नीतीश कुमार : ज्योतिष के अनुसार राजनेता के भविष्य की गणना

नीतीश कुमार एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत के बिहार राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वह बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के 23 वें मुख्यमंत्री हैं। 16 नवंबर 2020 तक, उन्होंने पिछले छह अवसरों पर मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है।

उन्होंने खुद को बिहारी लोगों की सेवा के प्रति समर्पित किया है, उनकी समाजवादी नीतियों के जरिये उन्होंने स्कूलों में हजारों शिक्षकों की नियुक्ति की, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की नियुक्ति की, गांवों का विद्युतीकरण किया, सड़कों की हालत में सुधार करवाया और महिला शिक्षा के जरिये बिहार को विकास के मार्ग पर मोड़ दिया है। अपराधियों पर नकेल कसने और औसत बिहारी की आय को दोगुना करने के लिए उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था को भी सुधारा है।

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17 मई 2014 को, नीतीश कुमार ने 2014 के आम चुनावों में अपने पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था, और जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था। हालांकि, बिहार में एक राजनीतिक संकट के बाद, वह फरवरी 2015 में कार्यालय में लौट आए और नवंबर 2015 के राज्य चुनावों में जीत हासिल की। ​​उन्होंने 26 जुलाई 2017 को गठबंधन के साथी, राजद के साथ मतभेद के कारण बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से इस्तीफा दे दिया। तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री द्वारा सीबीआई की सूचना रिपोर्ट में उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। इसके कुछ घंटों बाद, वह एनडीए गठबंधन में शामिल हो गए, जो उस समय विपक्ष की भूमिका में था, और फिर उन्होंने विधानसभा में बहुमत हासिल कर लिया। अगले दिन उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार की सरकार

1 मार्च 1951 को बिहार के बख्तियारपुर में जन्मे नीतीश कुमार की कुंडली में राहु मिथुन राशि में मौजूद है, वहीं भाग्य स्थान यानि नवम भाव में बृहस्पति, बुध और सूर्य के साथ राज योग बना रहा है। 

राज योग में राहु की भागीदारी उन्हें गठबंधन की राजनीति का एक मंझा हुआ खिलाड़ी बनाती है, जिससे उनके विरोधियों को कभी-कभी उनकी रणनीति से झटका लग जाता है। राहु, बृहस्पति के भाव में है, जिसके चलते नीतीश कुमार ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू यादव और कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव 2015 में जीत हासिल की, लेकिन 2017 के मध्य में, जब वह शनि की अंतर्दशा काल में थे और राहु की महादशा काल में, उनकी पुरानी सहयोगी पार्टी बीजेपी वापस लौटी।

शनि, मंगल और शुक्र के दसवें घर पर दृष्टि बना रहा है जो कि बहुत फायदेमंद है। सत्ता के दसवें भाव में शुक्र विराजमान है, जिसके चलते नीतीश कुमार को हमेशा हर विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं का भरपूर समर्थन मिला। नीतीश कुमार, जो वर्तमान में राहु के शुभ महादशा काल और बुध की अंतर्दशा से गुजर रहे हैं, इन ग्रह स्थितियों ने उन्हें इन चुनावों में विजय दिलाई है। नवमांश और दशमांश कुंडली में बुध जो कि आत्मा औऱ शक्ति के प्रथम भाव का स्वामी है वह लग्न से नवम भाव में विराजमान है। इसके अलावा, बृहस्पति और बुध इस भाव से संबंधित हैं, जिसके कारण नीतीश कुमार के लिए अच्छे परिणाम आए हैं।

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उच्च शुक्र की मंगल के साथ युति: नीतीश कुमार के करिश्मे का कारण

यह संयोजन उन्हें करिश्माई, गतिशील और एक ऐसा नेता बनाता है जो खुद को जनता के साथ जोड़ने में सक्षम है। यह राज्य और उसके बाहर उनकी व्यापक लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है। इसके अलावा बृहस्पति, बुध और राहु के साथ सूर्य देव नौवें घर में विराजमान हैं। इस ग्रह स्थिति ने नीतीश कुमार को एक कुशल प्रशासक और चतुर राजनीतिज्ञ बना दिया है। इसके साथ ही, यह संयोजन उन्हें अवसरवादी भी बनाता है।

राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा के चलते नीतीश कुमार ने छोड़ा महागठबंधन 

वर्तमान में नीतीश कुमार राहु की महादशा और शनि की अंतर्दशा के प्रभाव में हैं। राहु दसवें घर में बृहस्पति और सूर्य के साथ विराजमान है। बृहस्पति सातवें घर का स्वामी है। इस दशा काल के दौरान ही नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ गठबंधन किया। राज्य के विकास ने उन्हें बिहार में फिर से सत्ता दिलाई। इसके चलते नीतीश कुमार ने महागठबंधन छोड़ दिया और बीजेपी के साथ आ गए।

नीतीश कुमार के वर्तमान कार्यकाल की भविष्यवाणी

16 नवंबर 2020 को शाम 4 बजकर 35 मिनट पर बनी प्रश्न कुंडली के अनुसार, मंगल लग्न का स्वामी बन जाता है और यह द्वादश भाव में विराजमान है। यह ग्रह स्थिति दर्शाती है कि उन्हें इस दौरान बहुत यात्राएं करनी होंगी और साथ ही कड़ी मेहनत भी। इसके साथ ही, मंगल पर शुक्र की दृष्टि भविष्य में कुछ समस्याएं पैदा कर सकती है।

प्रश्न कुंडली के अनुसार, वर्तमान में चल रही महादशा की प्रमुख अवधि 2021 तक बुध की है, क्योंकि शपथ ग्रह समारोह चर लग्न में हुआ था इसलिए कहा जा सकता है कि- 

  • उनके कार्यकाल में स्थिरता कम देखी जाएगी और विकास की गति भी धीमी होगी। 
  • जनता से संबंध के चौथे घर का स्वामी, केतु और सूर्य के साथ अष्टम भाव में है और इस पर राहु की दृष्टि भी पड़ रही है, जिससे स्पष्ट होता है कि चतुर्थ भाव कमजोर अवस्था में है। इससे जनता के साथ कुछ मतभेद हो सकते हैं और संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है। हो सकता है कि नीतीश कुमार ने जो वादे किए थे, वे उन्हें पूरा न कर पाएं और कुछ नकारात्मकता परिणाम उनको प्राप्त हों।
  • बुध की महादशा चल रही है जो कि मारक ग्रह है और चलित चार्ट में सप्तम भाव में शनि के साथ युति कर रहा है जिसके कारण प्रयासों में देर से सफलता प्राप्त होगी। एनडीए के साथ उनका गठबंधन भी गड़बड़ा सकता है। प्रश्न कुंडली के अनुसार 11/07/2021 तक कष्टकारी अवधि हो सकती है। नीतीश कुमार की व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार उन्हें इस कार्यकाल के पहले तीन महीनों में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, उन्हें विपक्षी पार्टी के कारण भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं।  

निष्कर्ष:

नीतीश कुमार के लिए पहले तीन महीने काफी कठिनाइयों से भरे होंगे और सफल होने के लिए बहुत सारे प्रयास उनको करने होंगे। नीतीश कुमार की लग्न कुंडली बताती है कि 14 /05 /2022 तक उनकी सरकार सत्ता में रहेगी। और शपथ समारोह कुंडली के अनुसार, सरकार को एक कठिन समय का सामना इस कार्यकाल में करना पड़ सकता है और एक बार जब वे इस मुश्किल दौर से पार पा जाएंगे, तो सरकार अगले पांच वर्षों तक बनी रहेगी।

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