नागपंचमी का त्योहार इस वर्ष 5 अगस्त को मनाया जाएगा। नागपंचमी के साथ-साथ इस दिन सावन का तीसरा सोमवार भी है। सावन के सोमवार और नागपंचमी के पर्व का एक साथ होना एक शुभ संयोग माना जा रहा है। लगभग 20 साल बाद ऐसा संयोग बना है। इस वर्ष सावन के सोमवार के दिन नागपंचमी के होने से भोलेनाथ के भक्तों में भी दोगुना उत्साह देखने को मिल रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ उनके गले में विराजमान नाग की भी पूजा की जाएगी और नाग देवता को दूध पिलाया जाएगा।
5 अगस्त को बन रहे हैं कई शुभ योग
सोमवार के दिन नागपंचमी के होने से इस नागपंचमी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। इसके साथ ही इस दिन रवि योग, श्रीवत्स योग और हस्त नक्षत्र जैसे शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन नागदोष और कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों को पूजा करनी चाहिए। ऐसा करके वो कई परेशानियों से खुद को दूर कर सकते हैं।
इस दिन करें नाग देवता की प्रतिमा की पूजा
वैसे तो नागपंचमी के दिन लोग सपेरों द्वारा पकड़े गये नागों की पूजा करते हैं लेकिन यदि आप ऐसा कर पाने में समर्थ नहीं हैं तो आपको इस दिन नाग देवता की प्रतिमा के सामने दिया जलाकर उनकी पूजा करनी चाहिए। वैसे नाग देवता की पूजा मंदिर में करना ही सबसे सही माना गया है।
नाग देवता की पूजा करते वक्त करें हल्दी का प्रयोग
नागपंचमी के दिन यदि आप नाग देवता की पूजा कर रहे हैं तो आपको पूजा करते वक्त हल्दी का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। ज्योतिष में नाग देवता की पूजा के समय हल्दी का उपयोग करना शुभ माना गया है। इसके साथ ही इस दिन अन्य देवी-देवताओं की तरह ही नाग देवता की पूजा भी धूप, दीप और अगरबत्ती से करनी चाहिए।