जानें क्या थे रावण के सात अधूरे सपने, जिन्हें वो पूरे नहीं कर पाया !

दशहरा इस साल 8 अक्टूबर 2019 के दिन मनाया जाएगा। इस दिन लोग रावण का पुतला दहन करते हैं, और अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में इस त्योहार को मनाते हैं। रावण एक तरफ जहाँ महापंडित और महाज्ञानी व्यक्ति था, वहीँ दूसरी तरफ अपनी शक्ति और ज्ञान के घमंड में उसने खुद को ही भगवान मान लिया था। रावण कि कुछ ऐसी इच्छाएं और सपने भी थे, जो अगर पूरे हो जाते तो धरती ऐसी नहीं होती जैसी आज हम देख रहे हैं। उसके ये सपने प्रकृति के विरूद्ध थे और अगर वो पूरे हो जाते तो धरती पर अधर्म बढ़ जाता। चलिए आज इस लेख में आपको बताते हैं, रावण के वो अधूरे सपने जो वह पूरे नहीं  कर पाया। 

पहला अधूरा सपना 

रावण का सबसे पहला अधूरा सपना था, स्वर्ग तक सीढ़ियां का निर्माण करना। रावण जानता था कि भगवान की पूजा लोग स्वर्ग और मोक्ष की कामना के लिए ही करते हैं। वह स्वर्ग तक सीढ़ियां बनाकर भगवान को चुनौती देना चाहता था और चाहता था कि लोग भगवान की पूजा छोड़कर उसकी पूजा करें। अगर रावण की यह इच्छा पूरी हो जाती तो अच्छे-बुरे सभी लोगों को स्वर्ग की प्राप्ति हो जाती। रावण का यह सपना पूरा होता उससे पहले वो भगवान श्रीराम के हाथों मारा गया।  

दूसरा अधूरा सपना 

रावण का दूसरा अधूरा सपना था कि सोने में सुगंध डालना। आप सभी ने सुना होगा कि लंका जो कि रावण का निवास स्थान था, वो पूरी सोने की बनी हुई थी। यह बात दर्शाती है कि रावण सोने का बहुत शौकीन था। वह चाहता था कि सोने में सुगंध आ जाए, ताकि सुगंध से जान लिया जाए कि सोना कहाँ है और उसे खोजने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके साथ ही रावण चाहता था कि दुनिया में हर इन्सान के पास इतना धन हो कि लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना छोड़ दें। लेकिन उसका यह सपना भी अधूरा रह गया। 

तीसरा अधूरा सपना 

लंकापति रावण का तीसरा अधूरा सपना था कि इन्सान के खून का रंग सफेद हो जाये। कहा जाता है कि रावण ने अपने विश्व विजय अभियान के दौरान करोड़ों लोगों का खून बहाया था। जिस वजह से सभी नदियां, सरोवर आदि खून के रंग से लाल हो गई थी और  पूरी पृथ्वी का संतुलन बिगड़ने लगा था। इसलिए रावण चाहता था कि खून का रंग लाल की जगह सफ़ेद हो जाए ताकि किसी को पता ही न चले कि उसने किसी का वध किया है।

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चौथा अधूरा सपना

रावण का चौथा अधूरा सपना था शराब से दुर्गंध खत्म करना। रावण उस समय में भी विज्ञान और तकनीक का जानकर था, लेकिन उसके इस सपने के पीछे उसकी गलत मंशा थी। ऐसा वह इसीलिए चाहता था कि अगर शराब गंधहीन हो जाता तो हर कोई इसका सेवन करता और लोगों में असुरी शक्तियां बढ़ती, जिससे रावण और भी ज्यादा ताक़तवर हो जाता। इसलिए रावण शराब को गंधहीन करना चाहता था।

पांचवा अधूरा सपना 

रावण का पांचवा अधूरा सपना था समुद्र के पानी को मीठा करना। रावण विश्व के सातों समुद्र के पानी को मीठा बनाना चाहता था, ताकि पीने के पानी की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाए। लेकिन उसका यह सपना भी कभी पूरा नहीं हो पाया।

छठा अधूरा सपना 

रावण का छठा अधूरा सपना था काले रंग को गोरा करना। रावण का पूरा शरीर काले रंग का था। काला रंग होने की वजह से महिलाएं अक्सर रावण और पूरी असुर जाति का अपमान करती थीं। इसी वजह से रावण चाहता था कि जितने भी लोग काले हैं, उनके शरीर का रंग गोरा हो जाये, जिससे कोई भी महिला उनका अपमान न कर सके और लोगों के बीच में रंग को लेकर भेदभाव न रहे। 

सातवाँ अधूरा सपना 

रावण का सातवाँ अधूरा सपना था कि धरती पर भगवान की पूजा न की जाए। रावण खुद को इतना बलशाली समझता था कि उसकी इच्छा थी कि पूरी दूनिया में हर कोई सिर्फ उसे ही पूजे। उसने इसके लिए कई प्रयास भी किये, लेकिन उसका ये सपना कभी पूरा नहीं हो सका।

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