मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2021: इस दिन इन बातों का रखें विशेष ध्यान

मार्गशीर्ष का महीना दान, पुण्य, धार्मिक कार्य, और देवी देवताओं की पूजा के लिए उत्तम बताया गया है। श्रीमद् भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि, “मैं मार्गशीर्ष का पावन महीना हूँ”। मान्यता है कि, इस दिन किया गया है स्नान, दान, और तप (तपस्या) बेहद ही लाभकारी सिद्ध होते हैं। इस वर्ष 19 दिसंबर 2021 को मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ रही है।

तो आइए आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नियम, इस दिन का ज्योतिषीय महत्व क्या होता है, इस दिन बनने वाले शुभ योग और मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले राशि अनुसार उपाय।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा के नियम

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन जो कोई भी व्यक्ति व्रत करता है और देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करता है कहा जाता है ऐसे व्यक्तियों का जीवन खुशियों और समृद्धि से भरा रहता है। आइए अब जान लेते हैं इस दिन के व्रत और पूजा के नियम क्या कुछ हैं।

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इस दिन भगवान नारायण की पूजा का विधान बताए गया है इसलिए पूर्णिमा के दिन जल्दी उठें और भगवान का नाम लें और उपवास का संकल्प करें। स्नान करने के बाद सफेद रंग के साफ कपड़े पहनें और आचमनी (पवित्र जल से शुद्धिकरण) करें। इसके बाद पूजा वाली जगह पर बैठकर भगवान विष्णु का नाम जपें। ब्राह्मण इस दिन सुबह स्नान करने के बाद संध्या वंदन करते हैं और इसके बाद व्यक्ति भी पूजा कर सकते हैं। भगवान को इत्र और फूल अर्पित करें। रात्रि के समय भगवान नारायण के समीप सोयें। इस दिन यदि आप ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देते हैं और उन्हें भोजन कराते हैं तो इसे बेहद ही शुभ माना जाता है।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

कहा जाता है कि मार्गशीर्ष पूर्णिमा बेहद ही शुभ और महत्वपूर्ण दिन है। इसी दिन भगवान दत्तात्रेय अस्तित्व में आए थे। कहा जाता है 3 चेहरों वाले भगवान दत्तात्रेय भगवान शिव, भगवान विष्णु, और भगवान ब्रह्मा की संयुक्त शक्ति हैं। इसके अलावा यह वही दिन है जिस दिन मां पार्वती के दर्शन हुए थे।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व

इस दिन के ज्योतिषीय महत्व के बारे में बात करें तो यह मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मिथुन राशि में मृगशिरा नक्षत्र के तहत यह दिन 19 दिसंबर 2021 को पड़ रहा है। यहां मृगशिरा नक्षत्र पर ऊर्जा के ग्रह मंगल का शासन होता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन बन रहे शुभ योग

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन यानी 19 सितंबर 2021 को मंगल और केतु एक साथ वृश्चिक राशि में स्थित होंगे।

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मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान नारायण को प्रसन्न करने के राशि अनुसार उपाय

मेष राशि 

  • भगवान नरसिंह की पूजा करें। 
  • अपाहिज लोगों को भोजन कराएं। 
  • मुमकिन हो तो उपवास अवश्य रखें।

वृषभ राशि 

  • प्रतिदिन 6 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें। 
  • विष्णु सूक्त का पाठ करें। 
  • सफेद गाय को हरी घास अवश्य खिलाएं।

मिथुन राशि 

  • इस दिन उपवास करें और बिना नमक वाला भोजन ग्रहण करें। 
  • जरूरतमंद बच्चों को पुस्तक, कलम आदि दान दें। 
  • भगवान विष्णु के लिए होम का आयोजन करें।

कर्क राशि 

  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत करना आपके लिए शुभ फलदाई साबित होगा। 
  • 11 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें। 
  • अपनी माता से आशीर्वाद अवश्य लें।

सिंह राशि 

  • प्रतिदिन 11 बार ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। 
  • आदित्य ह्रदय स्त्रोत का इस दिन जाप अवश्य करें। 
  • अपनी माता जी का आशीर्वाद अवश्य लें।

कन्या राशि 

  • भगवतम का पाठ करें। 
  • किसी अपाहिज व्यक्ति को हरी दाल का दान करें। 
  • पवित्र नदी में स्नान करें।

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तुला राशि 

  • इस दिन सौंदर्य लहरी का पाठ करें। 
  • भगवान नारायण और महालक्ष्मी की पूजा करें। 
  • ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का 6 बार जप करें।

वृश्चिक राशि 

  • इस दिन मंदिर जाएं और भगवान नरसिम्हा की पूजा करें। 
  • भगवतम पर धार्मिक प्रवचन सुनें।
  • विशेष तौर पर मंगलवार के दिन भिखारियों को भोजन कराएं।

धनु राशि 

  • इस दिन ब्राह्मणों को भोजन का दान करें। 
  • भगवान नरसिम्हा की पूजा करें। 
  • अपने पिता का आशीर्वाद लें। 
  • इस दिन का उपवास करना आपके लिए शुभ फलदाई साबित हो सकता है।

मकर राशि 

  • भगवान विष्णु की पूजा इस दिन अवश्य करें। 
  • 108 बार ‘ॐ नमो नारायण’ मंत्र का जाप करें। 
  • मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का जप करें या सुनें।

कुंभ राशि 

  • इस दिन सुबह के समय गायों को खाना अवश्य खिलाएं।
  • ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। 
  • किसी बीमार व्यक्ति को भोजन दान में दें।

मीन राशि

  • श्री भगवतम का पाठ करें। 
  • श्री विष्णु सुक्तम का पाठ करें। 
  • किसी गरीब को भगवत गीता दान में दें।

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