सत्यनारायण व्रत में ज़रूर बरतें यह सावधानियां, जानिए पूजन विधि

पूर्णिमा के दिन श्री सत्यनारायण की पूजा (SatyaNarayan Pooja) का विधान बताया गया है। ऐसे में बहुत से लोग पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण की पूजा और व्रत करते हैं और उनकी कथा सुनते और लोगों को सुनाते हैं। सत्यनारायण पूजा (SatyaNarayan Pooja) के दिन लोग उपवास करते हैं। इस दिन सुबह और शाम के समय में पूजा किया जाना बेहद ही शुभ माना गया है। हालांकि शाम की पूजा ज्यादा शुभ मानी जाती है। अक्सर पूर्णिमा की तिथि सुबह के समय समाप्त हो जाती है ऐसे में श्री सत्यनारायण पूजा को शाम के समय ही किया जाना ज्यादा उत्तम माना गया है। 

आचार्य विन्नी अरोड़ा से जानें अपनी हर समस्या का समाधान: अभी करें कॉल

आज इस साल की पहली सत्यनारायण पूजा की तिथि है। तो आइए जानते हैं इस पूजा और व्रत के नियम और शुभ मुहूर्त जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ। साथ ही जानते हैं इस वर्ष कि अन्य सभी सत्यनारायण तिथियों की जानकारी। 

तिथि/ वार पूर्णिमा 
28 जनवरी: गुरुवारश्री सत्यनारायण व्रत (पौष पूर्णिमा)
27 फरवरी: शनिवारश्री सत्यनारायण व्रत (माघ पूर्णिमा)
28 मार्च: रविवारश्री सत्यनारायण व्रत (फाल्गुन पूर्णिमा)
27 अप्रैल: मंगलवारश्री सत्यनारायण व्रत (चैत्र पूर्णिमा)
26 मई: बुधवारश्री सत्यनारायण व्रत (वैशाख पूर्णिमा)
24 जून: गुरुवारश्री सत्यनारायण व्रत (ज्येष्ठ पूर्णिमा)
24 जुलाई: शनिवारश्री सत्यनारायण व्रत (आषाढ़ा पूर्णिमा)
22 अगस्त: रविवारश्री सत्यनारायण व्रत (श्रावण पूर्णिमा)
20 सितम्बर: सोमवारश्री सत्यनारायण व्रत (भाद्रपद पूर्णिमा)
20 अक्तूबर: बुधवारश्री सत्यनारायण व्रत (आश्विन पूर्णिमा)
19 नवम्बर: शुक्रवारश्री सत्यनारायण व्रत (कार्तिक पूर्णिमा)
19 दिसम्बर: रविवारश्री सत्यनारायण व्रत (मार्गशीर्ष पूर्णिमा)

सत्यनारायण पूजा महत्व 

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि, कोई भी शुभ काम के मौके पर घर में सत्यनारायण की कथा सुनी जाती है। इसके अलावा जो लोग रामायण और भागवत कथा जैसे लंबे आयोजन नहीं कर पाते हैं वह सत्यनारायण की कथा कर लेते हैं। ज्योतिष के जानकार कहते हैं कि, सत्यनारायण की कथा सत्यनारायण की पूजा या सत्यनारायण व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख दूर होते हैं। बहुत से लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर सत्यनारायण की कथा का आयोजन करते हैं। हालांकि जीवन में सुख, शांति और संपन्नता के लिए भी भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। 

आपका आज का लव राशिफल क्या कहता है: देखिये वीडियो 

सत्यनारायण पूजा और कथा को कलयुग में सबसे सरल और प्रभावशाली पूजा माना गया है। इसके अलावा अगर आप सत्यनारायण की पूजा करना चाहते हैं और इसके लिए आपको उत्तम मुहूर्त जानना है तो बताया जाता है कि, किसी भी माह की पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की पूजा की जा सकती है। आप चाहे तो किसी भी बृहस्पतिवार को भी सत्यनारायण की पूजा कर सकते हैं और यह शुभ संयोग ही है कि, आज पूर्णिमा के साथ साथ बृहस्पतिवार पड़ रहा है। ऐसे में आज के दिन सत्यनारायण की पूजा करना बेहद ही उत्तम फलदाई साबित हो सकता है। इसके अलावा मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि, कोई भी बड़े संकट के आने से पूर्व सत्यनारायण की पूजा सबसे उत्तम मानी जाती है। 

अब बात करें सत्यनारायण पूजा महत्व (SatyaNarayan Pooja Mahatva) की तो, 

  • ग्रह शांति और जीवन में सुख समृद्धि के लिए सत्यनारायण पूजा बेहद ही शुभ मानी जाती है। 
  • जिन व्यक्तियों के विवाह में विलंब हो रहा हो या रिश्ते बनते बनते टूट जा रहे हो या जिनके वैवाहिक संबंध में उतार चढ़ाव की स्थिति लगातार बनी रहती है उन्हें भी सत्यनारायण पूजा करने की सलाह दी जाती है। 
  • इसके अलावा संतान के जन्म के मौके पर और नवजात शिशु के अनुष्ठानों पर सत्यनारायण की पूजा बेहद ही शुभ होती है। 
  • शादी से पहले या शादी के बाद भी सत्यनारायण की पूजा की जाती है और यह बेहद ही शुभ होती है। 
  • इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए भी सत्यनारायण की पूजा विशेष फलदाई साबित होती है। 

सत्यनारायण पूजन विधि 

सत्यनारायण की पूजा में श्री हरि के सत्यनारायण स्वरूप की पूजा की जाती है। तो आइए जानते हैं इसकी सही पूजन विधि क्या है। 

  • सत्यनारायण की पूजा के लिए अपने घर के ब्रह्मा स्थान पर केले के पेड़ पत्तों से मंडप बनाएँ। 
  • इसके बाद यहां भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित कीजिए। 
  • इसके साथ ही मंदिर में (मंडप वाली जगह पर) कलश और दीपक स्थापित करें। 
  • पूजा में पहले गौरी गणेश और नव ग्रहों की पूजा करें और इसके बाद ही सत्यनारायण भगवान की पूजा शुरू करें। 
  • सत्यनारायण भगवान को जल, पंचामृत, पंजीरी, वस्त्र इत्यादि श्रद्धा के साथ अर्पित करें। 
  • इसके बाद सत्यनारायण व्रत की कथा कहें या सुने और लोगों को सुनाएं। 
  • इसके बाद आरती करें और लोगों में प्रसाद वितरित करें।

हम आशा  करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। यदि इस व्रत या अपने जीवन से जुड़ा कोई भी अन्य प्रश्न है तो आप हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।

Dharma

बजरंग बाण: पाठ करने के नियम, महत्वपूर्ण तथ्य और लाभ

बजरंग बाण की हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता है। हनुमान जी को एक ऐसे देवता के रूप में ...

51 शक्तिपीठ जो माँ सती के शरीर के भिन्न-भिन्न अंगों के हैं प्रतीक

भारतीय उप महाद्वीप में माँ सती के 51 शक्तिपीठ हैं। ये शक्तिपीठ माँ के भिन्न-भिन्न अंगों और उनके ...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र (Kunjika Stotram) से पाएँ दुर्गा जी की कृपा

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एक ऐसा दुर्लभ उपाय है जिसके पाठ के द्वारा कोई भी व्यक्ति पराम्बा देवी भगवती ...

12 ज्योतिर्लिंग: शिव को समर्पित हिन्दू आस्था के प्रमुख धार्मिक केन्द्र

12 ज्योतिर्लिंग, हिन्दू आस्था के बड़े केन्द्र हैं, जो समूचे भारत में फैले हुए हैं। जहाँ उत्तर में ...

दुर्गा देवी की स्तुति से मिटते हैं सारे कष्ट और मिलता है माँ भगवती का आशीर्वाद

दुर्गा स्तुति, माँ दुर्गा की आराधना के लिए की जाती है। हिन्दू धर्म में दुर्गा जी की पूजा ...

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा.