कांग्रेस पार्टी में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर बीते कई दिनों से चल रही उठा-पटक के बाद आखिरकार पार्टी ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही खबर है कि इस्तीफे से शुरू हुई खींचतान के बाद अब कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है।
नए अध्यक्ष के चयन तक मोतीलाल वोरा ही बने रहेंगे अंतरिम अध्यक्ष
जानकारी दे दें कि पार्टी का ये फैसला तब तक माननीय होगा जब तक नए पार्टी अध्यक्ष के नाम पर पार्टी के आलाकमान की किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनती, तब तक मोतीलाल वोरा ही कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष रहेंगे। उधर अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर अभी तक फिलहाल मोतीलाल वोरा के द्वारा इस बात की कोई भी जानकारी आधिकारिक तौर पर नहीं दी गई है।
लोकसभा में मिली हार के बाद राहुल गाँधी ने दिया था इस्तीफा
बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी खुद को पार्टी की हार का कसूरवार मानते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के फैसले पर कायम थे। जिस पर पार्टी उनका इस्तीफा नहीं स्वीकार कर रही थी। लेकिन अब राहुल गाँधी द्वारा खुद बुधवार, 3 जुलाई को सारी अफवाहों को साफ करते हुए ये बड़ी घोषणा कर दी गयी है वह अब पार्टी प्रेसिडेंट नहीं हैं। कांग्रेस को जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुन लेना चाहिए।
राहुल ने बयान देते हुए कही बड़ी बात
मीडिया से भी इस मामले में बातचीत के दौरान राहुल ने बयान दिया कि ‘मैंने पहले कई मौकों पर बता दिया है कि मैं अब पार्टी का अध्यक्ष नहीं हूं। इसलिए नए अध्यक्ष के चुनाव में मेरी कोई भूमिका नहीं है। ये फैसला कांग्रेस कार्यसमिति को ही करना है। मैं चाहता हूं कि पार्टी जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुन ले।’
जानिये आखिर कौन है मोतीलाल वोरा
जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके मोती लाल वोरा पार्टी के दिग्गज व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता माने जाते हैं। वह 2014 से ही लगातार राज्यसभा के सदस्य बने हुए हैं। बता दें कि वोरा साल 1988 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़के राज्यसभा के सदस्य बने थे। इसके अलावा वह कुछ समय के लिए 1985-1988-1989 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।
मोतीलाल वोरा की कुछ उपलब्धियाँ
भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके मोती लाल वोरा कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और सिविल एविएशन मंत्रालयों का कार्यभार भी संभाल चुके हैं। वो पार्टी के सबसे अच्छी छवि वाले नेता के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा 16 मई 1993 से लेकर 3 मई 1996 तक मोती लाल वोरा उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर भी रह चुके हैं।
ऐसे में मोतीलाल वोरा को कांग्रेस आलाकमान के बेहद क़रीबी माना जाता है। वोरा 80 के दशक में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वोरा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं। ऐसे में उनके अनुभव को देखते हुए भी बताया जा रहा है कि उन्हें कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के नए अध्यक्ष के चयन तक ये बड़ी ज़िम्मेदारी सौपने का फैसला लिया है।