पौष पूर्णिमा पर बन रहा है बेहद दुर्लभ महायोग, जानिए स्नान का महत्व

पौष माह (Paush Maah) की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। 28 जनवरी 2021 गुरुवार यानी आज पौष पूर्णिमा (Paush Purnima 2021) है। पौष पूर्णिमा का यह दिन हिंदू धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण माना गया है और साथ ही इस दिन दान, स्नान और जप, तप का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि, आज से ही पौष माह का अंत होता है और माघ माह की शुरुआत होती है। 

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पौष पूर्णिमा पर बन रहा है महायोग 

यूं तो वैसे भी पौष पूर्णिमा का दिन बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है और आज इस दिन को और भी ज्यादा महत्वपूर्ण और सफल बनाने के लिए आज के दिन गुरु पुष्य योग (Guru Pushya Yoga) बन रहा है। जानकारी के लिए बता दें गुरुवार के दिन जब पुष्य नक्षत्र होता है तब इसे पुष्य योग कहा जाता है। यह बेहद ही दुर्लभ संयोग है। ऐसे में इस दिन यदि आप भी कोई मनोकामना सच्चे दिल से मांगते हैं तो वो अवश्य पूरी होती है। इसके अलावा धन वृद्धि, शुभ कार्य, मनचाही सिद्धि पाने के लिए यदि सच्ची आस्था के साथ पूजा अर्चना की जाए तो यह सारी मनोकामनाएं भी अवश्य पूरी होती है। 

आज के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करना बेहद ही लाभदायक साबित हो सकता है। इससे व्यक्ति को आरोग्य जीवन और बीमारियों से दूर रहने में मदद हासिल होती है। इसके अलावा आज सूर्य और चंद्रमा एक दूसरे के सामने होंगे जिससे गजकेसरी योग (GajKesari Yoga) का भी शुभ प्रभाव बन रहा है। ऐसे में आज के दिन स्नान,दान,जप और तप करने से व्यक्ति को जीवन में सारी सुख-समृद्धि के साथ साथ उसकी समस्त मनोकामनाएं भी पूरी होती है। इसके अलावा यदि आप सोने चाँदी की खरीद या वाहन संपत्ति की खरीद के बारे में भी विचार कर रहे हैं तो इसके लिए यह योग बेहद शुभ माना गया है। 

सिर्फ इतना ही नही आज पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थसिद्धि (Sarwarth Siddhi Yoga) महायोग भी है। इस योग में कोई भी शुभ काम करने से व्यक्ति को शुभ परिणाम ही हासिल होते हैं। यदि आप निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए आज का दिन बेहद शुभ साबित हो सकता है। 

पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य उपासना का महत्व

मान्यता के अनुसार, आज के दिन सूर्य देव की पूजा और उन्हें अर्ग्य देने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। सिर्फ इतना ही नहीं आज के दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, अपनी क्षमता अनुसार दान देते हैं, और जप,तप करते हैं। ऐसा करने से मनुष्य को अपने पापों से मुक्ति मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है। जानकारी के लिए बता दें पौष पूर्णिमा (Paush Poornima) के दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों की पूजा का विधान बताया गया है। 

पौष पूर्णिमा व्रत (Paush Purnima Vrat) से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर प्राप्त होता है। इसके अलावा जिन व्यक्तियों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में होता है या बलहीन अवस्था में होता है उन्हें पूर्णिमा व्रत करने की सलाह दी जाती है। पूर्णिमा व्रत (Purnima Vrat) से चंद्रमा के बुरे प्रभाव को दूर किया जा सकता है।

पौष पूर्णिमा के दिन सत्य नारायण की पूजा का क्या महत्व होता है?

पौष पूर्णिमा व्रत पूजन विधि (Paush Purnima Pooja Vidhi)

  • पौष पूर्णिमा के दिन लोग प्रातः काल स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं। 
  • इसके बाद बहुत से लोग कड़कड़ाती ठंड में भी पवित्र नदियों या कुंड में स्नान करते हैं। 
  • इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करके लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं। 
  • इस दौरान सूर्य मंत्र का उच्चारण करना बेहद शुभ फलदाई साबित होता है।
    सूर्य मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।
    आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं – ॐ घृणि सूर्याय नमः!
  • स्नान के बाद इस दिन भगवान मधुसूदन की पूजा का विधान बताया गया है। 
  • आज के दिन दान का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसे में स्नान और पूजन के बाद बहुत से लोग अपनी यथाशक्ति के अनुसार ज़रूरतमंदों या ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं और उन्हें दान दक्षिणा देते हैं।

हम आशा  करते हैं यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा। यदि इस व्रत या अपने जीवन से जुड़ा कोई भी अन्य प्रश्न है तो आप हमारे जाने-माने ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।

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