मई 2024: अक्षय तृतीया से सजे इस पावन महीने में भक्तों पर बरसेगी श्रीहरि की कृपा!

मई 2024: जैसे-जैसे समय तेज़ रफ़्तार के साथ आगे बढ़ेगा, उसी रफ़्तार से हम एक माह से दूसरे माह में प्रवेश करते जाएंगे। इसी प्रकार, मई अब दस्तक देने के लिए पूरी तरह तैयार है और यह साल का चौथा महीना होता है जो दर्शाता है कि साल की पहली तिमाही यानी कि पहले तीन महीने बीतने के साथ ही हम साल के चौथे माह और दूसरी तिमाही में प्रवेश कर जाएंगे। हालांकि, मई में सूर्य देव अपने चरम पर होते हैं और पूरा देश इनकी कड़कड़ाती धूप से परेशान होता है। इस महीने ठंडी चीज़ें ही हमें सुकून दे पाती है और इसी क्रम में, अब अप्रैल विदा लेने और मई का आगाज होने वाला हैं। ऐसे में, यह जानने के लिए आप भी उत्सुक होंगे कि यह महीने आपके लिए क्या कुछ लेकर आएगा? कौन से त्योहारों एवं व्रतों को इस माह मनाया जाएगा। 

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सबसे जरूरी, मई 2024 में राशिचक्र की सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन में किस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे और किन उतार-चढ़ावों का सामना करना होगा? इन सभी सवालों के जवाब भी आपको एस्ट्रोसेज के इस विशेष ब्लॉग में मिलेंगे इसलिए इस लेख को पढ़ना जारी रखें।

मई 2024 का ज्योतिषीय तथ्य और हिंदू पंचांग की गणना

हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2024 के पांचवें महीने मई का आगाज़ उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के तहत कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि यानी कि 01 मई 2024 को होगा जबकि इसका अंत पूर्वाभाद्रपद  नक्षत्र के अंतर्गत कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि अर्थात 31 मई 2024 को होगा। इस माह का पंचांग जानने के बाद हम इस महीने के तीज-त्योहारों के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है मई महीने का धार्मिक महत्व।

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मई 2024 का धार्मिक महत्व

हम सभी भली-भांति जानते हैं कि हर महीने का धार्मिक दृष्टि से अपना महत्व होता है। यहां हम बात करेंगे मई महीने की, तो सबसे पहले जानेंगे इस महीने का पंचांग। आपको बता दें कि मई 2024 का आरंभ वैशाख महीने के अंतर्गत होगा जबकि इसका अंत ज्येष्ठ मास के तहत होगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, वैशाख अप्रैल या मई के महीने में आता है। हिंदू नववर्ष का दूसरा महीना होता है वैशाख जिसकी शुरुआत चैत्र महीने के तुरंत बाद होती है। इस माह का धार्मिक दृष्टि से भी विशेष महत्व माना गया है। वर्ष 2024 में वैशाख मास की शुरुआत 24 अप्रैल 2024 को होगी जबकि इसका अंत 23 मई 2024 को हो जाएगा। 

धार्मिक दृष्टिकोण से, वैशाख के महीने में कई बड़े पर्वों को मनाया जाता है जैसे कि इस माह अक्षय तृतीया, वरुथिनी एकादशी, सीता नवमी, वृषभ संक्रांति आदि त्योहार आते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख में अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने कई अवतार लिए थे जैसे कि नर-नारायण, परशुराम, नरसिंह और हयग्रीव आदि। साथ ही, इस माह के शुक्ल पक्ष की नवमी पर देवी लक्ष्मी ने माता सीता के रूप में धरती पर अवतार लिया था। इसके अलावा, वैशाख माह से जुड़ी एक ऐसी भी मान्यता है कि इस महीने से ही त्रेतायुग का आरंभ हुआ था। इस महीने की पवित्रता की वजह से वैशाख माह की तिथियों को लोक परंपराओं में अनेक देव-देवताओं के मंदिरों के पट खोलने और महोत्सवों को मनाने के साथ जोड़ा जाता है।  

सिर्फ इतना ही नहीं, हिंदू धर्म में चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट वैशाख मास की अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं। इस महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर जगन्नाथ पुरी में रथयात्रा का आयोजन किया जाता है। साथ ही, वैशाख के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को देववृक्ष वट की पूजा-अर्चना करने का विधान है। 

अब हम ज्येष्ठ माह के बारे में चर्चा करेंगे, तो आइए आगे बढ़ते हैं। हिंदू वर्ष में ज्येष्ठ का महीना तीसरा होता है। इस साल ज्येष्ठ का आगाज 24 मई 2024 को होगा और वहीं, इसका समापन 22 जून को होगा। ज्येष्ठ माह के दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है क्योंकि इस मास में सूर्य बहुत मज़बूत होता है। यही वजह है कि ज्येष्ठ में लोग भयंकर गर्मी पड़ने की वजह से त्रस्त नज़र आते हैं। सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस मास को ज्येष्ठ कहा जाता है और यह माह सूर्य और वरुण देव की उपासना के लिए श्रेष्ठ होता है। ज्येष्ठ में स्नान, दान और धार्मिक कार्य आदि करना शुभ रहता है। 

वैज्ञानिक तौर पर भी ज्येष्ठ माह को विशेष स्थान प्राप्त है क्योंकि इस महीने बढ़ती गर्मी की वजह से प्रकृति में कई परिवर्तन देखने को मिलते हैं जैसे कि देश में जल का स्तर गिर जाता है। साथ ही, गर्मी से होने वाली बीमारियॉं से बचाव भी आवश्यक होता है इसलिए इस अवधि में हरी सब्ज़ियों, सत्तू और रस वाले फलों का सेवन फलदायी रहता है। 

नोट: हिंदू वर्ष में प्रत्येक महीने का नाम नक्षत्रों पर आधारित होता है। हर महीना का बदलना चंद्र चक्र पर निर्भर करता है और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा जिस नक्षत्र में मौजूद होता है उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के नाम पर रखा जाता है। इस प्रकार, वैशाख माह की पूर्णिमा पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहते हैं इसलिए इस माह को वैशाख मास के नाम से जाना जाता है।  

मई 2024 के व्रत एवं त्योहारों की तिथियां

हिंदू धर्म में हर दिन और हर महीने में अनेक व्रत-त्योहार को किये जाते हैं। इसी प्रकार, मई 2024 में कई प्रमुख व्रतों एवं पर्वों को मनाया जाएगा। तो आइए बिना देर किये शुरुआत करते हैं और जानते हैं इस महीने में पड़ने वाले पर्वों की तिथियों के बारे में। 

तिथिपर्व
4 मई 2024, शनिवारवरुथिनी एकादशी
5 मई 2024,रविवारप्रदोष व्रत (कृष्ण)
6 मई 2024, सोमवारमासिक शिवरात्रि
8 मई 2024, बुधवारवैशाख अमावस्या
10 मई 2024, शुक्रवारअक्षय तृतीया
14 मई 2024, मंगलवारवृषभ संक्रांति
19 मई 2024, रविवारमोहिनी एकादशी
20 मई 2024, सोमवारप्रदोष व्रत (शुक्ल)
23 मई 2024, गुरुवारवैशाख पूर्णिमा व्रत
26 मई 2024, रविवारसंकष्टी चतुर्थी

यहां हमने आपको मई 2024 माह में मनाये जाने वाले व्रत एवं त्योहारों की तिथियों के बारे में जानकारी प्रदान की है। लेकिन, अब हम आपको अवगत करवाते हैं इन त्योहारों के धार्मिक महत्व से। 

वर्ष 2024 में हिंदू धर्म के सभी पर्वों एवं त्योहारों की सही तिथियां जानने के लिए क्लिक करें: हिंदू कैलेंडर 2024 

मई 2024 में पड़ने वाले व्रत एवं त्योहारों का धार्मिक महत्व

वरुथिनी एकादशी व्रत (04 मई 2024, शनिवार): वरुथिनी एकादशी साल भर में आने वाली पावन एकादशी में से एक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख माह की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। सामान्य तौर पर, यह व्रत अप्रैल और मई महीने के बीच में पड़ता है। जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु के भक्तों के लिए यह व्रत विशेष महत्व रखता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से जातक को सभी तरह के पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस व्रत का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है जबकि इसका समापन अगले दिन के सूर्योदय पर किया जाता है। इस दिन कुछ लोग निर्जला व्रत का पालन भी करते हैं।

प्रदोष व्रत (कृष्ण) (05 मई 2024, रविवार): प्रदोष व्रत की गिनती सबसे शुभ एवं कल्याणकारी व्रतों में होती है जो हर महीने किया जाते हैं। पंचांग के अनुसार, प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर किये जाने वाले व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है और यह व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है। सामान्य शब्दों में कहें, तो पहला व्रत कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी पर आता है और दूसरा व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर पड़ता है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन इनकी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन महादेव प्रसन्न होकर कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं इसलिए इस व्रत का महत्व बहुत अधिक है।

मासिक शिवरात्रि (06 मई 2024, सोमवार): मासिक शिवरात्रि की बात करें, तो मासिक का अर्थ है महीना और शिवरात्रि का अर्थ भगवान शिव की रात से है। हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। जैसे कि हम सभी जानते हैं कि एक साल में 12 मास होते है और इस प्रकार 12 मासिक शिवरात्रि आती है। हालांकि, मासिक शिवरात्रि का अत्यंत महत्व है और इस दिन भगवान शंकर की पूजा-अर्चना की जाती है। इस तिथि की रात्रि काल में शिव जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। इस तिथि पर भोलेनाथ संग माता पार्वती का पूजन फलदायी सिद्ध होता है।

वैशाख अमावस्या (08 मई 2024, बुधवार): हिंदू कैलेंडर में वैशाख दूसरा महीना होता है। इस माह से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख से ही त्रेता युग का आरंभ हुआ था इसलिए इस मास में आने वाली अमावस्या के महत्व में वृद्धि हो जाती है। दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या को शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह दिन धर्म-कर्म के कार्यों के लिए शुभ रहता है और वैशाख अमावस्या पर स्नान-दान एवं पितृ तर्पण आदि कार्य किये जाते हैं।

अक्षय तृतीया (10 मई 2024, शुक्रवार): अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख मास की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अगर हम इसके अर्थ की बात करें, तो ‘अक्षय’ का शाब्दिक अर्थ है जिसका कभी नाश न हो और तृतीया का संबंध महीने की तृतीया तिथि से है। हिंदू धर्म के अनुसार, अक्षय तृतीया का त्योहार धन और समृद्धि को दर्शाता है और यह दिन सोना खरीदने के लिए शुभ होता है इसलिए इस दिन बहुत लोग सोना खरीदते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रकृति का संतुलन बना रहे इसलिए अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु ने परशुराम का अवतार लिया था।

वृषभ संक्रांति (14 मई 2024, मंगलवार): हिंदू पंचांग के अनुसार, सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। जब सूर्य मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं उसे वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। साथ ही, यह संक्रांति हिंदू सौर कैलेंडर के दूसरे महीने ज्येष्ठ के आरंभ का प्रतिनिधित्व करती है। सनातन धर्म में एक वर्ष में कुल 12 संक्रांति आती है और इनमें से ही एक होती है वृषभ संक्रांति और यह तिथि सभी तरह के धार्मिक कार्यों के लिए शुभ मानी जाती है।

मोहिनी एकादशी (19 मई 2024, रविवार): प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इस प्रकार, साल 2024 में मोहिनी एकादशी 19 मई 2024 के दिन पड़ रही है। इस एकादशी पर भगवान श्रीहरि विष्णु के मोहिनी स्वरूप की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही, इन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्तजन व्रत करते हैं। धार्मिक मान्यताओं की बात करें, तो मोहिनी एकादशी का व्रत करने से भक्त को हज़ारों वर्षों की तपस्या के समान फल प्राप्त होता है।

वैशाख पूर्णिमा व्रत (23 मई 2024, गुरुवार):  कहते हैं कि वैशाख मास में त्रेता युग का आरंभ हुआ था इसलिए इस माह की पूर्णिमा का भी अपना महत्व है। वैशाख पूर्णिमा के दिन दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों को संपन्न करना शुभ रहता है। इस पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु के तेइसवें अवतार के रूप में महात्मा बुद्ध का जन्म वैशाख पूर्णिमा पर ही हुआ था इसलिए यह तिथि बौद्ध धर्म में आस्था रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण होती है। वह बुद्ध पूर्णिमा को बेहद धूमधाम से मनाते हैं। 

संकष्टी चतुर्थी (26 मई 2024, रविवार): हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत हर महीने किया जाता है और इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की आराधना भक्तिभाव से की जाती है। संकष्टी की उत्पत्ति संस्कृत शब्द से होती है जिसका अर्थ है ‘संकट को हरने वाली चतुर्थी’। सामान्य शब्दों में कहें, तो संकष्टी चतुर्थी का व्रत विधि-विधान से किया जाए, तो जातक के जीवन से तमाम समस्याएं एवं बाधाएं दूर होती हैं। साथ ही, संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र देव की पूजा कल्याणकारी मानी जाती है और इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने से जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।

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मई 2024 में आने वाले बैंक अवकाश एवं अन्य महत्वपूर्ण दिन 

01 मई 2024: इंटरनेशनल लेबर डे 

03 मई 2024: प्रेस फ्रीडम डे 

08 मई 2024: मदर्स डे 

31 मई 2024: एंटी तंबाकू डे 

ज्येष्ठ माह में क्या करें क्या न करें?

  • ज्येष्ठ माह में बाल गोपाल का अभिषेक करें। साथ ही, उन्हें माखन-मिश्री का भोग लगाएं और चंदन का लेप लगाएं। 
  • इस अवधि में पशु, पक्षियों और जीव-जंतुओं के लिए पानी की व्यवस्था जरूर करें। 
  • गौशाला में हरी घास दान करें और गायों का ध्यान रखें। 
  • शिवलिंग का अभिषेक करें। 
  • इस महीने हनुमान जी की पूजा शुभ मानी गयी है क्योंकि कहते हैं कि ज्येष्ठ में ही भगवान राम की मुलाकात संकटमोचन हनुमान से हुई थी।  

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धन-समृद्धि में वृद्धि के लिए वैशाख माह में जरूर करें ये उपाय

  1. वैशाख माह में भगवान विष्णु के अवतारों परशुराम, नृसिंह, कूर्म, वराह और बुद्ध आदि की आराधना की जाती है। इस मास में प्रतिदिन ‘ॐ माधवाय नमः’ मंत्र का 11 बार जाप करें। इस उपाय को करने से घर-परिवार पर आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। 
  2. वैशाख में आम, गुड़, जल, तिल और सत्तू आदि के दान से पितृ दोष का निवारण हो जाता है और मनुष्य को समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, आरोग्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
  3. अक्षय तृतीया के दिन सोना, चांदी, भूमि और वाहन आदि की खरीदारी अवश्य करें। ऐसा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है। 
  4. वैशाख के पावन महीने में दिन के समय सोना, कांस्य के बर्तन में भोजन करना, तेल लगाना, खाट पर सोना, घर में नहाना, तला हुआ खाना और रात में भोजन आदि का त्याग करना चाहिए। इस उपाय को करने से सभी रोगों का नाश होता है। 

मई 2024 में पड़ने वाले ग्रहण और होने वाले गोचर 

व्रत-त्योहारों की तिथियों और महत्व को जानने के बाद, अब हम बात करेंगे मई 2024 के में होने वाले गोचर और पड़ने वाले ग्रहण की। इस माह में ऐसे पांच ग्रह होंगे जो अपनी राशि में परिवर्तन करेंगे और एक ग्रह अपनी स्थिति में बदलाव करेगा। वहीं, इस महीने कोई ग्रहण नहीं लगेगा। तो अब आगे बढ़ते है और नज़र डालते हैं इन ग्रहों के गोचरों पर।

बृहस्पति का वृषभ राशि में गोचर (01 मई 2024): देवताओं के गुरु कहे जाने वाले बृहस्पति महाराज 01 मई 2024 की दोपहर 02 बजकर 29 मिनट पर शुक्र देव की राशि वृषभ में प्रवेश करने वाले हैं।

गुरु वृषभ राशि में अस्त (03 मई 2024): वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को शुभ एवं लाभकारी ग्रह माना गया है जो अब वृषभ राशि में 03 मई 2024 की रात 10 बजकर 08 मिनट पर अस्त हो जाएंगे।

बुध का मेष राशि में गोचर (10 मई 2024): बुद्धि, तर्क और वाणी के कारक ग्रह बुध महाराज मंगल ग्रह की राशि मेष में 10 मई 2024 की शाम 06 बजकर 39 मिनट पर गोचर कर जाएंगे जिसका प्रभाव सभी राशियों के साथ-साथ देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। 

सूर्य का वृषभ राशि में गोचर (14 मई 2024): सूर्य को नवग्रहों के राजा कहा गया है जो संसार को अपनी रोशनी से प्रकाशित करते हैं। अब सूर्य महाराज 14 मई 2024 की शाम 05 बजकर 41 मिनट पर वृषभ राशि में गोचर करने वाले हैं। 

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर (19 मई 2024): प्रेम और भौतिक सुखों के कारक ग्रह शुक्र अपनी राशि वृषभ में 19 मई 2024 की सुबह 08 बजकर 29 मिनट पर गोचर कर जाएंगे। ऐसे में, इसका असर सभी राशियों के प्रेम जीवन पर पड़ेगा। 

बुध का वृषभ राशि में गोचर (31 मई 2024): ज्योतिष में बुध को नवग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। अब बुध देव शुक्र ग्रह की राशि वृषभ में 31 मई 2024 की दोपहर 12 बजकर 02 मिनट पर गोचर करने वाले हैं।

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मई 2024: शेयर बाजार भविष्यवाणी

यदि आप शेयर बाज़ार में रुचि रखते हैं और शेयर बाज़ार में आप निवेश करने के बारे में सोच-विचार कर रहे हैं, तो एस्ट्रोसेज के इस ख़ास ब्लॉग का यह विशेष सेक्शन हम आपके लिए ही लेकर आये हैं जिसके माध्यम से हम आपको मई माह के लिए शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी प्रदान कर रहे हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और एक नज़र डालते हैं शेयर बाज़ार की भविष्यवाणी पर।

वैशाख के महीने में कई महत्वपूर्ण ग्रहों की स्थिति में बदलाव नज़र आएंगे। सूर्य वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे और साथ ही, 11 मई से बुध देव गुरु ग्रह की राशि मीन में और 15 मई से सूर्य महाराज वृषभ राशि में उपस्थित होंगे। शुक्र ग्रह भी 20 मई से वृषभ राशि में आ जाएंगे और ऐसे में, सूर्य और शुक्र, केतु के साथ षडाष्टक योग का निर्माण करेंगे। इसके परिणामस्वरूप, मई 2024 की शुरुआत में बाजार में तेजी देखने को मिलेगी और वहीं, 15 मई के बाद से मार्केट में लाभ-हानि दोनों मिलने की आशंका है। देश में पब्लिक सेक्टर की अंडरटेकिंग, सीमेंट उद्योग, वूलन मिल्स, लोहा समेत कई क्षेत्रों में वृद्धि आने की संभावना है। 

मई 2024 में कैसा रहेगा शेयर बाजार का हाल? शेयर मार्केट भविष्यवाणी पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें। 

मई मासिक भविष्यवाणी 2024: 12 राशियों का राशिफल 

मेष राशि 

यह महीना मेष राशि के जातकों के लिए मध्यम रूप से फलदायक रहने वाला है। ग्रह स्थिति के अनुसार आपको आर्थिक तौर पर बहुत सावधानियां…विस्तार से पढ़ें

वृषभ राशि 

यह महीना वृषभ राशि के जातकों के लिए मिश्रित परिणाम देने वाला महीना साबित हो सकता है। कार्यक्षेत्र में चुनौतियों के बावजूद…(विस्तार से पढ़ें)

मिथुन राशि 

यह महीना आपके लिए मिश्रित परिणाम लेकर आने वाला है। विशेषकर आपको अपने करियर और अपने पारिवारिक जीवन में ध्यान देने…(विस्तार से पढ़ें)

कर्क राशि 

यह महीना कर्क राशि के जातकों के लिए कई मायने में अनुकूल रहने की संभावना दिखाई दे रही है। बस आपको चाहिए कि अपनी प्रतिभा…(विस्तार से पढ़ें)

सिंह राशि 

यह महीना आपके लिए उतार-चढ़ाव से भरा रहने वाला है इसलिए आपको जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान देना होगा और जहां-जहां…(विस्तार से पढ़ें)

कन्या राशि 

कन्या राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना मध्यम रूप से फलदायक रहने की संभावना दिखाई दे रही है। आपको इस महीने अपने…(विस्तार से पढ़ें)

तुला राशि 

तुला राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना मिश्रित रूप से फलदायक रहने की संभावना है। स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति महीने…(विस्तार से पढ़ें)

वृश्चिक राशि 

यह महीना वृश्चिक राशि के जातकों के लिए कुछ हद तक अनुकूल रहने की संभावना है। आप अपने काम में ज्यादा व्यस्त रहेंगे जिससे…(विस्तार से पढ़ें) 

धनु राशि 

यह महीना धनु राशि के जातकों के लिए काफी हद तक अनुकूल रहने की संभावना है। शनि देव गुरु बृहस्पति छठे भाव में रहेंगे जिससे …(विस्तार से पढ़ें) 

मकर राशि 

मई का महीना मकर राशि में जन्म लेने वाले जातकों के लिए कई मामलों में अनुकूल रहने की प्रबल संभावना है। आपके साहस…(विस्तार से पढ़ें)

कुंभ राशि 

कुंभ राशि में जन्मे जातकों के लिए यह महीना उतार-चढ़ाव से भरा रहने की संभावना है। आपको अपने आसपास की परिस्थितियों को…(विस्तार से पढ़ें)

मीन राशि 

यह महीना मीन राशि के जातकों के लिए उतार-चढ़ाव से भरा महीना रहने की संभावना है इसलिए आपको महीने की शुरुआत से ही खुद…(विस्तार से पढ़ें)

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