बेहद शुभ होता है नीलम रत्न धारण करना, जान लें इससे जुड़े नियम सावधानियां और महत्व

ज्योतिष में रत्नों को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। रत्नों का संबंध हमारे आने वाले भविष्य से जोड़कर भी देखा जाता है। कहते हैं कि अपनी परेशानियों के अनुरूप यदि किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श लेने के बाद रत्न धारण किया जाए तो इससे व्यक्ति के जीवन की परेशानियां दूर, कम या खत्म होने लगती हैं। हालांकि उसके लिए बेहद आवश्यक है कि आपको रत्न की सही जानकारी होनी चाहिए, उसे धारण करने की सही विधि पता होनी चाहिए, रत्न धारण करने के बाद क्या कुछ सावधानियां बरतनी होती है उसका ज्ञान होना चाहिए और रत्नों के महत्व की जानकारी होनी चाहिए।

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ऐसे में अपने इस विशेष आर्टिकल में आज हम बात करते हैं एक बेहद ही खूबसूरत रत्न नीलम रत्न के बारे में। नीलम रत्न किसे पहनना चाहिए, इसे पहनने से जीवन से कौन सी परेशानियां दूर होती हैं, और इसे पहनने के नियम क्या होते हैं, यह सभी बातें हम आपको विशेष आर्टिकल में बताने की कोशिश करेंगे। हालांकि यदि आप नीलम रत्न या अपने जीवन से संबंधित नीलम रत्न के फायदे जाना चाहते हैं तो आप बेझिझक विद्वान ज्योतिषियों से परामर्श कर सकते हैं।

नीलम रत्न का महत्व

नीलम रत्न के बारे में कहा जाता है कि यह बेहद ही शुभ रत्न है। यदि एक बार नीलम रत्न किसी व्यक्ति के लिए शुभ साबित हो जाए तो उस व्यक्ति के जीवन की कायापलट हो सकती है। हालांकि यदि आपने बिना पूरी जानकारी के नीलम रत्न पहनने की गलती की या नीलम रत्न पहनने के बाद सही नियमों और सावधानियों का पालन नहीं किया तो इससे आपको उसके दुष्प्रभाव भी उठाने पड़ सकते हैं।

ज्योतिष के अनुसार सभी नौ ग्रहों के लिए नौ अलग-अलग रत्न बताए गए हैं। इस कड़ी में नीलम रत्न को शनि ग्रह का प्रतिनिधि रत्न बताया जाता है। ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि विशेष स्थिति में मौजूद होता है जानकार उन्हें नीलम रत्न धारण करने की सलाह देते हैं। हालांकि इसे पहनने के लिए बेहद सावधानी बरतनी होती है अन्यथा व्यक्ति के जीवन में आकस्मिक घटनाएं बढ़ जाती है और यही वजह है कि अक्सर लोग इस रत्न को धारण करने से परहेज करते हैं।

किन राशियों के लिए शुभ है नीलम रत्न?

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि कोई भी रत्न धारण करने से पहले व्यक्ति को अपनी कुंडली किसी विद्वान ज्योतिषी से दिखाकर उसके बाद ही कोई रत्न धारण करना चाहिए। यदि आपने शौक शौक में या सुंदर लगने की वजह से कोई रत्न धारण कर लिया है तो मुमकिन है कि शुभ से शुभ रत्न भी आपको अशुभ परिणाम दे। ऐसे में समझदारी इसी में है कि अपनी कुंडली का सही ज्ञान होने के बाद ही कोई रत्न धारण करें।

  • आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि मेष राशि, वृषभ राशि, तुला राशि, वृश्चिक राशि के लिए नीलम रत्न धारण करना शुभ साबित होता है।
  • इसके अलावा जिन व्यक्तियों की कुंडली में शनि चौथे, पांचवें, दसवें, और ग्यारहवें भाव में हो उन्हें भी नीलम रत्न धारण करना शुभ फलदाई साबित हो सकता है।

नीलम रत्न से संबंधित कुछ विशेष नियम और सावधानियां

कहा जाता है किसी भी रत्न का शुभ परिणाम आपके जीवन पर पड़े इसके लिए बेहद आवश्यक है की रत्न धारण करने के बाद आप उससे संबंधित सभी नियमों का उचित रूप से पालन करें। ऐसे में जान लेते हैं नीलम रत्न धारण करने के बाद आपको किन नियमों और सावधानियों का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य होता है।

  • नीलम रत्न किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श के बाद ही पहने और उनके सुझाव के अनुसार ही नीलम रत्न धारण करें। हालांकि मुख्य रूप से चौकोर नीलम चांदी में बाए हाथ में पहनना शुभ साबित होता है।
  • समय की बात करें तो सप्ताह में शनिवार का दिन (क्योंकि नीलम रत्न शनि ग्रह से संबंधित है) और आधी रात का समय नीलम रत्न धारण करने के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है।
  • नीलम रत्न धारण करने के बाद अपनी यथाशक्ति के अनुसार जरूरतमंदों गरीबों या मंदिर में दान अवश्य करें।
  • रत्न धारण करने के बाद इस बात का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है कि, आप इसके बाद किसी तरह का तामसिक भोजन जैसे शराब मांस मदिरा का सेवन ना करें। ऐसे में नीलम रत्न के साथ भी यही सावधानियां बरतनी होती है। यदि आपने नीलम रत्न धारण किया है तो नॉनवेज खाने से बचें और शराब आदि पीने से बचें।

इसके अलावा भी नीलम रत्न धारण करने के बात कई नियम और सावधानियां बताए जाते हैं। यदि आप व्यक्तिगत रूप से नियम और सावधानियों जानना चाहते हैं तो घर बैठे आप विद्वान ज्योतिषियों से बात करके इसके बारे में उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

नीलम रत्न कैसे करें धारण?

नीलम रत्न धारण करने के लिए पहले आप नीलम रत्न घर लेकर आयें और उसके बाद इसे एक साफ बर्तन में गंगाजल में डाल कर रख दें। इसके बाद शनिवार के दिन दाएं या फिर बायें हाथ की बीच वाली उंगली में नीलम रत्न धारण किया जा सकता है।

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