हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ काम करने से पहले विघ्नहर्ता बप्पा मोरया का आशीर्वाद अवश्य लिया जाता है। भगवान गणेश जो अपने भक्तों की कामना अवश्य सुनते हैं उनका एक बेहद ख़ास व्रत होता है जिसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं। भगवान गणेश का ये ख़ास व्रत प्रत्येक माह में एक बार किया जाता है। इस व्रत के बारे में ऐसी मान्यता है कि इसे जो कोई भी इंसान रख लेता है उसके सभी कष्ट, सभी परेशानियाँ अवश्य दूर हो जाते हैं। इस साल फ़रवरी महीने में ये संकष्टी चतुर्थी 12 फरवरी, बुधवार को मनाई जाएगी।
हिन्दू पंचांग के अनुसार चतुर्थी हर महीने में दो बार आती है। हर महीने मनाई जाने वाली संकष्टी चतुर्थी कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इसके अलावा यह बात भी जानने वाली है कि पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी विनायक चतुर्थी कहलाती है।
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संकष्टी व्रत पूजन विधि
- संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भगवान गणेश की पूजा करें और व्रत का संकल्प लें।
- फिर गणेश जी की एक मूर्ति किसी कोरे कलश में जल भरकर स्थापित कर दें।
- इसके बाद गणेश भगवान का आह्वान करें, और फिर शाम में उनको धूप-दीप, फूल, अक्षत्, रोली आदि से षोडशोपचार पूजन करें।
- इस पूजा में भगवान गणेश को 21 लड्डुओं का भोग चढ़ाएं। इनमें से 5 लड्डुओं को गणेश जी को चढ़ाकर बाकी लड्डुओं को ब्राह्मणों और भक्तों में प्रसाद रूप में बांट दें। हो सके तो प्रसाद के साथ में उन्हें अपनी क्षमता के हिसाब से दक्षिणा भी दें।
रात में की जाती है चंद्रमा की पूजा
संकष्टी चतुर्थी के दिन चन्द्रमा की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है संकष्टी चतुर्थी की रात में विधि-विधान से चन्द्रमा का पूजन करने से भगवान गणेश आपके सभी संकटों को हर लेते हैं। इसके बाद गणेश जी से अपने उज्जवल भविष्य की प्रार्थना करें और फिर कलश, दक्षिणा और गणेश जी की प्रतिमा किसी पुरोहित को दे दें और भोजन ग्रहण कर लें।
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संकष्टी व्रत के पीछे है ये मान्यता
वैसे तो भगवान गणेश का दूसरा नाम ही विघ्नहर्ता है, ऐसे में इनसे जुड़ी किसी भी पूजा या व्रत के पीछे यही मान्यता होती है कि ऐसा करने से भगवान अपने भक्तों के दुःख हर लेते हैं और उन्हें खुशहाल जीवन की सौगात देते हैं। इसके अलावा जिस भी इंसान को स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई समस्या हो उन्हें भी ये व्रत ज़रूर रखना चाहिए इससे उनके सभी दुःख अवश्य दूर हो सकते हैं।
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कृष्ण पक्ष में कैसे करें गणेश पूजन
इस बारें में खुद गणेश जी ने कहा है कि, ‘जो कोई भी इंसान कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखता है और चन्द्रमा दर्शन कर के मेरी पूजा करता है और फिर अपनी योग्यता के अनुसार ब्राह्मण को भोजन करवाता है उसे अर्थ,धर्म, काम,मोक्ष इत्यादि सभी चीज़ों की प्राप्ति अवश्य होती है। साथ ही ऐसे इंसानों के मैं सभी दुःख भी दूर कर देता हूँ।”