संकष्टी चतुर्थी 2019: जानें इस दिन किये जाने वाले व्रत एवं पूजा की विधि

साल 2019 के नवंबर माह में संकष्टी चतुर्थी 16 नवंबर शनिवार को मनाई जाएगी, हालांकि पंचांग के अनुसार चतुर्थी तिथि 15 नवंबर की शाम से शुरु हो जाएगी। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने से परिवारिक कलेश भी खत्म हो जाते हैं। यदि किसी जातक के जीवन में लगातार परेशानियां आ रही हैं तो उसे संकष्टी चतुर्थी के दिन शक्कर मिली दही में छाया देखकर भगवान गणेश को अर्पित करनी चाहिये। इससे रुके हुए काम बन जाते हैं। 

संकष्टी चतुर्थी के दिन किये जाने वाले व्रत की विधि

इस दिन व्रत रखने का बड़ा महत्व है। भगवान गणेश के भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और चंद्रमा के दर्शन के बाद उपवास तोड़ते हैं। इस दिन रखे जाने वाले व्रत में फलों का सेवन किया जा सकता है। इस दिन भगवान गणेश का ध्यान करना अति लाभदायी सिद्ध होता है। इस दिन व्रत रखने वाले जातकों को दिन में सोने से बचना चाहिये और लोगों से कम बातें करनी चाहिये। ऐसा माना जाता है कि यदि इस व्रत को पूरी सात्विकता के साथ रखा जाए तो जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। चुंकि यह संकष्टी चतुर्थी हर माह आती है इसलिये यदि कोई जातक साल की सभी संकष्टी चुतुर्थीयों में व्रत रखता है तो उसे मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है। 

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पूजा विधि

  • सुबह स्नान-ध्यान के उपरांत स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान गणेश का ध्यान करें। 
  • इसके बाद पूजा के स्थान पर लाल या पीला कपड़ा चौकी पर बिछाकर उसपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। 
  • भगवान गणेश की आरती करें और उसके बाद व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद भगवान गणेश को जल, दूर्वा, अक्षत, लड्डू, पान, धूप इत्यादि अर्पित करें। 
  • ऊँं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। 
  • इसके बाद शाम के वक्त भी इसी तरह पूजा करें और चंद्रमा के दर्शन होने पर शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें। 
  • खुद अन्न ग्रहण करने से पहले प्रसाद अवश्य बांटें। 

भगवान गणेश को सभी कष्टों को दूर करने वाले देवता के रुप में देखा जाता है। इसके साथ ही उन्हें बुद्धि के देवता के रुप में भी देखा जाता है। हिंदू धर्म के सभी धार्मिक कामों में सबसे पहले गणेश भगवान की पूजा की जाती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करके लोग उनसे कामना करते हैं कि उनके जीवन में कोई परेशानी कभी न आए। उनके जीवन में कोई कष्ट न हो इसलिये इस दिन को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग अपनी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने के लिये भी व्रत रखते हैं। छात्र छात्राओं के लिये भी इस दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। 

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