जानें कैसा होता है सूर्यास्त के बाद जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व!

वैदिक ज्योतिष में किसी व्यक्ति का जन्म समय, तिथि ओर स्थान महत्वपूर्ण माना गया है। इनका इंसान के भाग्य, व्यक्तित्व और स्वभाव पर गहरा प्रभाव पड़ता है। लेकिन क्या यह वास्तव में इतना मायने रखता है कि व्यक्ति का जन्म सूर्यास्त से पहले हुआ या बाद में? इसका जवाब है हाँ। जिन लोगों का जन्म सूर्योदय के बाद यानी शाम से लेकर अगली सुबह के दौरान हुआ है उनके व्यक्तित्व में भिन्नता देखने को मिलती है।

आपने “मून चाइल्ड” और “सन चाइल्ड” के बारे में जरूर सुना होगा जो आजकल काफ़ी प्रचलन में है। हालांकि, इनका संबंध सूर्य और चंद्र कुंडली से है। अगर आपका जन्म सूर्यास्त के बाद हुआ है, तो इस ब्लॉग को एस्ट्रोसेज विशेष रूप से आपके लिए लेकर आया है जिनके माध्यम से आप जानेंगे कि क्या आप मून चाइल्ड हैं? कैसे जानें अपनी कुंडली के बारे में और कैसे होते है सूर्यास्त के बाद जन्में लोगों का व्यक्तित्व आदि। आइये अब हम आगे बढ़ते हैं, 

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क्या है ज्योतिष और सूर्यास्त के बाद जन्में लोगों के बीच संबंध?

आपकी कुंडली सूर्य है या चंद्र, यह जानने के लिए आपको अपने जन्म समय पर नज़र डालने की जरुरत है। यदि किसी व्यक्ति का जन्म सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त के बीच में हुआ है, तो आपकी सूर्य कुंडली है जबकि आपका जन्म सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले हुआ है तो आपकी चंद्र कुंडली है। सामान्यशब्दों में सूर्य कुंडली में जातक पर सूर्य का प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है, इसी तरह रात में जन्में लोगों पर चंद्र का प्रभुत्व होता है। लेकिन सिर्फ ये दो ग्रह ही इंसान का जीवन और भाग्य निर्धारित नहीं करते हैं इसलिए सूर्य या चंद्र कुंडली के बारे में जानने के लिए आपको विशेषज्ञ ज्योतिषी से परामर्श करना चाहिए।    

अगर बात करें उन लोगों के बारे में जिनका जन्म सूर्यास्त के बाद हुआ है, उन जातकों के जीवन पर चंद्रमा, शुक्र और मंगल का प्रभाव अधिक होता है। साथ ही, ऐसे व्यक्तियों का जीवन राहु और बृहस्पति से भी काफ़ी प्रभावित होता है। यही वजह है कि सूर्यास्त के बाद जन्में लोगों की ज़िन्दगी में ख़ुशियों और धन का प्रवाह निरंतर बना रहता है। अब आइये विस्तार से जानते हैं चंद्र कुंडली के बारे में।

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कैसे पता करें आपकी चंद्र कुंडली है या नहीं?

जब हम सूर्य या चंद्र कुंडली की बात करते हैं तो इसका सीधा संबंध कुंडली में सूर्य की स्थिति से होता है। यदि आप अपनी कुंडली का विश्लेषण करेंगे तो उसमे उदित लग्न से शुरू हो रही रेखा देखेंगे। आपको इस रेखा की मदद से सूर्य की स्थिति पर नज़र डालनी है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य रेखा से नीचे स्थित है, तो आपकी चंद्र कुंडली है। कुंडली के विभिन्न भावों में सूर्य की स्थिति से सूर्य या चंद्र कुंडली के बारे में पता लगाया जा सकता है। 

यहाँ हमने आपको बताया कि आपकी जन्म कुंडली सूर्य आधारित है या चंद्र, इस बारे में आप कैसे जान सकते हैं। लेकिन अब हम बात करेंगे सूर्यास्त के बाद जन्म लेने वाले लोगों के व्यक्तित्व के बारे में।  

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सूर्यास्त के बाद जन्में लोगों का व्यक्तित्व 

  • जिन लोगों का जन्म सूर्यास्त के बाद होता है, वे लोग बहुत भावुक, संकोची और चीज़ों को जल्दी स्वीकार करने वाले होते हैं। 
  • सूर्यास्त से पहले जन्में लोगों की तुलना में ये लोग बेहद शर्मीले होते हैं, आमतौर पर सबकी नज़र में आने से परहेज़ करते हैं। 
  • इन जातकों का झुकाव चंद्र राशि के प्रति अधिक होता है। 
  • इनके पास ज्ञान का भंडार होता है इसलिए ये लोग किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय को करते समय अपनी भावनाओं को अहमियत देते हैं। 
  • सूर्यास्त के बाद जन्म लेने वाले लोगों का व्यक्तित्व अलग होता है,साथ ही ये लोग दूरदर्शी और गहन चिंतक होते हैं। 
  • इनकी बुद्धि बहुत तेज़ होती है और अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के बीच इकलौते ऐसे व्यक्ति होते हैं जो सभी ख़बरों से जागरूक रहते हैं। साथ ही, ये लोग अपने ज्ञान से दूसरों को हैरान करने में सक्षम होते हैं।
  • सूर्यास्त के बाद जन्में लोग आशावादी, उत्साही और कल्पनाशील होते हैं जो उन्हें रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता दिलाता है।
  • इन लोगो का अपने माँ के साथ रिश्ता बहुत मज़बूत होता है। 
  • किसी भी तरह की राय बनाने से पहले ये लोग हर छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना पसंद करते हैं।     
  • सूर्यास्त के बाद जन्म लेने वाले लोग मेहनती होते हैं और किसी भी इच्छा को पूरी करने के लिए अपनी जान लगा देते हैं।  

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