मौनी अमावस्या 2025: जानें राशि अनुसार क्‍या उपाय करने से मिल सकता है मोक्ष

हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्‍या ति‍थि का बहुत महत्‍व है। बता दें कि अमावस्‍या और पूर्णिमा हर महीने आती हैं और प्रत्‍येक पूर्णिमा एवं अमावस्‍या का अपना एक अलग महत्‍व होता है। माघ के महीने में आने वाली अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या कहा जाता है। माघ के महीने में पड़ने की वजह से इसे माघ अमावस्‍या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है और यही वजह है कि इस अमावस्‍या को मौनी अमावस्‍या का नाम दिया गया है। इस ब्‍लॉग में आगे बताया गया है कि मौनी अमावस्‍या कब पड़ रही है और इसका क्‍या महत्‍व है।

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मौनी अमावस्‍या 2025

28 जनवरी को शाम 07 बजकर 38 मिनट पर अमावस्‍या तिथि आरंभ होगी और इसका समापन 29 जनवरी को शाम 06 बजकर 08 मिनट पर होगा। इस प्रकार मौनी अमावस्‍या 29 जनवरी, 2025 को बुधवार के दिन पड़ रही है। इस बार अमावस्‍या पर एक शुभ योग भी बन रहा है जिसके बारे में आगे बताया गया है।

मौनी अमावस्‍या पर बन रहा है शुभ योग

मौनी या माघ अमावस्‍या पर सिद्धि योग बन रहा है। इस योग की शुरुआत 28 जनवरी, 2025 को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर होगी और इसका समापन 29 जनवरी को रात्रि 09 बजकर 09 मिनट पर होगा।

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क्‍या है सिद्धि योग

सिद्धि योग को सिद्ध योग के नाम से भी जाना जाता है। इस योग को ज्‍योतिष में बहुत शुभ माना गया है। सिद्ध योग में किए गए कार्यों का शुभ परिणाम मिलता है। जिन लोगों की कुंडली में सि‍द्धि योग होता है, वे जातक व्‍यापार में बहुत अच्‍छा प्रदर्शन करते हैं। ये अपने काम को लेकर समर्पित रहते हैं और दिखने में बहुत सुंदर होते हैं। इसके साथ ही ये खुशहाल और सुख-शां‍ति से परिपूर्ण जीवन जीते हैं। ये दान-पुण्‍य अधिक करते हैं।

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मौनी अमावस्या 2025 का महत्व 

मौनी अमावस्या धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्‍व रखती है। मौनी शब्द की उत्पत्ति मौन शब्‍द से हुई है और इसका अर्थ होता है चुप रहना। इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। माघ अमावस्या के दिन गंगा नदी में स्नान करने से श्रद्धालुओं के सारे पाप धुल जाते हैं और उन्‍हें पुण्‍य की प्राप्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत समान हो जाता है इसलिए इस दिन गंगा में डुबकी लगाने को बहुत शुभ माना जाता है।

शास्‍त्रों के अनुसार, माघ अमावस्या पर ऋषि मनु का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। जो मनुष्य इस दिन मौन व्रत रखता है, उसे अपने जीवन में वाक् सिद्धि की प्राप्ति होती है। 

हिंदू धर्म में माघ अमावस्या को स्नान, जप एवं तप करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है। मान्‍यता है कि इस तिथि पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के जल में देवताओं का वास होता है। इस वजह से मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान करना शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने से मिलने वाला फल दोगुना हो जाता है।

जो भी मनुष्य इस दिन नदी या कुंड में स्नान करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे पुण्य प्राप्त होता है। हालांकि, मौनी अमावस्या को पितृ शांति और पितृ तर्पण के लिए भी शुभ माना जाता है। मान्‍यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और इस दिन मौन व्रत रखने से व्‍यक्‍ति के ज्ञान में वृद्धि होती है। यह व्यक्ति के विचारों या उसके मन तथा आवेगपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

भगवद गीता में कहा गया है कि जब किसी मनुष्य का मन अशांत और बेचैन होता है, तब उसे मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से उसका अपनी वाणी पर नियंत्रण रहता है जिससे उसका मन अशांत नहीं रहता है।

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मौनी अमावस्या की पूजन विधि

  • मौनी अमावस्‍या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना शुभ माना जाता है। इसके बाद आप गंगा नदी में स्‍नान करें। अगर आप गंगा या किसी पवित्र नदी में स्‍नान नहीं कर सकते हैं, तो घर पर अपने नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्‍नान कर सकते हैं।
  • नहाने के बाद भगवान विष्‍णु का स्‍मरण करते हुए व्रत का संकल्‍प लें। विष्णु जी की पूजा-अर्चना करने के बाद तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा करें।
  • पूजा के उपरांत अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन, धन अथवा वस्त्र आदि दान करें। आपको स्नान के बाद से ही मौन व्रत रखना शुरू करना होगा।

इच्‍छानुसार मौनी अमावस्‍या पर करें दान

अगर आप मोक्ष प्राप्ति की कामना रखते हैं, तो मौनी अमावस्‍या के दिन गौ का दान करें। ग्रह-नक्षत्रों के कुप्रभाव से बचने के लिए काले तिल का दान कर सकते हैं। रोग से मुक्‍ति पाने के लिए स्‍वर्ण का दान किया जा सकता है। यदि आपके परिवार में कलह रहती है, तो आप माघ अमावस्‍या के दिन पात्र समेत घी का दान करें। मौनी अमावस्‍या 2025 पर नमक का दान करने से हर प्रकार की बाधा दूर होती है। संतान की उन्‍नति के लिए चांदी का दान करना चाहिए।

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मौनी अमावस्‍या के दिन क्‍या करें

  • इस अमावस्‍या पर प्रात:काल स्‍नान के बाद तिल, तिल से बने लड्डू, इसके तेल, आंवले और कपड़े आदि का दान करें।
  • इस दिन गरीब लोगों, साधू और ब्राह्मण को भोजन करवाने से अधिक पुण्‍य मिलता है। इन्‍हें कंगल आदि भी दान कर सकते हैं।
  • आप मौनी अमावस्‍या पर काले तिल में गुड़ मिलाकर लड्डू बना लें अैर उसे लाल रंग के कपड़े में लपेटकर दान कर दें। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान विष्‍णु की पूजा करनी चाहिए। इससे महिलाओं के भाग्‍य में वृद्धि होती है। इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने का बहुत महत्‍व रखते हैं।

मौनी अमावस्‍या 2025 पर राशि अनुसार करें उपाय

मौनी अमावस्‍या पर राशि अनुसार उपाय कर के आप अपने जीवन में सफलता ला सकते हैं:

  • मेष राशि: इस दिन गरीब लोगों को साबुत अनाज या फलों का दान करें।
  • वृषभ राशि: मौनी अमावस्या पर आप तुलसी के पौधे में जल चढाएं।
  • मिथुन राशि: शिवलिंग का अभिषेक करें और ऊं नमं शिवाय मंत्र का जाप करें।
  • कर्क राशि: घर की कच्‍चे दूध से सफाई करें।
  • सिंह राशि: आप माघ अमावस्‍या के दिन गरीब लोगों को खासतौर पर लाल रंग के वस्‍त्र दान करें।
  • कन्‍या राशि: गाय को हरा चारा खिलाएं और घर के अंदर किसी शुभ स्‍थान पर दीपक जलाएं।
  • तुला राशि: आप अमावस्‍या के दिन तांबे के बर्तन में जल भरकर घर के अंदर रखें।
  • वृश्चिक राशि: इस दिन आप चींटियों को शक्‍कर खिलाएं।
  • धनु राशि: इस राशि वाले किसी नदी या तालाब में दीपदान करें।
  • मकर राशि: आप गरीब व्‍यक्‍ति को शुद्ध देसी घी का दान करें।
  • कुंभ राशि: आप अमावस्‍या पर नीम के पेड़ को पानी दें।
  • मीन राशि: आप घर के मंदिर में ताजे फूल अर्पित करें। अनुसार करें उपाय

मौनी अमावस्‍या के लिए ज्‍योतिषीय उपाय

  • ऐसा माना जाता है कि पीपल के पेड़ में पितर वास करते हैं। आप मौनी अमावस्‍या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसमें जल चढ़ाकर दीपक जलाएं।
  • घर के अंदर पितृ दोष निवारण यंत्र की स्‍थापना कर, तिल के तेल का दीपक जलाकर पितरों का तर्पण करें। इस उपाय को करने से आपके पितरों को शांति मिलेगी।
  • पितृ शांति के लिए अमावस्‍या के दिन काले तिलों का दान भी कर सकते हैं। इसके अलावा गरीब लोगों का अन्‍न का दान करें। गरीब लोगों को वस्‍त्रों का दान करें। गाय को चारा खिलाने से भी लाभ मिलता है।
  • मौनी अमावस्‍या के दिन शिव मंदिर जाकर भगवान शिव की आराधना करें। इससे भी पितरों को शांति मिलती है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्‍न 1. 2025 में मौनी अमावस्‍या कब पड़ रही है?

उत्तर. 2025 को मौनी अमावस्‍या है।

प्रश्‍न 2. मौनी अमावस्‍या पर तर्पण कर सकते हैं क्‍या?

उत्तर. हां, इस दिन पितरों का तर्पण करने का बहुत महत्‍व है।

प्रश्‍न 3. मौनी अमावस्‍या पर क्‍या किया जाता है?

उत्तर. इस दिन मौन व्रत रखा जाता है।

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