36 वर्षों बाद मेष में गुरु-राहु की युति- ये 7 राशियाँ होंगी सबसे अधिक प्रभावित!

36 वर्षों बाद मेष राशि में गुरु और राहु की युति हो रही है। जहां ज्योतिष में गुरु को देवताओं के गुरु का दर्जा दिया गया है वहीं राहु को छाया और पापी ग्रह माना जाता है। हालांकि कुंडली में गुरु और राहु किस स्थिति में मौजूद हैं यह उसके अनुरूप ही फल व्यक्ति को प्रदान करते हैं। मेष राशि में इन दोनों ही बेहद महत्वपूर्ण ग्रहों की युति बेहद ही खास और महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 

ऐसे में स्वाभाविक है कि देव गुरु बृहस्पति और छाया ग्रह राहु की 36 सालों बाद हो रही इस युति का कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। आज अपने इस ब्लॉग में हम आपको गुरु राहु युति का महत्व बताएंगे और साथ ही जानेंगे कि यह युति किन राशियों के लिए शुभता के संकेत दे रही है।

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गुरु राहु युति: अर्थ और महत्व

ज्योतिष में गुरु और राहु इन दोनों ही ग्रहों को बेहद महत्वपूर्ण ग्रह का दर्जा दिया गया है। हालांकि इन ग्रहों की युति से बेहद ही अशुभ चांडाल योग का निर्माण होता है। जहां एक तरफ गुरु ग्रह बुद्धि के कारक माने जाते हैं वहीं दूसरी तरफ राहु भ्रम, संदेह, शक आदि का कारक माना गया है।

ऐसे में इन ग्रहों की युति कई मायनों में खास मानी जाती है।  

गुरु राहु युति से इन राशियों को होगा लाभ

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि मेष राशि में गुरु और राहु की यह अद्भुत युति 36 वर्षों बाद बन रही है, ऐसे में इस युति से मेष राशि, मिथुन राशि, सिंह राशि, तुला राशि, धनु राशि, कुंभ राशि, और मीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिलने के संकेत बन रहे हैं।  

आइए आगे बढ़ते हैं और विस्तार से जान लेते हैं इन राशियों को क्या कुछ लाभ मिलेगा। 

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मेष राशि

  • गुरु-राहु की यह युति मेष जातकों के लग्न भाव में बन रही है। जिसके परिणामस्वरूप,
  • स्वास्थ्य में अच्छे और शुभ परिणाम देखने को मिलेंगे। 
  • नौकरीपेशा जातकों के कार्यक्षेत्र में कुछ अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं। 
  • पारिवारिक पक्ष के संदर्भ में शुभ परिणाम हासिल होंगे। 
  • सिंगल जातकों के विवाह के योग बनेंगे।
  • उपाय के तौर पर मंदिर जाते रहें और देवो-देवताओं का आशीर्वाद लेते रहें। 

मिथुन राशि

  • इस अवधि में संतान पक्ष प्रगति करेगा। 
  • जो लोग सिंगल हैं उनका किसी योग्य पार्टनर से विवाह तय हो सकता है। 
  • आर्थिक लाभ के प्रबल योग बनेंगे। 
  • साथ ही सेहत में भी अनुकूल बदलाव देखने को मिलेंगे। 
  • उपाय के तौर पर अहंकार से बचें और पूजा पाठ में ध्यान लगाएं। 

सिंह राशि

  • सिंह राशि के जातकों के स्वास्थ्य में सुधार होगा। 
  • आपका संतान पक्ष उन्नति करेगी। 
  • इस राशि के जो जातक विवाह करना चाहते हैं या परिवार को बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए समय बेहद अनुकूल रहेगा। 
  • उपाय के तौर पर रोजाना सूर्य देव को जल में हल्दी मिलाकर अर्घ्य दें। 

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तुला राशि

  • इस समय अवधि में आपके जीवन से तमाम रुकावटें परेशानियां दूर होंगी। 
  • विवाह करने की योजना बना रहे हैं तो इस समय कोई शुभ प्रस्ताव आपको मिल सकता है। 
  • अगर कोई बड़ा निर्णय या फैसला लेना चाहते हैं तो सोच समझकर और किसी जानकार व्यक्ति से परामर्श लेकर ही कदम आगे बढ़ाए। 
  • उपाय के तौर पर नियमित रूप से मंदिर जाते रहें।  

धनु राशि

  • धनु राशि के जातकों के जीवन में इस समय अवधि में मानसिक स्थिति और स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलेगा। 
  • नौकरी पेशा जातकों के करियर में उन्नति होगी। 
  • आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी। 
  • पारिवारिक जीवन शानदार रहेगा। 
  • उपाय के तौर पर जल में हल्दी मिलाकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करें।

कुंभ राशि

  • कुंभ राशि के जो जातक विवाह करने की योजना बना रहे हैं या संतान की योजना बना रहे हैं तो इस समय उन्हें शुभ परिणाम मिल सकते हैं। 
  • इस राशि के जातकों को अपने करियर में उन्नति देखने को मिलेगी। 
  • विद्यार्थी जातकों को लाभ मिलेगा। 
  • स्वास्थ्य का थोड़ा अधिक ध्यान रखें।
  • उपाय के तौर पर नियमित रूप से मंदिर जाते रहें। 

मीन राशि

  • मीन राशि के जातकों को आर्थिक पक्ष, शिक्षा, आदि में लाभ मिलेगा। 
  • करियर में सफलता मिलेगी। 
  • धर्म और अध्यात्म की तरह आपका झुकाव बढ़ेगा।
  • उपाय के तौर पर नियमित रूप से पूजा करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न: गुरु और राहु की युति से कौन सा योग बनता है?

उत्तर: ज्योतिष के अनुसार जब भी गुरु-राहु की युति होती है तो इससे बेहद अशुभ चांडाल योग का निर्माण होता है।

प्रश्न: गुरु चांडाल योग के दौरान किस भगवान की करें पूजा?

उत्तर: गुरु चांडाल योग के दौरान भगवान विष्णु की पूजा का महत्व बताया गया है।

प्रश्न: कुंडली में गुरु को मजबूत कैसे करें?

उत्तर: भगवान विष्णु की पूजा, गुरुवार का व्रत, विष्णु सहस्रनाम का पाठ आदि करने से कुंडली में मौजूद गुरु मजबूत होता है।

प्रश्न: राहु के शुभ प्रभाव कैसे प्राप्त करें?

उत्तर: हर बुधवार को नियमित रूप से मंत्र “ॐ दुर्गाये नमः” का 108 बार जाप करें।

प्रश्न: गुरु-राहु युति के दौरान क्या उपाय कर सकते हैं?

उत्तर: भगवान गणेश की पूजा करें और उनके मंत्रों का जप करें।

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