरी से मिलते हैं। इन्हें विलंब, बाधाओं, प्रतिबंधों, परंपरा, आयु, शोक और दुर्भाग्य का कारक माना जाता है। जो जातक अपनी सीमाओं, ज़िम्मेदारियों और प्रतिबद्धताओं को भलीभांति समझते हैं, उनके ऊपर शनि देव की कृपा होती है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि शनि देव किसी टास्कमास्टर से कम नहीं हैं।
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शनि देव एक राशि में लगभग ढाई (2.5) वर्ष तक रहते हैं। इन्हें सूर्य का एक पूरा चक्कर लगाने में लगभग 29.5 वर्ष का समय लगता है यानी कि इन्हें किसी एक विशेष राशि में वापस आने में 29.5 वर्ष लगते हैं। मकर और कुंभ राशि का स्वामित्व शनि को प्राप्त है। कुंभ इनकी मूल त्रिकोण राशि है। यह तुला राशि में 21 अंश पर उच्च के और मेष राशि में 20 अंश पर नीच के होते हैं। नक्षत्रों की बात करें तो पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद शनि द्वारा शासित नक्षत्र हैं। शनि की महादशा 19 वर्षों तक रहती है। इनके मित्र ग्रह शुक्र और बुध हैं। मंगल, सूर्य, चंद्रमा इनके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। बृहस्पति के साथ यह न्यूट्रल रहते हैं। ज्योतिष में शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती को सबसे प्रतिकूल अवधि माना जाता है। सातवें भाव में शनि को दिग्बल या दिशात्मक शक्ति प्राप्त होती है। दिशाओं की बात करें तो पश्चिम दिशा पर शनि का शासन होता है। पूर्व दिशा में यह पूरी तरह से दुर्बल हो जाते हैं।
शनि का कुंभ राशि में गोचर: इन राशियों के लिए शुभ
मेष
मेष राशि के जातकों के लिए शनि दसवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। लाभ के स्वामी का लाभ भाव में गोचर करना बेहद ही शुभ संकेत है। जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश जाने के इच्छुक हैं या पीआर आवेदन के रिजल्ट का इंतज़ार कर रहे हैं, उन्हें इस अवधि में ख़ुशख़बरी मिल सकती है।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो नौकरीपेशा लोगों के लिए सफलता मिलने व पदोन्नति होने के योग बनेंगे। जो लोग नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं, उन्हें अच्छे मौके मिलेंगे। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें नए बिज़नेस वेंचर्स में सफलता मिलने की संभावना प्रबल है। साथ ही अटका हुआ या रुका हुआ धन वापस मिलने के भी योग बन रहे हैं। आपको सलाह दी जाती है कि इस गोचर के दौरान किसी को भी धन उधार न दें। इसके अलावा यदि आप किसी प्रेम संबंध में हैं तो भी आपको थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।
वृषभ
वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके दसवें भाव में गोचर करेंगे। आपके लिए शनि का यह गोचर फलदायी सिद्ध होगा। प्रबल संभावना है कि इस दौरान आपको अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता देखने को मिलेगी। आप इस गोचर अवधि के दौरान कोई लग्ज़री आइटम जैसे कि कार आदि ख़रीद सकते हैं।
पेशेवर जीवन की बात करें तो जो लोग प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं, उन्हें कुछ नए अवसरों की प्राप्ति होगी, जिनसे करियर में लगातार वृद्धि संभव होगी। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें कस्टमर बढ़ेंगे। साथ ही आप कुछ नई लाभकारी डील्स करते दिखाई देंगे।
प्रेम संबंध की बात की जाए तो जो लोग अपने प्रेम संबंध को विवाह का रूप देने की योजना बना रहे हैं, उन्हें शनि देव की कृपा से सफलता प्राप्त हो सकती है।
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मिथुन
मिथुन राशि के जातकों को काफ़ी लंबे समय बाद राहत मिलेगी क्योंकि इन्हें शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल रही है। आपके लिए शनि आठवें और नौवें भाव के स्वामी हैं। ऐसे में जब ढैय्या की अवधि समाप्त हो रही है तो आपको शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा।
जो छात्र उच्च शिक्षा का अध्ययन करने के इच्छुक हैं, उन्हें इस अवधि में सफलता मिलेगी। यदि आप अभी तक अपने व्यापार से संबंधित कुछ परेशानियों का सामना कर रहे थे तो प्रबल संभावना है कि अब आपको राहत मिलेगी और आप सफलता की सीढ़ियों पर दौड़ते हुए नज़र आएंगे।
नौकरीपेशा जातकों के लिए विदेश यात्रा के योग बन रहे हैं। जो लोग नौकरी की तलाश में हैं या यूं कहें कि बेरोजगार हैं, उन्हें इस दौरान नौकरी मिल सकती है। इस गोचर अवधि के दौरान आपको अपने छोटे भाई-बहनों का पूरा सहयोग मिलेगा। प्रेम संबंधी समस्याएं भी हल होने की संभावना बन रही है। आप अपने प्रिय के साथ सुखद पलों का आनंद लेने में सक्षम होंगे।
सिंह
आपके लिए सातवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में गोचर करना लाभकारी साबित होगा। यदि आपके प्रेम संबंध और व्यक्तिगत जीवन में अभी तक ग़लतफ़हमियां और तर्क-वितर्क मौजूद थे तो प्रबल संभावना है कि इस दौरान सब कुछ समाप्त होगा और आप फिर से ख़ुशनुमा लम्हों का आनंद लेते दिखाई देंगे।
व्यापार जगत से जुड़े लोगों के लिए भी यह समय प्रबल रहेगा। जो लोग रियल एस्टेट के व्यापार में शामिल हैं, उन्हें शनि के इस गोचर के दौरान काफ़ी लाभ होने की संभावना है। संपत्ति के माध्यम से लाभ कमाना आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
तुला
शनि चौथे और पांचवें भाव के स्वामी के रूप में आपके पांचवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में व्यवसायी जातकों को नए अवसरों की प्राप्ति होगी। आप कुछ लाभकारी डील्स करने में सफल होंगे। छात्रों के लिए यह अवधि फलदायी साबित होगी। आप अपनी पढ़ाई में अधिक प्रयास करते हुए ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। फाइन आर्ट्स, डिज़ाइनिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों से जुड़े लोगों को करियर में प्रगति देखने को मिलेगी। यदि आप इस दौरान पार्टनरशिप में कोई बिज़नेस करेंगे, तो वह फलीभूत होगा। इसके अलावा संतान के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।
धनु
धनु राशि के जातकों के लिए शनि दूसरे और तीसरे भाव के स्वामी के रूप में आपके तीसरे भाव में गोचर करेंगे, जो कि प्रयासों का भाव होता है और शनि देव कड़ी मेहनत का प्रतीक हैं। ऐसे में आप अपने जीवन के हर क्षेत्र में कठिन प्रयास करते दिखाई देंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको सफलता भी मिलेगी। काम के सिलसिले से आपको लंबी और छोटी दोनों तरह की यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। हालांकि इन यात्राओं से आपको बहुत कुछ हासिल होगा।
आपकी रुचि आध्यात्मिकता की ओर बढ़ेगी। यदि आप ख़ुद व्यवसाय चला रहे हैं तो आप जोख़िम लेते हुए अपने प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर देंगे, जिससे आपका कारोबार फलेगा-फूलेगा। जिन नौकरीपेशा जातकों का प्रमोशन रुका हुआ है, उन्हें इस अवधि में यह सौभाग्य प्राप्त हो सकता है।
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शनि का कुंभ राशि में गोचर: इन राशियों के लिए अशुभ
कर्क
कर्क राशि के जातकों को इस दौरान सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी क्योंकि शनि देव आपके आठवें भाव में गोचर करेंगे। साथ ही आपके लिए 2.5 वर्षों की शनि ढैय्या भी शुरू हो रही है। इसके परिणामस्वरूप जो छात्र पढ़ाई के लिए विदेश के किसी संस्थान या यूनिवर्सिटी में दाख़िला लेने की योजना बना रहे हैं, उन्हें कठिनाई महसूस हो सकती है। नौकरीपेशा जातकों के ऊपर काम का दबाव बढ़ सकता है। साथ ही काम में कई चुनौतियां आने की भी आशंका है। शादीशुदा जातकों को अपने पारिवारिक वातावरण में अशांति का अनुभव हो सकता है, जिसके कारण आप निराश हो सकते हैं।
कन्या
कन्या राशि के जातकों के लिए शनि पांचवें और छठे भाव के स्वामी हैं और यह आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपको सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्राप्त होंगे। छात्रों की एकाग्रता भंग हो सकती है। हालांकि प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्रों को कड़ी मेहनत और भरसक प्रयासों के बाद सफलता मिल सकती है।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो सरकारी क्षेत्रों और न्यायपालिका से जुड़े लोग जैसे कि वकील और जज आदि लोगों के लिए यह अवधि अनुकूल सिद्ध होगी। सेहत के लिहाज से देखा जाए तो आपको इस गोचर के दौरान अपना ख़ास ख़्याल रखने की आवश्यकता होगी क्योंकि पेट के निचले हिस्से से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं।
जो लोग आयात-निर्यात से जुड़े व्यवसाय में हैं, उन्हें थोड़ी बहुत सफलता मिल सकती है, बाकी यह समय अधिक अनुकूल नहीं है। प्रेम संबंधों में भी उतार-चढ़ाव आने की आशंका है। आप में से कुछ जातकों का ब्रेकअप भी हो सकता है।
वृश्चिक
कर्क राशि की तरह वृश्चिक राशि के लिए भी शनि की ढैय्या शुरू हो रही है, जो कि 2.5 वर्षों तक चलेगी। आपके लिए शनि तीसरे और चौथे भाव के स्वामी हैं। इस दौरान आपको कई परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है। संपत्ति से जुड़े वाद-विवाद चिंता का कारण बन सकते हैं।
पेशेवर रूप से देखा जाए तो नौकरीपेशा जातकों को अपने कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जो लोग नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि जब तक कोई दूसरी नौकरी हाथ में न हो, तब तक नौकरी न छोड़ें अन्यथा बेरोजगार बैठना पड़ सकता है। शिक्षा के दृष्टिकोण से, छात्रों को अपनी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता होगी।
जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उनके ख़र्च बढ़ सकते हैं और नुकसान भी हो सकता है। हो सकता है कि आपके द्वारा किया गया कोई निवेश अच्छा रिटर्न न दे पाए। इसके अलावा परिवार के कारण आपके रिलेशनशिप में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए थोड़ी सावधानी बरतें। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह समय आपको कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलकर कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित करेगा।
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मकर
शनि आपके दूसरे भाव में गोचर करेंगे, जिसके प्रभावस्वरूप फैमिली बिज़नेस से जुड़े लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि परिवार में वाद-विवाद होने की आशंका है।
छात्रों की पढ़ाई में दिक्कतें आ सकती हैं। वहीं नौकरीपेशा जातकों के कार्यस्थल का माहौल इतना अस्त-व्यस्त हो सकता है कि आपको न चाहते हुए भी जैसे-तैसे काम करना पड़ेगा। ऐसे में नौकरी बदलना फलदायी सिद्ध नहीं होगा, इसलिए भूलकर भी नौकरी बदलने का विचार अपने मन में न लाएं। इसके अलावा किसी से बातचीत करते समय अपने शब्दों पर ध्यान दें क्योंकि आपके कठोर शब्दों का ग़लत अर्थ निकाला जा सकता है, जिससे कई परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।
कुंभ
आपके लग्न भाव के स्वामी लग्न भाव में गोचर करेंगे। इस दौरान आपके लिए शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा। इस गोचर काल में आपको कड़ी मेहनत के बाद भी मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।
प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले उन नौकरीपेशा जातकों, जो विशेष रूप से ई-कॉमर्स या ऑनलाइन काम से जुड़ी इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं, उन्हें लाभ मिलेगा। शिक्षा के दृष्टिकोण से देखें तो छात्रों को इस दौरान लाभ तो होगा मगर कड़ी मेहनत करने के बाद। लग्न भाव में शनि देव का गोचर होने से आपके व्यक्तिगत संबंधों और वैवाहिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की ज़्यादा आशंका है, इसलिए सलाह दी जाती है कि अपने गुस्से और वाणी पर नियंत्रण रखें।
मीन
मीन राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो रहा है। शनि आपके ग्यारहवें और बारहवें भाव के स्वामी के रूप में आपके बारहवें भाव में गोचर करेंगे। ऐसे में जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उनके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है। साथ ही लाभ मिलने में देरी हो सकती है। जो लोग विदेश जाने के इच्छुक हैं, उन्हें इस दौरान मौका मिल सकता है, लेकिन वहां सेटल होने में कठिनाई महसूस हो सकती है।
आर्थिक रूप से देखा जाए तो ख़र्चों में वृद्धि होने के कारण आप बचत किए हुए धन को ख़र्च करने पर मजबूर हो सकते हैं। जो लोग प्रेम संबंध में हैं, उनके लिए यह समय अनुकूल न रहने की आशंका है। इस दौरान रिश्ते को बहुत संभालकर रखें अन्यथा ब्रेकअप हो सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि जल्दीबाज़ी में कोई भी फ़ैसला न लें अन्यथा बाद में आपको पछताना पड़ सकता है।
शिक्षा के लिहाज से इस दौरान मीन राशि के छात्रों को पढ़ाई के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सेहत की बात करें तो इस दौरान आपको अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि आप मानसिक तनाव और डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। आपके लिए बेहतर होगा कि संतुलित आहार का सेवन करें और नियमित रूप से योग, व्यायाम और मेडिटेशन आदि करें।
शनि का कुंभ राशि में गोचर: उपाय
- गुरुवार और शनिवार के दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
- गरीब/निर्धन लोगों को काले उड़द की खिचड़ी दान करें।
- हमेशा अपने बड़ों का सम्मान करें और वृद्धाश्रम में दान करें।
- प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें।
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