67 दिनों के लिए कन्या राशि में आए बुध: 7 राशियों की कराएंगे बल्ले-बल्ले- 5 को रहना होगा सावधान!

बुध ग्रह यानि ज्योतिष में ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त एक ऐसा ग्रह जिसे शुभाशुभ ग्रह की श्रेणी में रखा जाता है। इसके अलावा बुध ग्रह को हमारे जीवन में बुद्धि, वाणी, व्यापार, और चेतना का कारक भी माना गया है। माना जाता है कि जब भी बुध ग्रह राशि परिवर्तन करते हैं तो इसका प्रभाव विशेष तौर पर व्यक्ति के करियर और आर्थिक जीवन पर पड़ता है। ऐसे में अगस्त के महीने में बुध ग्रह अपनी उच्च राशि कन्या में 67 दिनों के लिए गोचर करने जा रहे हैं।

67 दिनों के लिए बुध ग्रह कन्या राशि में कब-कब अपना स्थिति परिवर्तन करेगा और इसका सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा यह जानने के लिए पढ़ें ऐस्ट्रोसेज का यह बुध गोचर विशेष ब्लॉग। इसके अलावा इस ब्लॉग में हम आपको इस गोचर के समय की जानकारी और साथ ही राशि अनुसार किए जाने वाले उपायों की जानकारी प्रदान कर रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप गोचर के नकारात्मक प्रभाव को अपने जीवन से दूर कर सकते हैं।

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बुध का उच्च राशि कन्या में गोचर: समय और अवधि

सबसे पहले बात करें बुध ग्रह के गोचर की समय और अवधि की तो बुध इस गोचर के दौरान 21 अगस्त, 2022 दिन रविवार की मध्य रात्रि 01:55 बजे स्वराशि कन्या में गोचर करने जा रहा है। बुध का कन्या राशि में गोचर बहुत शुभ माना जाता है चूंकि कन्या इसकी स्वराशि है, साथ ही उच्च राशि भी है।

इसके बाद 67 दिनों तक बुध इसी राशि में रहेंगे और अपनी स्थिति परिवर्तन करते रहेंगे। जैसे 21 अगस्त की गोचर के बाद 10 सितंबर को बुध कन्या राशि में ही वक्री हो जाएंगे, इसके बाद 2 अक्टूबर को बुध कन्या में मार्गी होंगे, और अंत में यानी 26 अक्टूबर को तुला राशि में गोचर कर जाएंगे।

  • बुध कन्या राशि में वक्री 10 सितंबर 2022, शनिवार को सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर होगा। 
  • बुध कन्या राशि में मार्गी 2 अक्टूबर 2022, रविवार को दोपहर 2 बजकर 03 मिनट पर हो जाएंगे।
  • बुध का तुला राशि में गोचर 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को दोपहर 01 बजकर 38 बजे होगा। 

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ज्योतिष में बुध ग्रह

जैसा की हमनें पहले भी बताया कि ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। इसके अलावा राशियों में मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व भी बुध ग्रह के पास होता है। साथ ही जहां कन्या बुध की उच्च राशि में मानी गई है वहीं इसके विपरीत मीन बुध की नीच राशि होती है। जानकारी के लिए बता दें चंद्रमा और मंगल के साथ बुध ग्रह के शत्रु वाले संबंध होते हैं और सूर्य और शुक्र बुध के मित्र ग्रह होते हैं।

ज्योतिष के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में होता है ऐसे जातकों का संवाद बेहद ही शानदार होता है। उन्हें वाणिज्य और कारोबार में सफलता मिलती है। गणित विषय पर इनकी अच्छी पकड़ होती है। इसके अलावा बलि बुध व्यक्ति को कुशाग्र बुद्धि का बनाता है। 

वहीं इसके विपरीत जिन लोगों की कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में मौजूद होता है ऐसे जातकों को तमाम शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह अपनी बात स्पष्ट रूप से दूसरों के सामने व्यक्त नहीं कर पाते हैं। व्यापार में इन्हें घाटा होता है और आर्थिक परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ता है।

हालांकि ऐसी स्थिति में परेशान होने की आवश्यकता नहीं होती है। ज्योतिष के जानकार बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय करने की सलाह देते हैं। क्या हैं वो उपाय आइए जान लेते हैं।

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बुध ग्रह को मजबूत करने के ज्योतिषीय उपाय

  • यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह पीड़ित अवस्था में है और आपको उससे परेशानियां जीवन में प्राप्त हो रही हैं तो इसके लिए रोजाना स्नान करने के बाद बुध ग्रह से संबंधित मंत्रों का जाप करें। मंत्र: “ॐ बुं बुधाय नमः”  “ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः”
  • इसके अलावा आप अपने घर में बुध यंत्र की स्थापना करके नियमित रूप से उसकी पूजा आदि कर सकते हैं। 
  • किसी विद्वान ज्योतिषी से परामर्श लेकर और अपनी कुंडली दिखाकर पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं। 
  • अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा हरे रंग को शामिल कर सकते हैं। 
  • इसके अलावा बुध ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान करना भी आपके लिए शुभ साबित हो सकता है। 
  • साथ ही नियमित रूप से भगवान विष्णु और बुध की आराधना करें। 
  • विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और मुमकिन हो तो बुधवार के दिन व्रत अवश्य करें।

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बुध गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव और उपाय 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और छठे भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके छठे भाव यानी कि रोग, प्रतिस्पर्धा, शत्रु और मामा के भाव में गोचर करेगा। स्वास्थ्य के लिहाज से यह गोचर आपके लिए …(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृषभ राशि 

वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके पांचवें भाव यानी कि प्रेम, शिक्षा, पूर्व पुण्य और संतान के भाव में गोचर करेगा। बुध के कन्या राशि में गोचर के दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

 मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध प्रथम/लग्न भाव और चौथे भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके चौथे भाव यानी कि माता, पारिवारिक जीवन, भवन, वाहन तथा संपत्ति के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कर्क राशि 

कर्क राशि के जातकों के लिए बुध तीसरे और बारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके तीसरे भाव यानी कि भाई-बहन, शौक एवं रुचि, लघु यात्रा और संचार कौशल के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए बुध दूसरे और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके दूसरे भाव यानी कि धन, परिवार, वाणी और बचत के भाव में गोचर करेगा। इस गोचर काल में…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए बुध लग्न और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके लग्न भाव में गोचर करेगा। लग्न में स्थित बुध जातक को बुद्धिमान, चतुर, हाज़िरजवाबी बनाता है व उसके व्यावसायिक दृष्टिकोण का विकास करता है। बुध का कन्या राशि में गोचर…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके बारहवें भाव यानी कि विदेश यात्रा, व्यय, अस्पताल, बहुराष्ट्रीय कंपनी आदि के भाव में गोचर करेगा। इस दौरान…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए बुध आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके ग्यारहवें भाव यानी कि लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहन, चाचा के भाव में गोचर करेगा। आपके लिए यह अवधि…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

धनु राशि 

धनु राशि के जातकों के लिए बुध सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके दसवें भाव यानी कि कर्म भाव में गोचर करेगा। पेशेवर रूप से यह अवधि…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए बुध छठे और नौवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके नौवें भाव यानी कि धर्म, पिता, लंबी दूरी की यात्रा, तीर्थ तथा भाग्य के भाव में गोचर करेगा। दार्शनिकों, सलाहकारों और अध्यापकों के लिए यह समय…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

कुम्भ राशि 

कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके आठवें भाव यानी कि दीर्घायु, आकस्मिक घटनाओं, रहस्य के भाव में गोचर करेगा। यह समय आपके लिए…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

मीन राशि 

मीन राशि के जातकों के लिए बुध चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। इस गोचर काल के दौरान बुध आपके सातवें भाव यानी कि विवाह, जीवनसाथी और साझेदारी के भाव में गोचर करेगा। यदि आप एकल जीवन व्यतीत कर रहे हैं तो…(विस्तार से पढ़ें गोचरफल)

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