हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। यही कारण है कि आज के आधुनिक युग में भाग-दौड़ भरी जिंदगी होने के बावजूद भी व्यक्ति अपने घर में पूजा घर जरूर रखता है। अपने दिन की शुरूआत भगवान की पूजा से करता है लेकिन, क्या आप जानते हैं यदि आपके घर में मंदिर है तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए नहीं तो हो सकता है, अनजाने में आपसे ऐसी भूल हो जाए कि आप ईश्वर की उपासना तो करें, परंतु उनकी कृपा आप पर ना बने। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा के कुछ नियम बनाए गए है, और ऐसी मान्यता है कि यदि भक्त उनका पालन करते हुए पूजा-अर्चना करता है तो उस पर ईश्वर की असीम कृपा बनी रहती है। तो आइए इस लेख में जानते हैं, कि पूजा करते वक्त किन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
पूजा में सूखे फूल ना चढ़ाएं
पूजा करते वक्त इस बात का खास ध्यान रखें, जब भी आप पूजा करें, तो भगवान को सूखे या बासी फूल ना चढ़ाएं। कई बार हम सूखे और बासी फूलों का हार भगवान पर चढ़ा रहने देते है, और दूसरे दिन की पूजा शुरु कर देते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसे बेहद अशुभ माना जाता है, इसलिए एक दिन पहले की गई पूजा में चढ़ाए गए फूल और फूलों की माला को हटा कर ही अगले दिन की पूजा प्रारंभ करनी चाहिए।
खंडित दीपक ना जलाएं
पूजा करते वक्त दीपक का विशेष महत्व है, दीप प्रज्वलित करने के बाद ही हम ईश्वर की उपासना शुरू करते हैं। ऐसे में यह ध्यान रखें, कि दीपक खंडित ना हो यदि आप टूटे हुए दिए से दीप जलाते हैं, तो यह बेहद अशुभ माना जाता है। और इसका शुभ परिणाम नहीं मिलता है।
मंदिर में खंडित मूर्ति ना रखें
घर के मंदिर में कभी भी खंडित मूर्ति यानि की टूटी हुई मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। मूर्ति टूट गई है तो उसे तुरंत नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए। यदि आपके घर के आसपास कोई नदी नहीं है, तो आप पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर भी उस मूर्ति या प्रतिमा को रख सकते हैं। परंतु उसकी पूजा करना शुभ नहीं है, इसलिए अपने मंदिर में खंडित मूर्ति या फिर प्रतिमा ना रखें।
तुलसी का सूखा पत्ता ना चढ़ाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु और कृष्ण जी को तुलसी दल चढ़ाना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी दल हमेशा ताजा ही चढ़ाया जाता है। सूखा या बासी तुलसी जी का पत्ता भगवान को भोग में कभी नहीं लगाना चाहिए। इसे बेहद अशुभ माना जाता है।
पूजा में क्या जरूर करें
- रोजाना पूजा करते वक्त पंचदेव का ध्यान जरूर करें। गणेश, विष्णु, दुर्गा, शिव और सूर्य यह आधी पंचदेव कहलाते हैं, यदि आप इनका स्मरण करते हैं, तो लक्ष्मी जी की आप पर विशेष कृपा बनी रहेगी।
- पूजा करते वक्त यदि आप कोई मनोकामना मांग रहे हैं, तो दक्षिणा जरूर चढ़ाएं साथ ही दक्षिणा अर्पित करते वक्त अपने दोषों को छोड़ने का संकल्प भी लें, यदि आपके अंदर कोई दोष है, तो उसे छोड़ने से आपकी मनोकामना जल्द पूरी होगी।
- पूजा करते वक्त हम अक्सर हाथों से भगवान को फूल अर्पित करते हैं। परंतु ऐसा ना करें, फूलों को किसी पवित्र पात्र में रखकर ही देवी-देवताओं को फूल अर्पित करना चाहिए।
- भगवान की आरती करते वक्त उनके चरणों की चार बार, नाभि की दो बार और मुख की एक से तीन बार आरती करें। इसके अलावा भगवान के समस्त अंगों की कम से कम सात बार आरती करें ।
- पूजा करते वक्त हमारा मुख सदैव उत्तर या फिर पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए, यदि संभव हो तो पूजा रोजाना सुबह 6 से 8 बजे के बीच ही करनी चाहिए।