RBI को एक बार फिर लगा बड़ा झटका, डिप्टी गवर्नर ने दिया इस्तीफ़ा

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है। खास बात ये है कि उन्होंने यह इस्तीफ़ा कार्यकाल समाप्ति के छह महीने पहले ही दे दिया है। आरबीआई के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है क्योंकि ये दूसरी बार है जब महज सात महीने के भीतर ही किसी बड़े अधिकारी ने दूसरी बार इस्तीफ़ा दिया हो। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विरल से पहले बीते दिसंबर में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल ने भी इस्तीफ़ा दे दिया था। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफ़ा का कारण अपने निजी जीवन से जुड़ा बताया था।

विरल आचार्य ने कार्यकाल पूरे होने से महज छह महीने पहले दिया इस्तीफ़ा 

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के इस्तीफ़े के बाबत सबसे अहम बात ये सामने आयी है की उन्होंने अपने कार्यकाल के पूरे होने से महज छह महीने पहले ही इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने 30 जनवरी 2017 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के बतौर डिप्टी गवर्नर ज्वाइन किया था। उन्हें उर्जित पटेल की टीम का मुख्य हिस्सा माना जाता था। भारतीय अर्थव्यवस्था के हिसाब से देखें तो विरल आचार्य का इस्तीफ़ा नुकसानदेह साबित हो सकता है। इससे पहले उर्जित पटेल ने भी अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफ़ा दिया था। सूत्रों की माने तो डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से इस्तीफ़ा देने के बाद न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के सैटर्न स्कूल ऑफ़ बिजनेस में प्रोफेसर के तौर पर ज्वाइन करेंगे।

ये है विरल आचार्य के इस्तीफ़े का कारण 

विरल आचार्य के इस्तीफे की साफ़ वजह अभी सामने नहीं आ पाई है लेकिन सूत्रों की माने तो पिछले कुछ महीनों से विरल आचार्य और तात्कालिक गवर्नर शक्तिकांत दास के विचार आपस में मिल नहीं रहे थे। हर मुद्दे पर दोनों के फैसले एक-दूसरे से बिल्कुल अलग सामने आ रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो हाल ही में मॉनिटरिंग पॉलिसी बैठक के दौरान भी राजकोषीय नुकसान के मुद्दे पर भी विरल आचार्य ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास के विचारों पर असहमति जताई थी। इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं ना कहीं विरल आचार्य के इस्तीफे के पीछे ये कारण भी हो सकता है।

मोदी सरकार के कार्यकाल में तीसरा बड़ा झटका 

आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये तीसरा बड़ा झटका है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिहाज से उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है। इससे पहले आरबीआई गवर्नर जनरल उर्जित पटेल, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविन्द सुब्रमण्यम और नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दिया था।

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