बुध देव का स्थान परिवर्तन कल, जानें उनकी शांति हेतु महाउपाय

सौर मंडल के सभी ग्रहों में से बुध ग्रह यूँ तो सबसे छोटा ग्रह है, लेकिन इसके विशेष महत्व को देखते हुए ही इसे राजकुमार ग्रह का दर्जा दिया गया है। ज्योतिष विज्ञान अनुसार यदि किसी जातक की जन्म कुंडली में बुध ग्रह कमजोर या निर्बल हो जाता है तो जातक के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आने लगती है। वहीं इसके विपरीत अगर किसी कुंडली में बुध बलवान हो तो जातक को कई सारी ख़ुशियों की सौगात भी बुध देव देते हैं। इस कारण भी बुध का एक राशि से दूसरी राशि में जाना हर प्राणी के जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है।

कल बुध का होगा स्थान परिवर्तन 

ऐसे में अब यही बुद्धि और तर्क शक्ति का कारक ग्रह बुध एक बार पुनः कल सोमवार को यानी 26 अगस्त 2019 को अपना राशि परिवर्तन कर रहा है। जिससे जहाँ कई राशियों पर इस गोचर का असर सकारात्मक पड़ेगा तो वहीं कई जातकों के लिए ये गोचर बेहद अशुभ साबित होने वाला है। 

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बुध को हमेशा से ही दिया जाता रहा है विशेष महत्व 

हिंदू धर्म में भी बुध का अपना एक विशेष स्थान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बुध को चन्द्र पुत्र बताया गया है जिनकी माता तारा हैं। बचपन से ही बुध देव की बुद्धि बड़ी तीव्र थी, जिस कारण ब्रह्मा जी ने इनका नाम बुध रखा था। इन्हे कई पौराणिक शास्त्रों में पारंगत तथा अपने पिता चन्द्रमा की तरह कांतिमान बताया गया है। माना जाता है कि कठोर तपस्या करने के बाद ही बुध देव को ब्रह्माजी ने भूतल का स्वामी तथा समस्त ग्रहों में से राजकुमार ग्रह का दर्जा दिया था। 

इनके वर्ण की बात करें तो वे कनेर के फूल की तरह हरा मिश्रित पीला है। ये पीताभ हरे रंग के ही वस्त्र धारण करे रहते हैं। जिनके चारों हाथों में तलवार, ढाल, गदा तथा वरमुद्रा होती हैं। इनका रथ श्वेत और प्रकाश से दीप्त होता है, जिसमें वायु के समान गति वाले दस घोड़े जुते हुए होते हैं। इनका एक वाहन सिंह भी होता है। बुध ग्रह के अधिदेवता भगवान विष्णु को माना गया है। इसलिए ही इनकी शांति के लिए प्रत्येक अमावस्या के दिन व्रत रखना बेहद शुभ होता है।

बुध ग्रह का जन्म कुंडली पर प्रभाव 

वैदिक ज्योतिष में बुध को एक बेहद शुभ ग्रह माना गया है, लेकिन बावजूद इसके ये क्रूर ग्रह के साथ आकर अशुभ फल भी देते हैं। इसके साथ ही बुध ग्रह को जातक की बुद्धि, संचार और त्वचा का कारक प्राप्त होता है। इसी कारण जिस भी जातक की कुंडली में बुध कमज़ोर होता है तो जातक को त्वचा संबंधी विकार, शिक्षा में एकाग्रता की कमी, गणित विषय में कमज़ोरी और लेखन कार्य में परेशानी आने लगती हैं। वहीं इसके विपरीत बुध के शुभ प्रभाव से बुद्धि, व्यापार, संचार और शिक्षा में जातक को उन्नति मिलती है। ज्योतिष विज्ञान में बुध ग्रह की शांति के लिए कई महा उपाय भी बताए गए हैं। इसलिए यदि कल होने वाले बुध के गोचर के दौरान इसका आपकी राशि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है तो आपको इसके  लिए बताए गए उपाय ज़रूर करने चाहिए। आइये जानते हैं इन महा उपायों को विस्तार से। 

बुध देव की शांति के लिए महाउपाय 

  • बुध की शांति के लिए नित्य “विष्णु-सहस्त्रनाम” का पाठ करें। 
  • बुध को बली बनाने के लिए नित्य भगवान शालिग्राम का पूजन कर उसमें तुलसी के पत्तों का अवश्य प्रयोग करें। 
  • पुरुष-सूक्त के द्वारा माना जाता है कि भगवान विष्णु की षोडशोपचार पूजा करने से बुध के सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस दौरान किये जाने वाले पूजन से भी हर प्रकार के सन्तान कष्ट, गर्भ-दोष, वाणी एवं मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। 
  • व्यापारिक समस्याओं एवं सन्तान सुख में आ रहे कष्टों के लिए “गोपालसह्स्त्रनाम” एवं कृष्ण पूजा बुधवार के दिन करें।  
  • यदि निर्बल बुध से शत्रु बाधा एवं अभिचार कर्मो में कोई भी समस्या है तो इसके लिए प्रत्यंगिरा जप तथा बुध की शान्ति हेतु हवन करना बेहद शुभ माना गया है। 
  • बुध से मिलने वाले शारीरिक कष्टों से निवारण पाने के लिए “महाधनवंतरी मंत्र” एवं “मृत्युंजय मंत्र” का प्रयोग करना चाहिए। 
  • अपनी कुंडली में बुध के स्थान को मजबूत करने हेतु व धन प्राप्ति के लिए पन्ना धारण करना शुभ माना गया है। 
  • इसके अलावा घर में बुध के शुभ फलों की प्राप्ति हेतु घर या ऑफ़िस में बुध यन्त्र  की स्थापना की जा सकती है। 
  • सवा रत्ती स्वर्ण का दान भी बुधवार के दिन करने से बुध के दोषों से मुक्ति मिलती है।
  • माना जाता है कि लगातार ग्यारह एकादशी को व्रत या ग्यारह बुधवार व्रत करने से बुध को शांत किया जा सकता है। 
  • बुध देव के शुभ फलों की प्राप्ति के लिए हर बुधवार मुट्ठी-भर खड़ी मूंग ग़रीबों को दान करनी चाहिए। 
  • इसके साथ ही ब्राह्मण को दूध दान करके व इसके बाद बुध स्त्रोत का पाठ करने से भी बुध देव को प्रबल बनाया जा सकता है।
  • बुध ग्रह की शुभता के लिए 4 मुखी रुद्राक्ष / 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना बेहद लाभदायक होता है।
  • बुध ग्रह के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए गले में या बाजू पर विधारा की जड़ पहनें।
  • गणपति जी की पूजा व व्रत रखने से भी बुध देव खुश होते हैं। 
  • माना जाता है कि बुध ग्रह से सकारात्मक फलों के लिए घर में कभी भी खराब इलेक्ट्रानिक वस्तुओ को नहीं रखना चाहिए। 
  • बुध देव से अधिकाधिक फलों की प्राप्ति हेतु छोटी कन्याएँ, बहन, बुआ, साली, या घर-परिवार की अन्य महिलाओं का आशीर्वाद लेना व उनका सम्मान करना चाहिए। 
  • बुध के गोचर के दौरान बुध के मन्त्रों का जाप करना चाहिए। 

बुध देव की शांति के लिए मंत्र

  • हर जातक को बुध ग्रह से शुभ फल पाने के लिए व उनकी कृपा हेतु बुध के बीज मंत्र “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!” का जाप करना चाहिए। 
  • माना जाता है कि यूँ तो सामान्य रूप से इस बुध मंत्र को 9000 बार जाप करना चाहिए। लेकिन देश-काल-पात्र सिद्धांत अनुसार कलयुग में इस मंत्र का जाप 36000 बार करना ही शुभ माना गया है। 
  • इसके साथ ही बुध ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए व उन्हें प्रसन्न करने के लिए आप इन मन्त्रों का भी जाप कर सकते हैं , “ॐ बुं बुधाय नमः” अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!”

पढ़ें: बुध देव के सिंह राशि में हुए गोचर का राशिफल।

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