मोक्ष प्राप्ति कराता है मोक्षदा एकादशी का व्रत, सिर्फ एक उपाय से बनेंगे आपके सारे काम!

सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास को बहुत ही पवित्र और लाभकारी माना गया है। इस महीने में पड़ने वाले सभी व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व होता है। इसी माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह मार्गशीर्ष माह में पड़ती है इसलिए इस एकादशी का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। सभी एकादशी तिथि की तरह यह भी भगवान विष्णु को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। तो आइए आगे बढ़ते हैं और जानते मोक्षदा एकादशी की तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्व और प्रचलित पौराणिक कथा के बारे में। साथ ही, शुभ योग में किए जाने वाले आसान उपायों के बारे में भी।

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मोक्षदा एकादशी 2023: तिथि व मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर 2023, दिन शुक्रवार की सुबह 08 बजकर 18 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 दिसंबर 2023 शनिवार की सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर मोक्षदा एकादशी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा।

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मोक्षदा एकादशी व्रत मुहूर्त

मोक्षदा एकादशी पारण मुहूर्त : 23 दिसंबर 2023 की दोपहर 01 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 51 मिनट तक।

अवधि : 2 घंटे 20 मिनट

मोक्षदा एकादशी का महत्व

सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस एकादशी के दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था। इसी वजह से इसे गीता जयंती भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही देवी-देवता और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। मोक्षदा एकादशी के दिन गीता को पढ़ना, सुनाना व सुनना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है।

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मोक्षदा एकादशी: पूजा विधि

  • एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करके साफ सुथरे कपड़े पहनें।
  • इसके बाद एकादशी के व्रत का संकल्प लें और मन ही मन भगवान विष्णु से प्रार्थना करें।
  • फिर उस स्थान को साफ करें जहां आप पूजा करने जा रहे हों और भगवान विष्णु की मूर्ति के लिए एक साफ चौकी रखें। चौकी में पीले रंग का वस्त्र बिछाकर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति स्थापित कर दें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा आरंभ करें। 
  • बाद में पूरे घर में थोड़ा सा गंगाजल छिड़कें। इसके बाद पीले चंदन का तिलक लगाएं।
  • भगवान विष्णु को फूल, माला, खीर के साथ तुलसी अर्पित करें।
  • अब घी का दीपक जलाने के साथ धूप व अगरबत्ती जलाएं।
  • पूजा के दौरान एकादशी की कथा जरूर पढ़ें व सुने। साथ ही भगवान विष्णु के मंत्र और चालीसा का पाठ करें।
  • आखिरी में विधिवत आरती करें और भूल चूक के लिए ईश्वर से माफी मांग लें।
  • दिनभर बिना अन्न ग्रहण किए व्रत रखें और रात को जागरण करते हुए बिताएं।

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मोक्षदा एकादशी: पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, चंपकनगर में वैखानस नाम का एक राजा रहता था। वहीं चंपकनगर के वासी भगवान विष्णु में अटूट आस्था रखते थे। एक रात राजा को भयानक सा सपना आया। सपने में राजा ने देखा कि उसके पिता को यमलोक में बहुत यातनाएं दी जा रही है। परेशान राजा में अपने मंत्रियों की सभा बुलाई और उन्हें अपने सपने के बारे में बताया। साथ ही, सभी मंत्रियों से अपने पिता को मुक्ति दिलाने के उपाय के बारे में पता लगाने के लिए कहा। मंत्रियों ने राजा को सुझाव देते हुए बताया कि वे पर्वत मुनि के आश्रम जाकर उनसे सहायता मांगे। व उनकी जरूर मदद करेंगे। मंत्रियों की बात सुनकर राजा मुनि के आश्रम पहुंचे और उनसे अपने सपने के बारे में बताया। तब पर्वत मुनि ने राजा को बताया कि ‘राजन! आपके पिता ने एक अपराध किया था, जिस वजह से उन्हें यमलोक में यातनाओं झेलनी पड़ रही है।’

जब राजा ने उनसे मुक्ति का उपाय पूछा तो मुनि ने उन्हें सुझाव देते हुए कहा कि वह मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत रखें और विधि-विधान से नियमों का पालन करें। साथ ही, इस दिन जरूरतमंदों को दान पुण्य करें। ऐसा करने से उनकी पिता की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होगी। पर्वत पुनि के सुझाव का पालन करते हुए राजा ने मोक्षदा एकादशी व्रत का पालन किया और दान-धर्म किया। इसके परिणाम स्वरूप राजा के सभी पूर्वज जो यमलोक में यातनाएं झेल रहे थे, उन्हें मुक्ति मिल गई और बैकुंठ धाम की प्राप्ति हो गई।

मोक्षदा एकादशी पर रखें इन बातों का ध्यान

  • शास्त्रों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन पेड़-पौधे की कटाई न करें न ही फूल पत्ते तोड़ें। भगवान विष्णु को अर्पण करने के लिए तुलसी का पत्ता भी एक दिन पहले ही तोड़ लें।
  • एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी न करें क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चावल का सेवन करने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाला कीड़ा बनता है।
  • इस दिन जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेम फली भी खाने से बचें। इसके अलावा, इस दिन मांस, मदिरा, प्याज़, लहसुन जैसी तामसिक पदार्थों का सेवन भी न करें।
  • इस दौरान किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा दिया गया अन्न ग्रहण न करें क्योंकि इससे आपके पुण्य नष्ट होते हैं।
  • मोक्षदा एकादशी के दिन किसी पर गुस्सा न करें और न ही किसी की निंदा करें। 
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मोक्षदा एकादशी के दिन करें ये खास उपाय

भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें 

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते समय उनके मंत्रों का तुलसी की माला से जाप करें। साथ ही, केसर वाले दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। ऐसा करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 

केले के वृक्ष की पूजा करें

एकादशी के व्रत के दिन केले के पेड़ की पूजा करें। इस दिन केले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है इसलिए इस दिन केले के पेड़ का पूजन महत्वपूर्ण माना गया है। कहते हैं कि यदि किसी भी जातक की कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर है, तो उसे एकादशी के दिन पेड़ का पूजन करना चाहिए। इससे गुरु देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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पीले रंग की चीज़ों का करें दान

मोक्षदा एकादशी के दिन कुछ विशेष चीजों का दान करें। विशेष रूप से पीली वस्तुओं का दान जरूर करें। यदि संभव हो तो ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र और पीले रंग के फल व मिठाई दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जातक की हर मनोकामना पूरी होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

गाय को खिला चारा

शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन गाय को हरा चारा खिलाने से व्यक्ति को अपने व्यापार और नौकरी में विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, नदी या तालाब में आटे की गोलियां बनाकर मछलियों और पानी में रहने वाले जीवों को खिलाएं।

पान के पत्ते से करें उपाय

इस एकादशी के दिन पान का एक साफ पत्ता लेकर उसमें केसर से ‘श्रीं’ लिखें और इस पान के पत्तों को श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु के चरणों में चढ़ा दें। अगले दिन इसे धन वाले स्थान यानी तिजोरी या अलमारी में उस पत्ते को रख दे। ऐसा करने से पैसों की तंगी का सामना नहीं करना पड़ेगा और यदि आप किसी कर्ज व लोन से परेशान हैं तो आपको छुटकारा मिलेगा।

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