भूल से भी इन स्थितियों में न पहनें रुद्राक्ष, नहीं तो भुगतने पड़ेंगे खतरनाक परिणाम!

हम अक्सर ये पढ़ते या सुनते रहते हैं कि किस ग्रह के लिए कौन सा रुद्राक्ष पहनना फलदायी होता है और किस रुद्राक्ष को पहनने के क्या-क्या फायदे होते हैं। परन्तु क्या आप ये जानते हैं कि रुद्राक्ष आखिर किन लोगों के लिए वर्जित है या किन-किन अवसर पर इसे पहनने से व्यक्ति को परहेज करना चाहिए। आज हम अपने इस लेख में आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने जा रहे हैं।

रुद्राक्ष का महत्व 

सनातन धर्म में रुद्राक्ष को एक पवित्र बीज माना गया है, जो रुद्राक्ष वृक्ष से प्राप्त होता है। रुद्राक्ष मूल रूप से एक संस्कृत का शब्द है जो रुद्र’ + ‘अक्ष’ से मिलकर बना है। इन दोनों शब्दों में से “रुद्र” का जहाँ अर्थ भगवान शिव है, वहीं “अक्ष” का तात्पर्य भगवान शिव के अश्रु (आँसू) से हैं इसलिए रुद्राक्ष को भगवान महादेव का अंश माना जाता है। इस वजह से इसे काफी पवित्र माना जाता है। 

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स्वयं ज्योतिष विज्ञान भी ये कहता है कि रुद्राक्ष पहनने से न केवल व्यक्ति का मन शांत होता है, बल्कि व्यक्ति के क्रोध पर भी नियंत्रण स्थापित होता है। परंतु क्या आप जानते हैं कि रुद्राक्ष धारण करने के लिए कुछ नियम और शर्तें निर्धारित होते हैं? जिसका यदि पालन न किया जाए तो इसके विपरीत परिणाम भी मिलने लगते हैं। तो आइए अब आज चर्चा करते हैं कि रुद्राक्ष कब और किसे पहनना चाहिए और कब नहीं पहनना चाहिए। 

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इन कुछ परिस्थितियों में भूल से भी न पहनें रुद्राक्ष 

  1. सिगरेट पीते समय और मांस खाते समय न पहनें रुद्राक्ष 

इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि मांस खाने के समय, सिगरेट और शराब पीने के समय भूलकर भी रुद्राक्ष धारण न करें। इससे न केवल रुद्राक्ष की पवित्रता भंग होती है, बल्कि ऐसा करना जातक को विपरीत परिणाम देते हुए उसके जीवन को प्रभावित भी कर सकता है। 

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  1. सोते समय रुद्राक्ष पहनने से करें परहेज

मान्यताओं के अनुसार सोने के बाद शरीर में अशुद्धि आ जाती है। इसका प्रभाव रुद्राक्ष की पवित्रता पर भी पड़ता है। अतः सोने से पहले रुद्राक्ष अवश्य उतार दें। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सोते समय अगर रुद्राक्ष को तकिए के नीचे रख दिया जाए तो मन शांत हो जाता है और बुरे, डरावने सपनों से भी बचा जा सकता है। 

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  1. शव यात्रा में जाएं तो उतार दें रुद्राक्ष 

कई बार ऐसा देखने में आता है कि लोग श्मशान घाट में किसी की चिता के अंतिम संस्कार में पहुंचते हैं तो वहां भी रुद्राक्ष पहन कर चले जाते हैं। परंतु नियमनुसार ऐसा करने से आपको सख्त रूप से बचना चाहिए क्योंकि शवयात्रा में जाने से आपका रुद्राक्ष अपवित्र हो जाता है। जिसका बुरा असर आपकी जिंदगी पर पड़ना शुरु हो जाता है। 

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  1. बच्चे के जन्म पर रुद्राक्ष पहनने से बचें

मान्यताओं के अनुसार बच्चे के जन्म के कुछ दिनों तक मां और बच्चे को अपवित्र माना जाता है। ऐेसे में किसी भी नवजात शिशु से मिलने जाएं अथवा जिस कमरे में जच्चा और बच्चा हो, वहां पर रुद्राक्ष पहन कर जाने से बचें।

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