मूलांक, नामांक और भाग्यांक- जानें इनका महत्व-गणना विधि और इन तीनों का अनोखा अंतर!

ज्योतिष में अंको का विशेष महत्व बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र की तरह अंक ज्योतिष भी व्यक्ति के भविष्य के बारे में गणना करने के लिए मददगार साबित होता है। हिंदी में जहां इसे अंक शास्त्र कहते हैं वहीं अंग्रेजी में इसे न्यूमैरोलॉजी कहते हैं। अंक शास्त्र में कुछ शब्दों का प्रयोग बार-बार होता है जैसे मूलांक, नामांक, और भाग्यंक।

अक्सर लोग इन तीनों यानी मूलांक, नामांक, और भाग्यांक को लेकर भ्रमित रहते हैं। कई बार लोग इन तीनों शब्दों को एक ही मान लेते हैं। हालांकि इन तीनों में जमीन आसमान का अंतर होता है। क्या है वह अंतर आज इसी को स्पष्ट करने के लिए एस्ट्रोसेज का यह विशेष अंक लेकर हम आपके सामने हाजिर हैं। यदि आप भी इन तीनों शब्दों का अर्थ जानना चाहते हैं और जानना चाहते हैं कि आखिर इनकी गणना कैसे की जाती है तो अंत तक पढ़ें हमारा यह विशेष ब्लॉग।

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क्या होता है मूलांक?

पहले समझते हैं कि मूलांक क्या होता है? दरअसल मूलांक व्यक्ति की जन्म की तिथि होती है। जैसे उदाहरण के तौर पर समझाते हैं। यदि आपका जन्म किसी महीने की 12 तारीख को हुआ है तो आपका मूलांक 1+2 यानी 3 होगा।

यहां विशेष ध्यान रखने वाली बात यह होती है कि, अंक शास्त्र में हम केवल 1 से लेकर 9 अंकों की गणना करते हैं। ऐसे में अगर किसी अंक का जोड़ 9 से ऊपर आता है तो हम उन्हें जोड़कर एकल संख्या में बदल देते हैं और फिर उसे मूलांक कहा जाता है।

क्या होता है भाग्यंक?

अब दूसरा महत्वपूर्ण शब्द है भाग्यांक। अब सवाल उठता है कि भाग्यांक की गणना कैसे की जाती है? इसका जवाब साफ है, किसी का भाग्यांक उस व्यक्ति की पूरी जन्म तिथि को जोड़कर निकाला जाता है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो, यदि किसी व्यक्ति की जन्म तिथि है 12-04-1991 है तो उस व्यक्ति का भाग्यांक 1+2+0+4+1+9+9+1 = 27, 2+7= 9, अर्थात इस जन्मतिथि वाले व्यक्ति का भाग्यांक 9 होगा।

क्या होता है नामांक?

मूलांक और भाग्यांक से परे व्यक्ति का नामांक व्यक्ति के नाम के अक्षरों को जोड़ने के बाद अंक प्राप्त होता है उसे कहा जाता है। उदाहरण के तौर पर समझाएं तो यदि किसी व्यक्ति का नाम ANIL KUMAR है तो इन नाम के अक्षरों से जुड़े अंको को जोड़ने के बाद का नामांक निकाला जाएगा।

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A N I L        K U M A R  1 5 1 3        2 6 4 1 2

1+5+1+3=10,  2+6+4+1+2=15

10+15=25

2+5=7   इस प्रकार इस व्यक्ति का नामांक 7 बनता है.

नामांक तीन पद्धतियों के अनुसार निकाला जा सकता है। कीरो पद्धति, सेफेरियल पद्धति, और पाइथागोरस पद्धति। इन तीनों हीपद्धति में अंग्रेजी के अक्षरों को किन अंकों से सूचित किया जाता है इससे संबंधित सूची हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं जो नामांक निकालने में आपके लिए सहायक साबित होगी।

अंग्रेजी के अक्षरकीरो पद्धतिसेफेरियल पद्धतिपाइथागोरस पद्धति
A111
B222
C323
D444
E555
F886
G337
H588
I119
J116
K222
L331
M443
N554
O775
P886
Q117
R228
S339
T441
U662
V667
W665
X563
Y114
Z775

अधिक जानकारी: जहां मूलांक और भाग्यांक में बदलाव करना मुमकिन नहीं होता है वही नामांक में बदलाव मुमकिन होता है। नामांक का असर व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आपने कई बार सुना होगा कि कई मशहूर व्यक्तियों ने अपने नाम में परिवर्तन करके अनेकों उपलब्धियां हासिल की है। इसकी वजह साफ है, दरअसल नाम व्यक्ति के जीवन में आवश्यक बदलाव लाने की मापदा रखते हैं और यह हमारे जीवन को आदर्श और सही दिशा भी प्रदान करते हैं।

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यही महत्वपूर्ण वजह है कि हिंदू धर्म में जातक के नाम को नक्षत्रों पर आधारित करने का प्रयास किया जाता है। हालांकि कई बार उचित नियमों का पालन करने के बाद भी नाम व्यक्ति के व्यक्तित्व से मेल नहीं खाते हैं। ऐसे में व्यक्ति को अपने नाम से जीवन में उचित लाभ नहीं मिल पाता है और उन्हें अपने जीवन में सफलता पाने के लिए ढेरों संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे में अंक ज्योतिष या अंक शास्त्री हमारे नाम में कुछ परिवर्तन करके हमारे नाम का महत्व हमारे जीवन में बढ़ा सकते हैं।

कब पड़ती है नाम में बदलाव की जरूरत?

अगर किसी जातक के नामांक का ग्रह उसके मूलांक या भाग्यांक का शत्रु होता है तो ऐसी स्थिति में अंक शास्त्री या ज्योतिष के जानकार व्यक्ति को नाम बदलने की सलाह देते हैं। ऐसी परिस्थिति में नाम के आगे या फिर पीछे कुछ अक्षरों को जोड़कर या कुछ अक्षरों को घटाकर नामांक को भाग्यांक और मूल अंक के साथ तालमेल स्थापित करके उसे शुभ या लाभकारी बनाया जा सकता है।

अगर नामांक, भाग्य अंक और मूलांक के शत्रु अंक का होगा ऐसी परिस्थिति में जातकों को सफलता नहीं मिलेगी इसलिए नामांक का मूलांक और भाग्यांक से मेल खाना बेहद आवश्यक होता है। आज कराएं अपने नामांक की गणना और जाने क्या आपका नाम है आपके लिए लकी।

जानिए किस अंक का कौन है स्वामी और किस मूलांक के लिए कौन सा मेटल है लकी

मूलांकस्वामी ग्रहलकी मेटल
1सूर्यगोल्ड
2चंद्रमागोल्ड
3गुरुटिन 
4राहुयूरेनियम
5बुद्धक्विक सिल्वर
6शुक्रकॉपर
7केतुयूरेनियम
8सनीलेड 
9मंगललोहा


मूलांक और भाग्यांक में क्या है अंतर?

जैसा कि हमने पहले भी बताया कि मूलांक की गणना व्यक्ति के जन्म की तारीख के अनुसार की जाती है। वहीं इसके विपरीत भाग्यांक की गणना मूलांक की गणना से थोड़ी अधिक विस्तृत होती है क्योंकि इसमें जातक की जन्म की तारीख, जन्म का महीना, और जन्म का साल तीनों जोड़कर जो एकल संख्या प्राप्त होती है उसे भाग्यांक कहते हैं।

बात करें भाग्यांक के प्रयोग की तो विवाह, काम करने की जगह, आपके लिए कौन सा शहर भाग्यशाली होगा, कौन सा अंक आपके लिए शुभ रहेगा, इत्यादि की गणना भाग्यंक के द्वारा ही की जाती है।

मूलांक से चुनें करियर और पाएँ अपार सफलता

मूलांक 1: मूलांक 1 के जातक बेहद ही महत्वकांक्षी होते हैं, संघर्षों से पीछे नहीं हटते, कभी भी हार नहीं मानते हैं। ऐसे में इनके लिए खुद का व्यवसाय चलाना, राजनीति में कदम जमाना, लीडरशिप, मैनेजमेंट गुरु, का कार्य शानदार विकल्प साबित होते हैं।

मूलांक 2: मूलांक 2 के जातकों का कला के प्रति अत्यधिक झुकाव होता है। यह लोग काम को व्यवस्थित तरीके से करते हैं और बेहद ही न्याय प्रिय होते हैं। ऐसे में कला से संबंधित कोई कार्य करना, मनोरंजन इंडस्ट्री में नाम कमाना, न्याय, समाजसेवी, या 9 से 5 वाली जॉब इनके लिए सर्वोत्तम करियर विकल्प साबित हो सकती है।

मूलांक 3: ऐसे जातक रचनात्मक, कलात्मक, होते हैं और साथ ही सामाजिक कार्यों में इनकी अत्यधिक रूचि होती है। ऐसे में रचनात्मक कला के क्षेत्र से संबंधित कार्य, राजनीति, समाज सेवा, उच्च पद वाली जॉब, बैंक जॉब, अकाउंट जॉब, इन के लिए सर्वोत्तम करियर विकल्प साबित हो सकता है।

मूलांक 4: मूलांक 4 के जातक स्वतंत्र विचारों वाले होते हैं और कोई भी काम बेहद ही नए तरीके और नए विचारों से करना पसंद करते हैं। ऐसे में रिस्क वाले व्यवसाय, जुआ, सट्टा या लॉटरी, अभिनय, आदि में इनका करियर चमक सकता है।

मूलांक 5: मूलांक 5 के जातक बेहद ही मिलनसार स्वभाव के होते हैं, उनकी बातचीत करने की शैली शानदार होती है, लोगों से मिलना और बातें करना इन्हें बेहद पसंद होता है। ऐसे में इनके लिए सर्वोत्तम करियर विकल्प की बात करें तो काउंसलिंग, कोचिंग, टीचिंग, स्टॉक मार्केट, स्टॉक ट्रेडिंग साबित होते हैं।

मूलांक 6: मूलांक 6 के जातकों का शरीर बेहद ही स्वस्थ होता है, पर्सनालिटी चमकदार होती है। ऐसे लोग फेमस और बहुत ही पॉपुलर होते हैं, लोगों से अच्छा बर्ताव करते हैं और लोगों को संभालने की क्षमता रखते हैं। ऐसे में फैंसी आइटम का बिजनेस, मनोरंजन, एंटरटेनमेंट लाइन में व्यवसाय, खेलकूद के क्षेत्र में अपना करियर ढूंढना इन लोगों के लिए शुभ साबित हो सकता है।

मूलांक 7: इस मूलांक के जातक बेहद ही शानदार सलाहकार, ट्रैवल एजेंट, रिसर्चर, कलाकार होते हैं। ऐसे में रिसर्च, ट्रैवल, कंसलटेंसी फर्म, आपके लिए उचित करियर विकल्प साबित हो सकती है।

मूलांक 8: मूलांक 8 के जातक उच्च कोटि का आध्यात्मिक और सांसारिक सुख पाने की इच्छा तो रखते हैं। हालांकि कई बार यह गलत दिशा में निर्णय लेते हैं जिसकी वजह से इन्हें पछताना पड़ सकता है। आपके लिए सर्वोत्तम करियर विकल्प की बात करें तो स्टील, मेटल, आर्किटेक्चर, राजनीति, रियल स्टेट में करियर तलाशने और उसमें अपना नाम बनाना आपके लिए शुभ साबित हो सकता है।

मूलांक 9: मूलांक 9 के जातक बेहद ही साहसी और परेशानियों से कभी न डरने वाले होते हैं। ऐसे में आपके लिए स्पोर्ट्स, आर्मी, पॉलिटिक्स, मनोरंजन, और कला में करियर ढूंढना और उसमें नाम कमाना सफलता की सीढ़ी साबित हो सकता है।

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

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