तीस साल बाद बन रहा है अद्भुत संयोग: रक्षाबंधन पर सूर्य व शनि आमने सामने

इस रक्षाबंधन, अर्थात साल 2023 के रक्षाबंधन के समय ग्रहों के गोचर एक विशेष योग बना रहे हैं। जिसे आप दुर्योग की श्रेणी में भी रख सकते हैं। हालांकि कुछ स्थितियां ऐसी भी है जो इस योग की नकारात्मकता को कम या समाप्त भी कर सकती हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन के समय शनि ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोग जानते हैं कि शनि ग्रह एक राशि में ढाई वर्षो तक गोचर करते हैं। इस कारण से कुंभ राशि से चलकर वापस कुंभ राशि में आने तक शनि को लगभग 30 वर्षों का समय लग जाता है। यानी कि शनि ग्रह पूरे 30 वर्षों के पश्चात कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं।

सूर्य ग्रह के गोचर की बात करें तो सूर्य ग्रह औसतन एक महीने में एक राशि बदलता है और ज्यादातर समय रक्षाबंधन के समय यह सिंह राशि या उसके आसपास की राशियों यानी कि कर्क या फिर कन्या में रहता है। क्योंकि रक्षाबंधन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है तो ऐसी स्थिति में ज्यादातर मामलों में सूर्य चंद्र आमने-सामने होते हैं। अर्थात एक दूसरे से लगभग 180 डिग्री पर स्थित होते हैं। इस बार सूर्य अपनी राशि में है और शनि ग्रह अपनी राशि में है। दोनों एक दूसरे के सामने हैं। यानी कि एक दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देख रहे हैं। शनि-सूर्य के बीच में सरस रिश्ते नहीं माने गए हैं। अर्थात इन दोनों के बीच में शत्रुता का संबंध माना गया है और जब दो शत्रु अपनी अपनी राशि में यानी लगभग मजबूत स्थिति में बैठकर एक दूसरे को देख रहे हों तो यह समय उपद्रवकारी समय के रूप में प्रभाव डाल सकता है। कहने का मतलब यह है कि सूर्य और शनि का अपनी-अपनी राशि में होकर एक दूसरे पर पूर्ण दृष्टि डालना शुभता में कमी करने का काम कर सकता है लेकिन इन सब के बीच एक अनुकूल स्थिति यह है कि देवगुरु बृहस्पति जिनकी दृष्टि को गंगाजल के समान पवित्र माना गया है; सूर्य का फेवर करते हुए नजर आ रही है। देवगुरु बृहस्पति पंचम दृष्टि से सूर्य ग्रह को देख रहे हैं। अतः शनि से मिलने वाले नकारात्मक प्रभावों को कम करने की कोशिश करेंगे। जैसा कि ज्योतिष में रुचि रखने वाले लोग जानते हैं की शनि “अंधेरा” है तो सूर्य “प्रकाश” है और जब अंधेरा प्रकाश को पराजित करने की कोशिश कर रहा हो तो ऐसी स्थिति में ज्ञान और अनुभव का सहयोग मिल जाने के कारण सूर्य इस द्वंद में विजयी स्थिति में रह सकता है।

कहने का तात्पर्य यह है कि इस रक्षाबंधन पर यह एक विशेष ग्रह गोचरीय स्थिति निर्मित हो रही है। जो लगभग 30 वर्षों में या कभी-कभी उससे भी अधिक समय में देखने को मिलती है। यद्यपि प्रत्यक्ष रूप से देखने में यह नुकसान देने वाली स्थित है लेकिन देवगुरु बृहस्पति की कृपा से देश दुनिया और हम सब किसी बड़ी नकारात्मकता के समीप होकर के भी उसके दुष्प्रभाव से स्वयं को बचाने में समर्थ रहेंगे।

शनि सूर्य की स्थिति के कारण किस राशि वाले लोगों को कैसे परिणाम मिल सकते हैं आइए जानते हैं…

मेष राशि:

इस ग्रह स्थिति के कारण मेष राशि वाले लोगों को प्रेम संबंध के प्रति लापरवाह नहीं होना है। यदि आप विद्यार्थी है तो शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता रहेगी। साथ ही साथ आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क भी नहीं लेना है।

वृषभ राशि:

इस ग्रह स्थिति के कारण वृष राशि वाले लोगों को अपने कार्यक्षेत्र तथा गृहस्थ जीवन में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी है। घर के बड़े बुजुर्गों के साथ अच्छे संबंध रखने हैं तथा कार्य क्षेत्र में वरिष्ठों के साथ अच्छे संबंध रखने हैं। इन मामलों में किसी भी प्रकार के लापरवाही नहीं दिखानी है।

मिथुन राशि:

मिथुन राशि वाले लोगों को यह ग्रह गोचरीय स्थिति कोई बड़ा नुकसान नहीं करेगी, फिर भी कार्यक्षेत्र में रिस्क लेकर कोई बदलाव करना उचित नहीं रहेगा। साथ ही साथ पिता व भाई बहनों के साथ के साथ अच्छे संबंध बने रहें, इस बात की कोशिश जरूरी रहेगी।

कर्क राशि:

इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण कर्क राशि वाले लोगों को अपने स्वास्थ्य का अधिक ख्याल रखने की जरूरत रहेगी। घर परिवार और आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क लेना उचित नहीं रहेगा। साथ ही साथ बातचीत का तौर तरीका काफी सभ्य और पोलाइट रखना जरुरी रहेगा।

सिंह राशि:

इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण सिंह राशि वाले लोगों को चाहिए कि निजी संबंधों में किसी भी प्रकार के लापरवाही न बरतें। जीवनसाथी या जीवन संगिनी के स्वास्थ्य और उनकी भावनाओं का पूरा ख्याल रखें। व्यापार व्यवसाय के मामले में भी कोई बड़ा डिसीजन लेने से बचें और किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाएं।

कन्या राशि:

इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण कन्या राशि वाले लोगों को कोई बड़ा नुकसान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अलबत्ता स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह नहीं होना है और तनाव मुक्त होकर के लाइफ को इंजॉय करना है। बेवजह के क्रोध और विवाद को टालना भी जरुरी रहेगा लेकिन ओवरऑल इससे कन्या राशि वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।

तुला राशि:

इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण तुला राशि वाले लोगों के निजी जीवन में कुछ परेशानियां देखने को मिल सकती हैं। प्रेम संबंध और दांपत्य जीवन में किसी भी प्रकार की लापरवाही उचित नहीं रहेगी। बाकी कार्य क्षेत्र और आमदनी के लिए यह ग्रह स्थिति लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

वृश्चिक राशि:

इस ग्रह स्थिति के कारण वृश्चिक राशि वाले लोगों को घर गृहस्ती से संबंधित मामलों में अपेक्षाकृत अधिक जागरूक रहने की जरूरत रहेगी। साथ ही साथ वरिष्ठों के साथ फ्रेंडली होने के चक्कर में अभद्र न हो जाएं, इस बात का ख्याल रखना जरुरी रहेगा। शासन प्रशासन के से जुड़े लोगों के साथ भी अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश जरूरी रहेगी। बाकी घर गृहस्थी के मामले में भी कुछ कमियां नजर आ रही है। अन्य मामलों में सामान्य तौर पर अच्छे परिणाम मिलते रहने चाहिए।

धनु राशि:

इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण धनु राशि वाले लोगों को कोई बड़ा नुकसान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। सामान्य तौर पर इन्हें इस स्थिति में भी अच्छे परिणाम मिलते हुए प्रतीत हो रहे हैं। फिर भी भाई बांधों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की कोशिश जरूरी रहेगी। साथ ही साथ पिता अथवा पिता से जुड़े मामलों में भी अपेक्षाकृत थोड़ी सी एक्स्ट्रा जागरूकता दिखाना हितकारी रहेगागोचरीय

मकर राशि:

मकर राशि वाले लोगों को इस ग्रह गोचरीय स्थिति के कारण आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अपेक्षाकृत अधिक जागरूकता दिखाने की जरूरत रहने वाली है। आर्थिक मामलों में किसी भी प्रकार का रिस्क नहीं लेना है तथा खान-पान के प्रति लापरवाह नहीं होना है। इन सावधानियां को रखने की स्थिति में कोई बड़ी समस्या नहीं आनी चाहिए।

कुम्भ राशि:

कुंभ राशि वाले लोगों के लिए यह गोचरीय स्थिति अधिक अनुकूल नहीं है। अर्थात इस राशि वाले लोगों को यह स्थिति कमजोर परिणाम दे सकती है। ऐसे में अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना है। दैनिक रोजगार का ख्याल रखना और दांपत्य जीवन का ख्याल रखना है। विशेषकर एक्स्ट्रा ख्याल रखना जरुरी रहेगा।

मीन राशि:

सूर्य शनि की इस स्थिति के कारण मीन राशि वाले लोगों को कोई बड़ा नुकसान नहीं होगा। अलबत्ता शनि की नकारात्मकता को कम करने में सूर्य मदद कर सकते हैं। क्योंकि मीन राशि के स्वामी बृहस्पति सूर्य को ताकत दे रहे हैं। लिहाजा आपके राशि स्वामी की रक्षा सुरक्षा के लिए सूर्य भी अपनी पूरी ताकत लगा सकते हैं। इन सबके बावजूद भी व्यर्थ के खर्चों को रोकना और अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखना तथा बेफिक्र होकर अच्छी नींद लेना जरूरी रहेगा।

नोट: यदि यह जानकारी पैनल ज्योतिषियों के लिए है तो वो लोग अपने अनुसार व प्रोडक्ट आदि बेचने के हिसाब से उपाय स्वयं बता देंगे।

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