शनि कुंभ राशि में अस्त जल्द: सभी राशियों को जीवन के इन क्षेत्रों पर देना होगा अधिक ध्यान!

वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय के देवता का दर्जा दिया गया है। यह सौर मंडल का सबसे बड़ा और सबसे धीमे चलने वाला ग्रह है। ज्योतिषीय मान्यता है कि कुंडली में शनि की मज़बूत स्थिति जातकों को सुख-सुविधाओं और विलासिता का वरदान प्रदान करती है। चाल धीमी होने के कारण शनि के परिणाम मिलने में देरी हो सकती है। शनि को देरी, प्रतिबंध, परंपरा, आयु, शोक और दुर्भाग्य का कारक माना जाता है। 30 जनवरी 2023 को 00:02 पर शनि कुंभ राशि में अस्त होंगे।

Varta Astrologers

एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में आपको शनि की इस अवस्था से प्रभावित होने वाली सभी राशियों के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। साथ ही इसमें आपको पता चलेगा कि सभी राशियों के जातकों को अपने जीवन के किन पहलुओं पर ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत होगी या यूं कहें कि सावधानी बरतनी होगी। तो आइए बिना देर किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि किसी ग्रह का अस्त होना क्या होता है।

जब कोई ग्रह सूर्य के निकट आ जाता है तो उसे उस ग्रह का अस्त होना कहते हैं। ज्योतिष के अनुसार प्रत्येक ग्रह अलग-अलग अंश पर अस्त होता है। शनि सूर्य के निकट 15 अंश तक आएंगे, जिसे अस्त माना जाएगा। इस स्थिति में जातकों को प्रतिकूल परिणाम मिलने की संभावना अधिक है। आइए अब विस्तार से जानते हैं कि सभी राशियों पर शनि की अस्त अवस्था का क्या प्रभाव पड़ने वाला है।

भविष्य से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान मिलेगा विद्वान ज्योतिषियों से बात करके

शनि कुंभ राशि में अस्त: राशि अनुसार प्रभाव

मेष

शनि देव के अस्त होने से आपको दोस्तों, भाई-बहनों, सहकर्मियों के साथ संबंधों में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसका नकारात्मक असर आपके सामाजिक संबंधों और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है।

जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें कोई बड़ी डील करने का नया प्रोजेक्ट हासिल करने में कठिनाई महसूस हो सकती है। यदि आपको किसी से कोई पेंडिंग पेमेंट लेना है तो हो सकता है कि वह मिलने में देरी हो जाए। इसके अलावा इस दौरान लाभ अर्जित करना भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

जो नौकरीपेशा जातक नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं, उन्हें थोड़ा इंतज़ार करना पड़ सकता है क्योंकि हो सकता है कि शनि के अस्त होने से आपको बेहतर मौके न मिलें। मौजूद कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ संबंध ख़राब होने की आशंका है इसलिए सलाह दी जाती है कि अपने शब्दों पर ध्यान दें क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्दों का ग़लत अर्थ निकाला जा सकता है और इससे आपकी छवि ख़राब हो सकती है।

वृषभ

शनि कुंभ राशि में अस्त होकर आपकी प्रोफेशनल लाइफ़ प्रभावित करेंगे। आशंका है कि चल रही परियोजनाओं में देरी होगी। प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों को भी कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अपने करियर में आप जिस ग्रोथ का इंतज़ार कर रहे हैं, हो सकता है कि उसमें देरी हो जाए। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें नई डील्स करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। वृषभ राशि के जो लोग सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें इस दौरान ज़्यादा सावधान रहने की आवश्यकता होगी क्योंकि बॉस या उच्चाधिकारियों के साथ बहस या अनबन होने की आशंका है। इसके अलावा आपको काम में दबाव महसूस हो सकता है। ऐसी स्थिति में आप लगेगा कि अब ब्रेक ले लेना चाहिए।

बृहत् कुंडली में छिपा है, आपके जीवन का सारा राज, जानें ग्रहों की चाल का पूरा लेखा-जोखा

मिथुन

शनि देव की अस्त अवस्था के दौरान आपको यात्रा के समय अधिक सावधान रहने की आवश्यकता होगी, फिर वह चाहे उच्च शिक्षा के उद्देश्य से हो, किसी काम के सिलसिले में हो या फिर किसी भी मामले में। आपको सलाह दी जाती है कि इस दौरान अपने पिता जी के स्वास्थ्य का विशेष ख़्याल रखें क्योंकि शनि के अस्त होने से कारण उनके स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।

जो छात्र उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आगे की योजना बना रहे हैं, उन्हें थोड़ी देरी और निराशा का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, काम से संबंधित यात्रा में देरी हो सकती है। यात्रा के दौरान आपको परेशानी महसूस हो सकती है। यदि आपने कुछ योजनाएं बनाई हुई हैं तो उनमें भी देरी होने की संभावना रहेगी। संबंधों की बात करें तो छोटे भाई-बहनों के साथ आपकी कहासुनी हो सकती है, इसलिए सलाह दी जाती है कि शनि की अस्त अवस्था के दौरान अधिक सावधान रहें।

कर्क

शनि की अस्त अवस्था के दौरान कर्क राशि के जातकों को आठवें भाव से संबंधित परिणाम प्राप्त होंगे, जो कि अचानक और प्रतिकूल घटनाओं का भाव होता है। संभावना बन रही है कि इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों के साथ आपके संबंधों में तनाव आएगा, जिससे आपका दांपत्य जीवन भी प्रभावित होगा। इसके अलावा अचानक से लाभ या हानि होने के भी योग बन रहे हैं।

इस दौरान आपका झुकाव अध्यात्म की तरफ़ बढ़ेगा। आर्थिक रूप से देखा जाए तो आपके ख़र्चों में वृद्धि हो सकती है और इतनी हो सकती है कि आपको बचत का पैसा भी ख़र्च करना पड़ सकता है। आपको सलाह दी जाती है कि ख़र्चों को नियंत्रित करें।

सिंह

आपके लिए सातवें भाव के स्वामी सातवें भाव में अस्त हो रहे हैं। ऐसे में प्रेम संबंध में या बिज़नेस पार्टनर के साथ मामूली विवाद होने के योग बन सकते हैं। बिज़नेस पार्टनर्स के बीच ग़लतफ़हमी पैदा हो सकती है, जिसके कारण हो सकता है कि आपका बिज़नेस पार्टनर आपके फैसलों पर सवाल उठाए।

प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को अपनी टीम के सदस्यों के साथ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि आप जो निर्णय लें, उसमें टीम की सहमति न मिले। इसलिए चीज़ों को संभालकर रखने का प्रयास करें।

कन्या

शनि छठे भाव के स्वामी के रूप में आपके छठे भाव में अस्त होंगे, जो कि रोग, प्रतिस्पर्धा और शत्रु का भाव होता है। ऐसे में संभव है कि आपको इस दौरान कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा। यदि आप किसी कोर्ट केस या कानूनी कार्यवाही में फंसे हुए हैं तो आशंका है कि फैसला आपके ख़िलाफ़ जा सकता है या फिर आपकी मुसीबतें बढ़ सकती हैं।

शिक्षा के दृष्टिकोण से, छात्रों को इस दौरान अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए हद से ज़्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होगी। पेशेवर रूप से देखा जाए तो जो नौकरीपेशा जातक प्रमोशन की उम्मीद लगाए बैठे हैं, उन्हें कार्यस्थल पर कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही आपके सहकर्मी आपकी छवि ख़राब करने का प्रयास कर सकते हैं, इसलिए सलाह दी जाती है कि हर चीज़ में सावधानी ज़रूर बरतें।

नये साल में करियर की कोई भी दुविधा कॉग्निएस्ट्रो रिपोर्ट से करें दूर

तुला

शनि पांचवें भाव के स्वामी के रूप में आपके पांचवें भाव में अस्त होंगे, जो कि प्रेम, शिक्षा और संतान का भाव होता है। ऐसे में आपके संबंधों और प्रेम संबंध में परेशानी के योग बन सकते हैं। बच्चों के साथ भी आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। 

शिक्षा के लिहाज से देखें तो इस दौरान छात्रों को अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस हो सकती है। इसके अलावा दोस्ती और सामाजिक संबंधों में भी परेशानियां आ सकती हैं। यदि आपका कोई लोन चल रहा है तो आपको सलाह दी जाती है कि समय पर अपनी किश्त जमा करें और किसी से पैसे उधार न लें।

वृश्चिक

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए शनि देव चौथे भाव में अस्त होकर ढैय्या के माध्यम से माता जी के साथ संबंध में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं। साथ ही उनके स्वास्थ्य में भी गिरावट आ सकती है, इसलिए सलाह दी  जाती है कि उनकी देखभाल करें। यदि आप कोई प्रॉपर्टी ख़रीदने की योजना बना रहे हैं तो बहुत ज़्यादा सतर्क रहें क्योंकि परेशानियां खड़ी होने की आशंका अधिक है।

जो लोग रियल एस्टेट से जुड़े व्यवसाय में हैं, उन्हें भी इस दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आशंका है कि आपकी कृषि वाली ज़मीन से जुड़ी कोई समस्या खड़ी होगी। जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें घाटा लग सकता है, जिसके कारण आपको आर्थिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ेगा।

धनु

शनि देव आपके तीसरे भाव में अस्त होंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपको काम से संबंधित यात्राओं के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हो सकता है कि आप जिस उद्देश्य से यात्रा पर जाएं, वह सफल न हो।

यदि आप मानसिक शांति के लिए कोई आध्यात्मिक यात्रा करने की योजना बना रहे हैं तो भी हो सकता है कि आपको ज़्यादा शांति न मिले। इस दौरान भाई-बहनों के साथ आपके संबंधों में उतार-चढ़ाव आने की संभावना है, इसलिए बेहतर होगा कि सामंजस्य बिठाने की कोशिश करें। जो छात्र उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आवेदन करने की योजना बना रहे हैं या परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उन्हें थोड़ी देरी या निराशा का सामना करना पड़ सकता है।

मकर

मकर राशि के जातकों के लिए शनि देव दूसरे भाव में अस्त होंगे, जो कि धन, परिवार और वाणी का भाव होता है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि किसी से भी बातचीत करते समय बहुत सोच-समझकर बोलें क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्द परिवारजनों को भावनात्मक रूप से आहत कर सकते हैं। 

यदि आप फ़ैमिली बिज़नेस में शामिल हैं तो आपको इस दौरान नुकसान का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि आपके पारिवारिक माहौल में वाद-विवाद होने की आशंका अधिक है। आर्थिक रूप से देखा जाए तो इस दौरान हानि होने के योग बन सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि सट्टा बाज़ारों जैसे कि शेयर मार्केट/स्टॉक मार्केट आदि में निवेश करने बचें क्योंकि शनि देव की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है, जिससे हानि होने का ख़तरा ज़्यादा रहेगा।

कुंभ

शनि देव आपके लग्न भाव में अस्त होंगे। साथ ही साढ़ेसाती का दूसरा चरण भी चल रहा है। ऐसे में छोटे भाई-बहनों के साथ संबंधों और विवाह में परेशानियां आने के योग बन सकते हैं। पेशेवर रूप से देखा जाए तो कार्यस्थल पर नौकरीपेशा जातकों को काम का अधिक दबाव महसूस हो सकता है, जिसे संभाल पाना आपके लिए मुश्किल साबित होगा। साथ ही बॉस और उच्चाधिकारियों की तरफ़ से भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

वैवाहिक जीवन की बात करें तो इस दौरान ग्रह-नक्षत्रों की प्रतिकूल स्थितियों के कारण तलाक भी हो सकता है। इसके अलावा आपके स्वास्थ्य में भी गिरावट दर्ज की जा सकती है। आपको सलाह दी जाती है कि बहुत सोच-समझकर कदम उठाएं और अपनी सेहत का ख़्याल रखें।

मीन

मीन राशि के जातकों के लिए शनि देव की साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। ऊपर से शनि देव आपके बारहवें भाव में अस्त होंगे। ऐसे में आपकी आर्थिक स्थिति गर्त में जा सकती है और आपके ऊपर कर्ज़ बढ़ सकता है। इसके अलावा कमाई में अचानक से गिरावट आने के योग बन सकते हैं।

पेशेवर रूप से देखा जाए तो जो जातक वेतन वृद्धि की उम्मीद लगाए बैठे हैं, हो सकता है कि उन्हें इस दौरान यह सौभाग्य न प्राप्त हो। यह वह दौर होगा, जब आप कई कठिनाइयों से गुज़रेंगे और आपका भरोसा अध्यात्म के प्रति बढ़ता जाएगा।

जो लोग ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि विदेशी व्यापारों और विदेशी भूमि में पैसा निवेश न करें क्योंकि हो सकता है कि आपको उसका रिटर्न न मिले। जो लोग आयात-निर्यात के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं, उन्हें भी इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।

शनि ग्रह के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के अचूक उपाय

  • प्रत्येक मंगलवार और शनिवार के दिन 108 बार शनि मंत्र ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ का जाप करें।
  • गरीब/निर्धन लोगों को उड़द की दाल या उड़द की खिचड़ी दान करें।
  • गरीब एवं विकलांग लोगों को खाना खिलाएं।
  • हमेशा अपने से बड़ों का सम्मान करें और वृद्धाश्रम में दान करें।
  • प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करें।
  • प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सभी ज्योतिषीय समाधानों के लिए क्लिक करें: एस्ट्रोसेज ऑनलाइन शॉपिंग स्टोर

इसी आशा के साथ कि आपको यह ब्लॉग भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.