रुद्राक्ष धारण करते हैं तो जरूर जान लें यह बातें

आधुनिक युग में रुद्राक्ष धारण करना लोगों के लिए एक फैशन बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सनातन धर्म में रुद्राक्ष का अपना एक अलग महत्व है, हिंदू मान्यताओं में रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है। रुद्राक्ष की पवित्रता को देखते हुए इसे धारण करने के भी कुछ नियम हैं। साथ ही कई ऐसे काम है जिन्हें करते वक्त रुद्राक्ष धारण करना वर्जित है। यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं, या आपने रुद्राक्ष धारण किया हुआ है, तो हमारे इस लेख में आपके लिए कई महत्वपूर्ण जानकारियाँ हैं। आज हम आपको बताएँगे कि किन कामों को करते वक्त रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। 

रुद्राक्ष का महत्व 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने माता सती के देह त्याग के बाद विलाप किया था। उनकी आंखों से निकले हुए आंसू धरती के कई हिस्सों पर गिरे थे। उन आंसुओं के माध्यम से ही रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई, इसलिए पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष को शिव जी का अंश माना गया है। कहते हैं कि रुद्राक्ष धारण करने का मतलब शिव के दिव्य स्वरूप को धारण करने के समान है। पुराणों में ही नहीं बल्कि विज्ञान भी ये मानता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। परंतु रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है, यदि आप उन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको रुद्राक्ष से मिलने वाला लाभ प्राप्त नहीं होगा। तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से वह काम हैं, जिन्हें करते वक्त रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।

रुद्राक्ष पहनकर प्रसूति कक्ष में ना जाएं

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष धारण करके प्रसूति कक्ष यानि कि जिस स्थान पर नवजात शिशु का जन्म हुआ है उस स्थान पर नहीं जाना चाहिए ।

रुद्राक्ष पहनकर शमशान में ना जाएं

रुद्राक्ष धारण करके किसी शव यात्रा या शमशान में नहीं जाना चाहिए। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव जीवन और मृत्यु से परे हैं, इसलिए उनके अंश स्वरूप रुद्राक्ष को धारण करके किसी भी जन्म या मृत्यु वाले स्थान पर नहीं जाना चाहिए। यदि आप ऐसे स्थान पर रुद्राक्ष पहनकर जाते हैं तो आपका धारण किया हुआ रुद्राक्ष तेजहीन हो जाता है। 

         यह भी पढ़ें- जानें असली रुद्राक्ष की पहचान

सोते वक्त ना पहनें रुद्राक्ष

सोते वक्त भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए।  रुद्राक्ष उतार कर ही सोना चाहिए, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सोते वक्त हमारा शरीर तेजहीन हो जाता है, और सोते वक्त रुद्राक्ष के टूटने का भी डर होता है। रुद्राक्ष सोते वक्त अपने तकिये के नीचे रखना चाहिए, ऐसा करने से आत्मा को शांति मिलती है, और बुरे सपने नहीं आते हैं। 

संभोग के वक्त ना पहनें रुद्राक्ष

स्त्री-पुरुष को मिलन के वक्त रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। इसके अलावा स्त्रियों के लिए मासिक धर्म में भी रुद्राक्ष धारण करना वर्जित माना गया है, मान्यताओं के अनुसार इन दोनों ही समय पर मनुष्य का शरीर अशुद्ध माना गया है, इसलिए इस वक्त रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। 

मदिरापान और तामसिक भोजन का त्याग करें

रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को तामसिक भोजन और मदिरापान का त्याग करना चाहिएयदि आप रुद्राक्ष धारण करने के बाद मदिरापान या फिर तामसिक भोजन  करते हैं, तो आपको रुद्राक्ष से मिलने वाला लाभ प्राप्त नहीं होगा। 

कब करें रुद्राक्ष धारण

हिंदू धर्म में रुद्राक्ष धारण करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दिनों को चुना गया है यदि आप मकर संक्रांति, अमावस्या, पूर्णिमा, शिवरात्रि, सावन सोमवार, और चतुर्दशी के दिन रुद्राक्ष धारण करते हैं तो आपको इसका शुभ फल प्राप्त होगा। 

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Dharma

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