सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के दिन ऐसे करें शिव-पार्वती की पूजा !

हिंदू धर्म में व्रत-पूजा आदि का खास महत्व है। इनमें से एक है सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत।  सौभाग्य सुंदरी व्रत हिन्दू महिलाओं का विशेष व्रत होता है। सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के दिन सभी शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए बिना कुछ खाय-पिए व्रत रखती हैं। माना जाता है कि सौभाग्य सुंदरी व्रत संतान प्राप्ति के लिए भी शुभ फलदायी होता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती हैं। इस व्रत को करवाचौथ के बराबर ही फलदायी मानते है। इस बार सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत 15 नवंबर यानि कल मनाया जाएगा। तो चलिए इस लेख में आपको सौभाग्य सुंदरी व्रत के दिन की जाने वाली संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बताते हैं –  

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत विधि 

  • हिन्दू धर्म के शास्त्रों के अनुसार सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि कर लें। 
  • सभी दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की चौकी सजाएं। ध्यान रहें लकड़ी की चौकी का ही प्रयोग करें। 
  • शिव जी और पार्वती माता की मूर्ति या चित्र को लाल रंग के कपड़े से लपेट कर रखें।
  • पूजा शुरू करने से पहले भगवान के सामने एक दिया जलाएं और सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। 
  • पूजा में गणेश जी को जल, रोली, चन्दन, सिन्दूर, सुपारी, लौंग, पान, चावल, फूल, इलायची, बेलपत्र, फल, मेवा और दक्षिणा का चढ़ावा चढ़ाएं। 
  • इसके बाद नौ ग्रहों की पूजा करें। 
  • अब पूरे शिव परिवार की विधिवत पूजा करें। 
  • व्रती महिला देवी के सामने सभी सौभाग्य की वस्तुएं अर्पित करें। 
  • देवी की प्रतिमा को जल, दूध, दही से स्नान कराकर उन्हें वस्त्र पहनाएं। 
  • इसके बाद रोली, चंदन, सिन्दुर, मेहंदी लगाएं। श्रृंगार की सोलह वस्तुएं माता को चढ़ाते हुए उन्हें प्रणाम कर परिवार की कामना माँगे। 
  • पूजा समापन के बाद दक्षिणा देकर उद्यापन करें।

यह भी पढ़ें –

हर किचन में मौजूद होती हैं ये आयुर्वेदिक औषधि !

जानें उस मंदिर के बारे में जहां भ्रष्ट लोगों का जाना है वर्जित

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.