बुध ग्रह जिसे ग्रहों में युवराज कहा जाता है वो सितंबर के महीने में राशि चक्र की सातवीं राशि तुला में गोचर करने वाला है। किसी इंसान की कुंडली में बुध की अच्छी स्थिति व्यक्ति को तार्किक क्षमता देती है इसके साथ ही व्यक्ति गणितीय विषयों में अच्छा प्रदर्शन करने में भी सफलता प्राप्त करता है। ऐसे में अगर ग्रहों के इस राशि परिवर्तन का अपने जीवन पर सटीक और व्यक्तिगत असर जानना चाहते हैं तो अभी विशेषज्ञ ज्योतिषियों से प्रश्न पूछ सकते हैं।
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ग्रहों की चाल हमारे जीवन को काफ़ी हद तक प्रभावित करती है। ऐसे में अगर आप भी इन ज्योतिषीय घटनाओं का अपने जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की संपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो एस्ट्रोसेज की व्यक्तिगत और विस्तृत बृहत् कुंडली रिपोर्ट इसमें आपकी मदद कर सकती है।
22 सितंबर 2020 को बुध ग्रह का गोचर तुला राशि में होगा। बुध देव 16 बज-कर 55 मिनट पर कन्या राशि से निकलकर तुला में प्रवेश कर जाएंगे और 14 अक्टूबर को वक्री होते हुए इसी राशि में 6 बज-कर 32 मिनट तक रहेंगे। इसके बाद 3 नवंबर को बुध देव इसी राशि में मार्गी गति प्रारंभ करेंगे और 28 नवंबर 07 बज-कर 04 मिनट पर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
बुध ग्रह को कन्या और मिथुन राशि का स्वामित्व प्राप्त होता है। जहाँ सूर्य, शुक्र और राहु के साथ बुध की मित्रता होती है, वहीं, चन्द्रमा को बुध का दुश्मन कहा जाता है। इसके अलावा बुध के तटस्थ संबंध की बात करें तो वो शनि, मंगल, बृहस्पति और केतु के साथ हैं। बुध को एक पुरुष लेकिन नपुंसक ग्रह माना जाता है। इसके अलावा बुध उत्तर दिशा और अश्लेषा, ज्येष्ठ और रेवती इन तीन नक्षत्रों के स्वामी भी माने गए हैं।
ऐसे में बुध का यह राशि परिवर्तन आपके जीवन पर क्या और कितना असर डालेगा, आइये यह जानने के लिए पढ़ते हैं राशिनुसार भविष्यफल।
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मेष राशि फलादेश
बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में होगा। इस भाव से जीवन में होने वाली साझेदारियों और जीवनसाथी के बारे में विचार किया जाता है। इस भाव में बुध की स्थिति आपके जीवन में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृषभ राशि फलादेश
आपके द्वितीय और पंचम भाव के स्वामी बुध का गोचर आपके षष्ठम भाव में होगा। इस भाव से रोग, ऋण, विवाद, अभाव आदि के बारे में विचार किया जाता है। वृषभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह का यह गोचर …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मिथुन राशि फलादेश
मिथुन राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह का गोचर उनके पंचम भाव में होगा। पंचम भाव से बुद्धि, संतान, प्रेम जीवन आदि के बारे में विचार किया जाता है। बुध की पंचम भाव में स्थिति दर्शाती है कि इस दौरान आपके परिवार…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कर्क राशि फलादेश
बुध देव आपके द्वादश और तृतीय भाव के स्वामी हैं। गोचर काल के दौरान बुध देव आपके चतुर्थ भाव में स्थित रहेंगे। इस भाव से माता, सुख, वाहन आदि के बारे में विचार किया जाता है। बुध के चतुर्थ भाव में होने के कारण …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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सिंह राशि फलादेश
सिंह राशि के जातकों के तृतीय भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। इस भाव को पराक्रम भाव भी कहा जाता है और इससे भाई-बहनों से आपके संबंध, साहस, लेखन आदि के बारे में भी विचार किया जाता है। इस भाव में बुध के गोचर से…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
कन्या राशि फलादेश
बुध ग्रह कन्या राशि के लग्न भाव का स्वामी है और तुला राशि में गोचर काल के दौरान द्वितीय भाव में विराजमान रहेगा। द्वितीय भाव आपके परिवार, वाणी और संपत्ति का होता है। इस भाव में बुध की स्थिति से पारिवारिक …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
तुला राशि फलादेश
तुला राशि के जातकों के लग्न भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। लग्न भाव से आपके स्वास्थ्य, चरित्र, बुद्धि, सौभाग्य आदि के बारे में विचार किया जाता है। इस भाव में बुध के गोचर से इस राशि के कारोबारियों को दिक्कतों…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
वृश्चिक राशि फलादेश
बुध ग्रह का गोचर आपकी राशि से द्वादश भाव में होगा। इस भाव को हानि भाव भी कहा जाता है और इससे आपके व्यय, अलगाव, कमज़ोरी आदि के बारे में भी विचार किया जाता है। बुध का यह गोचर आपके जीवन में आर्थिक…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
गोचर की सम्पूर्ण जानकारी के लिए देखें यह वीडियो
धनु राशि फलादेश
धनु राशि के जातकों के एकादश भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। इस भाव को लाभ भाव कहा जाता है और बुध के इस भाव में स्थित होने से धनु राशि के जातकों को भी लाभ पहुँचेगा। आपके जीवन के विभिन्न पक्षों में इस दौरान …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मकर राशि फलादेश
मकर राशि के जातकों के दशम भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। इस भाव को कर्म भाव भी कहा जाता है और इससे आपके कार्यक्षेत्र, नेतृत्व क्षमता आदि के बारे में विचार किया जाता है। चूंकि इस भाव से आपके कर्म और कर्मक्षेत्र …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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कुंभ राशि फलादेश
शनि के स्वामित्व वाली कुंभ राशि के जातकों के नवम भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। इस भाव से हम भाग्य, धर्म-कर्म, यात्राओं आदि के बारे में विचार करते हैं। बुध का यह गोचर कुंभ राशि के जातकों के लिए कई मायनों में…(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
मीन राशि फलादेश
मीन राशि के जातकों के अष्टम भाव में बुध ग्रह का गोचर होगा। यह भाव आयु का भाव कहा जाता है और इससे आपके जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव, रुकावट, गूढ़ विद्या आदि के बारे में विचार किया जाता है। मीन राशि के …(विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें)
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