हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में कुल 12 अमावस्याएँ होती हैं। इनमें मौनी अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है।
शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन की विशेष महत्वता बताई गयी है। इस दिन दान और पुण्य को बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं कि माघ महीने के सभी दिनों में मौनी अमावस्या/माघ अमावस्या के दिन का सबसे ज़्यादा महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान को बहुत शुभ माना गया है। मान्यता के अनुसार इस दिन मौन रहना चाहिए और गंगा नदी या किसी भी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी शब्द ‘मुनि’ से बना है इसलिए इस दिन जो कोई भी व्यक्ति मौन रहकर पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करता है और फिर व्रत भी रहता है उसे मुनि पद की प्राप्ति होती है।
माघ/मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
इस वर्ष मौनी अमावस्या 24 जनवरी, 2020 (शुक्रवार) को है।
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जनवरी 24, 2020 को 02:19:25 से अमावस्या आरम्भ
जनवरी 25, 2020 को 03:13:36 पर अमावस्या समाप्त
मौनी अमावस्या पर कैसे पाएं पितृ दोष से मुक्ति
मौनी अमावस्या इस वर्ष 24 जनवरी को पड़ रही है। ज्ञात रहे कि इसी दिन शनि भी अपनी राशि परिवर्तन कर के मकर में प्रवेश करने वाला है। ऐसे में माना जाता है कि अगर इस दिन गंगा स्नान के बाद पितरों के नाम पर जल चढ़ाया जाये तो इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसी मान्यता के चलते मौनी अमावस्या के दिन पवित्र स्थानों पर पिंडदान भी किया जाता है।
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पितृ शांति के लिए मौनी अमावस्या के दिन करें ये काम
- मौनी अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए एक लोटे में जल लें, उसमें एक लाल रंग का फूल और कुछ काले तिल डाल दें।
- इसके बाद श्रद्धा-मन से अपने पितरों का ध्यान करते हुए ये जल सूर्य देव को अर्पित कर दें।
- इसके बाद अपने पितरों से पितृ दोष की मुक्ति की प्रार्थना करें।
- इस दिन अपने पितरों के लिए उनका मनपसंद भोजन बनाएं। पहला हिस्सा गाय को चढ़ाएं, दूसरा कुत्ते को और तीसरा कौवे को चढ़ाएं। इससे आपको आपके पितरों का आशीर्वाद अवश्य मिलेगा।
- इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे अपने पितरों के नाम का घी का दीपक जलाएं।
- मौनी अमावस्या के दिन किसी ज़रूरतमंद या किसी ब्राह्मण को सात तरह के अनाज का, या फिर तिल से बनी किसी चीज़ का दान करें। इससे भी आपके पितृ प्रसन्न होंगे।
कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए मौनी अमावस्या पर करें ये काम
वैसे तो शास्त्रों में मौनी अमावस्या को ही काफी पावन दिन बताया गया है लेकिन आपको जानकर ताज्जुब होगा कि इस दिन कई अन्य तरह के दोषों से भी मुक्ति पाई जा सकती है। जिस किसी भी इंसान की कुंडली में कालसर्प दोष होता है वो भी इस दिन कुछ विशेष काम कर के इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
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- मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद चांदी के एक नाग-नागिन के जोड़े की पूजा करें। फिर उनपर सफ़ेद फूल चढ़ाएं और उन्हें बहते हुए पानी में प्रवाह कर दें। ऐसा करने से आपको कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।
- इस दिन स्नान के बाद लघु रूद्र का खुद से पाठ करें। अगर खुद से ये पाठ करने में कोई परेशानी हो तो आप किसी ब्राह्मण से भी इसे सुन सकते हैं।
- इस दिन नवनाग स्त्रोत का पाठ करना भी बेहद शुभ फलदायी माना गया है।
- आप इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी ब्राह्मण या किसी निर्धन को दान कर के भी पुण्य कमा सकते हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन आप किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर ताम्बे के नाग-नागिन को चढ़ाएं।
- इस दिन सफ़ेद फूल, बताशे, कच्चे दूध, सफ़ेद कपड़ा, चावल, सफ़ेद रंग की मिठाई बहते जल में प्रवाहित करें और शेषनाग से अपने दोष के निवारण की कामना करें।
- मौनी अमावस्या के दिन कालसर्प यंत्र की स्थापना करें और रोज़ाना इस यंत्र के सामने घी या सरसो के तेल का दीपक जलाएं।
जानें मौनी अमावस्या का महत्व
वैसे तो अमावस्या के दिन किसी भी शुभ काम की मनाही होती है लेकिन अगर हम आध्यात्मिक तौर पर देखें तो ज्योतिष के लिहाज़ से अमावस्या का खास महत्व बताया गया है। पुराणों में भी इस दिन का ख़ास महत्व बताते हुए कहा गया है कि इस दिन कई तरह के दोष से छुटकारा पाया जा सकता है।
मौनी अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि इस दिन भगवान मनु का जन्म हुआ था। इस दिन स्नान-दान और मौन रहने का महत्व बताया गया है लेकिन जो लोग व्रत नहीं रख सकते हैं वो भी इस दिन सिर्फ मीठे भोजन का सेवन कर के रह सकते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से ना सिर्फ आपके पितरों को शांति मिलती है बल्कि आपको भी कई गुना पुण्य मिलता है। क्योंकि इस दिन मौन रहकर व्रत रखने का चलन है इसलिए कई जगहों पर इस दिन को गूंगी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान करके सूर्य देवता को जल चढ़ाने से घर से गरीबी और दरिद्रता दूर होती है।
मौनी अमावस्या के दिन ज़रूर करें ये काम
- मौनी अमावस्या के दिन जप-तप, ध्यान पूजन करें।
- इस दिन मौन रहकर व्रत और पूजा पाठ करें।
- इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
- घर से गरीबी और दरिद्रता दूर करना है तो इस दिन सूर्य देवता को अर्ध्य दें।
- अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी की परिक्रमा का बहुत महत्व होता है।
- जिस भी इंसान का चंद्रमा कमज़ोर है उन्हें इस दिन गाय को दही चावल खिलाना चाहिए।
- जिन्हे पवित्र नदी में स्नान करने का मौका नहीं मिले उन्हें घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए।
- शास्त्रों में इस बात का ज़िक्र है कि माघ के महीने में पूजा-अर्चना और स्नान आदि से भगवान नारायण की प्राप्ति की जा सकती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग मिल जाता है।
मौनी अमावस्या के दिन बरतें ये सावधानियां
- अमावस्या की रात सबसे घनी और काली रात मानी जाती है, ऐसे में इस रात अशुभ क्रियाएँ, भूत-प्रेत, और नकारात्मक शक्तियाँ बेहद सक्रिय रहती हैं इसलिए इस रात किसी भी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए।
- अमावस्या के दिन जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और फिर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए क्योंकि इस दिन देर तक सोना भी अशुभ माना गया है।
- इस दिन किसी का भी अनादर करने से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन तामसिक भोजन और मदिरापान भी वर्जित माना गया है।