साल 2020 कब और कैसे कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया पता ही नहीं चला। हम साल के आठवें महीने में प्रवेश कर चुके हैं, लेकिन अभी भी इस बीमारी से निजात पाने का ख्वाब महज़ ख्वाब ही बना हुआ है। यूँ तो अबतक कुछ एक देशों ने वैक्सीन की घोषणा कर दी है लेकिन यह वैक्सीन हम तक कब पहुंचेगी, हम एक बार फिर कब सामान्य जीवन जी सकेंगे, इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।
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इस महामारी के दौर में जो एक चीज़ अभी भी हमारा पीछा नहीं छोड़ रही है वो है तनाव। तनाव आने वाले कल को लेकर, अपनी नौकरी को लेकर, अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर, इत्यादि। कई बार तनाव की वजह होता है हमारे दिमाग में बेफ़िजूल पनपता कोई सवाल, ऐसे में अगर आप भी अपने किसी सवाल का जवाब जानकर खुद के जीवन से तनाव दूर करना चाहते हैं, तो बिना देरी किये अभी देश के जाने-माने ज्योतिषियों से बात करें, उनसे अपने जीवन के बारे में प्रश्न पूछें, उन्हें अपनी समस्या बता कर उसका सीधा और सटीक हल जानें और इस तनावग्रस्त माहौल में थोड़ी शांति प्राप्त करें।
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वैसे भी मानसिक तनाव एक गंभीर समस्या है और इससे बचने का प्रयास करना चाहिए। इसका क्षेत्र इतना व्यापक है कि हर कोई व्यक्ति किसी न किसी रूप में इस रोग से पीड़ित है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि मानसिक तनाव वैश्विक अक्षमता का मुख्य कारण है। यदि इस बिंदु पर गंभीरता से विचार करें तो मानसिक तनाव को दूर करने या इससे बचने के उपाय बहुत ज़रुरी हैं। तो चलिए यह जानते हैं कि मानसिक तनाव होता क्यों है और इसके क्या लक्षण हैं ?
मानसिक तनाव क्या है
मानसिक तनाव या चिंता एक ऐसा अवसाद है जो पीड़ित व्यक्ति के विचारों और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। इस रोग में व्यक्ति को मानसिक कष्ट से गुजरना पड़ता है। रोगी व्यक्ति की मानसिक शक्ति क्षीण हो जाती है और इस कारण वह ग़लत कदम भी उठा लेता है। एक अध्ययन के मुताबिक आत्महत्या और अपराध करने वाले कई लोग मानसिक समस्या से पीड़ित होते हैं। इससे यह अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि मानसिक कुण्ठा कितनी गंभीर बीमारी है।
मानसिक तनाव के लक्षण
- एकाग्रता की कमी, कमज़ोर स्मरण शक्ति, निर्णय लेने में परेशानी
- भोजन संबंधी आदतों में बदलाव, भूख कम लगना, भूख न लगना, अपच
- भावनात्मक प्रतिक्रियाओं में बदलाव, अति संवेदनशील हो जाना
- आत्म विश्वास में कमी, भयग्रस्त होना
- एकांत में रहना, मन मेें नकारात्मक ख़्याल आना
- उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़, बालों का झड़ना
- गठिया, सिरदर्द, त्वचा रोग, रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
मानसिक तनाव के सामान्य कारण
- जीवन शैली में बदलाव
- नींद की कमी
- आर्थिक परेशानी
- प्रियजनों/प्रियजन से अलगाव
- रिश्तों में खटास
- असफलता
- दबाव
- पारिवारिक समस्या
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मानसिक तनाव के ज्योतिषीय कारण
- ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रह को मनुष्य की मानसिक चेतना का कारक कहा जाता है। कुंडली में चंद्रमा कमज़ोर होता है तो जातक को मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस दौरान व्यक्ति अवसादग्रस्त रहता है। मानसिक तनाव अथवा अवसाद वह स्थिति है, जब व्यक्ति बेशक दिखने में भला महसूस हो लेकिन अंदरूनी तौर पर वह काफी गंभीर स्थिति से जूझ रहा होता है।
- काल पुरुष की कुंडली में चतुर्थ भाव कर्क राशि का होता है और यह भाव जीवन के सुखों को परिभाषित करता है। इसके अतिरिक्त, यह मन की स्थिति को भी बताता है तथा कुंडली में पंचम भाव भी एक महत्वपूर्ण भाव है क्योंकि यह हमारी बुद्धि का भाव भी है।
- कुंडली में चंद्रमा मन का कारक है और शनि उदासीनता का कारक है, इसलिए जब भी कुंडली में चंद्रमा शनि के साथ स्थित हो या शनि की दृष्टि चंद्रमा पर हो तो चंद्रमा पीड़ित हो जाता है। अगर यह स्थिति चतुर्थ भाव को प्रभावित करती है तो और भी गंभीर हो जाती है क्योंकि ऐसे में व्यक्ति अकेलापन महसूस करता है और उसके अंदर उदासीनता की प्रवृत्ति जन्म लेती है। यही वजह होती है कि उसे मानसिक तनाव और अवसाद जैसे रोगों का सामना करना पड़ता है।
- केवल शनि ही नहीं बल्कि राहु भी बहुत हद तक इस स्थिति के लिए जिम्मेदार माना जाता है। यदि चंद्रमा के साथ राहु की स्थिति हो तो भी ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ता है।
- चंद्रमा जहां हमारे मन का कारक है, वहीं बुध हमारी बुद्धि और चेतनि को बताता है। ऐसे में चंद्रमा और बुध दोनों का पीड़ित होना मानसिक तौर पर कुंठा को जन्म देने वाला होता है।
- यदि चंद्रमा पर राहु का असर होता है तो मति भ्रम पैदा करता है और ऐसे में यदि बुध भी इनके साथ मिल जाए तो यह स्थिति काफी गंभीर हो जाती है और व्यक्ति पागलपन की हद तक परेशान हो सकता है।
- इस प्रकार यदि कुंडली के चतुर्थ भाव, पंचम भाव, इन दोनों भावों के स्वामी, चंद्रमा और बुध यदि राहु अथवा शनि से बुरी तरह पीड़ित हैं अथवा इन ग्रहों की स्थिति कुंडली के छठे, आठवें या बारहवें भाव में पाप ग्रहों के मध्य हो तो व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार होता है।
- यदि कुंडली के छठे, आठवें अथवा बारहवें भाव में चंद्रमा के साथ मंगल की स्थिति हो तो यह मानसिक उन्माद देता है।
- यदि कुंडली के अष्टम भाव में चंद्रमा के साथ राहु स्थित हो और उस पर शनि का प्रभाव भी हो तो व्यक्ति अनजाने भय से पीड़ित होकर मानसिक तनाव से घिर जाता है।
- यदि चंद्रमा का संबंध अशुभ ग्रहों के साथ जल तत्व की राशियों जैसे कि कर्क, वृश्चिक अथवा मीन में हो तो ऐसे व्यक्ति भावनात्मक रूप से काफी कमजोर हो सकते हैं और यही वजह है, जो उनमें मानसिक तनाव को जन्म देती है।
ज्योतिष के अतिरिक्त यदि हस्तरेखा शास्त्र पर ध्यान दिया जाए तो वह भी मानसिक तनाव की स्थिति को स्पष्ट रूप से बताता है।
- हथेली में उपस्थित चंद्र पर्वत, मस्तिष्क रेखा और बुध पर्वत की स्थिति के आधार पर भी मानसिक तनाव को जांचा जा सकता है।
- यदि हाथ में मस्तिष्क रेखा काफी चौड़ी है तो व्यक्ति में ज्ञान की कमी को बताती है।
- यदि मस्तिष्क रेखा अनुपस्थित है तो व्यक्ति में मानसिक विकार जन्म ले सकते हैं।
- यदि मस्तिष्क रेखा शुक्र के क्षेत्र से निकले या मंगल के क्षेत्र के निचले भाव से निकले और जीवन रेखा को काटती हुई मंगल के ऊपरी क्षेत्र की ओर जाए तो ऐसा व्यक्ति चिड़चिड़े स्वभाव का हो सकता है।
- यदि चंद्र पर्वत पर द्वीप, क्रॉस अथवा जाल हो तो यह स्थिति भी मानसिक तनाव को बताती है।
- हथेली में चंद्र का पर्वत अति विकसित हो या अल्पविकसित हो और साथ में मस्तिष्क रेखा चंद्र पर्वत की ओर झुकती हुई जाए तथा हृदय रेखा ठीक ना हो तो व्यक्ति मानसिक रूप से असंतुलन का शिकार होता है।
- यदि इस मस्तिष्क रेखा पर कोई द्वीप हो या यह रेखा खंडित हो तो यह मानसिक रोग का कारण बनती है।
- यदि चंद्र पर्वत पर कोई धब्बा हो अथवा जाल हो तो यह स्थिति मानसिक तनाव को दर्शाती है और अगर दोनों ही हथेलियों में ऐसी स्थिति का निर्माण हो तो यह विशुद्ध रूप से मानसिक रोग के लक्षण उत्पन्न करती है।
- यदि हथेली में बहुत सारी रेखाओं का जाल बना हुआ है तो यह विचारों में अति का परिचायक है।
- यदि मस्तिष्क रेखा या उससे निकली कोई शाखा ऊपर की ओर ह्रदय रेखा को स्पर्श करे तो व्यक्ति किसी के स्नेह के चलते अपनी बुद्धि और समझ को खो देता है।
- यदि मंगल पर्वत अति विकसित हो और बुध तथा चंद्र पर्वत अल्पविकसित हो तो व्यक्ति जल्दबाजी और अति उत्साह के चलते उन्मादी हो सकता है।
इस प्रकार ज्योतिष शास्त्र बताता है कि कुंडली में चंद्रमा और बुध तथा चतुर्थ भाव, पंचम भाव और इन दोनों भावों के स्वामी ग्रह यदि शुभ और अनुकूल स्थितियों में होते हैं तो व्यक्ति मानसिक तनाव से मुक्त होता है और संतुलित जीवन व्यतीत करता है। वहीं दूसरी ओ,र हस्तरेखा शास्त्र बताता है कि आपके हाथ का चंद्र पर्वत संतुलित स्थिति में होना चाहिए और मस्तिष्क तथा हृदय रेखाएं और बुध पर्वत भी अच्छी स्थिति में तथा दोष रहित होने चाहिए, तभी आप मानसिक रूप से संतुलित जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
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मानसिक तनाव को दूर करने के आसान उपाय
टेंशन से बचने या इसे दूर करने के लिए हम यहाँ आपको कुछ आसान उपाय बता रहें हैं। जिनकी मदद से आप अपने तनाव को कम कर सकते हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं
योग-व्यायाम
योग और व्यायाम मानसिक तनाव को दूर करने का सबसे बेहतर तरीक़ा है। हैल्थ टिप्स की बात करें तो फिजिकल एक्सरसाइज़ सबसे ज़्यादा कारगर है। नियमित योग और व्यायाम करने से व्यक्ति का शरीर और मन स्वस्थ्य रहता है। इससे हमारे शरीर में एंडोर्फिन रिलीज़ होती है और फील गुड कराने वाले हार्मोन बनते हैं। मानसिक तनाव को कम करने का यह बहुत ही बढ़िया और आसान उपाय है।
ध्यान क्रिया
ध्यान क्रिया करने से मानसिक चेतना जागृत होती है और मन को शांति मिलती है। मनोविज्ञान के अनुसार ध्यान करना शरीर और मन के लिए बहुत लाभकारी है। इससे मनुष्य की एकाग्र शक्ति बढ़ती है। अपने हाथ के अंगूठे के पोर को तर्जनी अंगुली से मिलाते हुए ज्ञान मुद्रा का अभ्यास करना बहुत फायदेमंद होता है।
नियमित दिनचर्या
यदि तनाव जैसी गंभीर समस्या से बचना चाहते हैं तो अपनी दिनचर्या को नियमित बनाएँ और इसका कठोरता से पालन भी करें। नियमित दिनचर्या का तात्पर्य यहाँ समय से खाने-पीने और समय पर सोने-जगने से है। इसके अलावा आप डेली रुटीन में उन चीज़ों को भी जोड़ें जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करती हो। यदि आप ऐसा कर पाने में सफल होते हैं तो निश्चित ही आप टेंशन मुक्त हो जाएंगे।
पौष्टिक आहार
भोजन से हमारे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होती है। जबकि आहार की प्रकृति हमारी प्रवृति और मनोदशा को प्रभावित करती है। इसलिए मन को दुरुस्त बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार लें। यह टेंशन भगाने का अचूक उपाय है। लेकिन वर्तमान समय में लोग जंक फूड, फास्ट फूड और अन्य प्रकार के पाश्चात्य खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं जिसके प्रतिकूल परिणाम हम देख सकते हैं।
पर्याप्त नींद
पर्याप्त नींद मनुष्य को हैल्दी बनाए रखती है। अध्ययन के अनुसार एक दिन में हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। इससे व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है और मानसिक तनाव उसके ऊपर हावी नहीं हो पाता है।
सकारात्मक भाव
सकारात्मक सोच के साथ आप बड़ी से बड़ी समस्या को आसानी से हल कर सकते हैं। परंतु यदि सोच नकारात्मक हो तो फिर राह मुश्किल हो जाती है। तनाव के समय व्यक्ति की पॉजीटिव थिंकिंग ही उसे ग़लत रास्ते से बचाती है।
सामाजिक संबंध
समाज में सभी के साथ घुल-मिलकर रहें और अपने सगे-संबंधियों से रिश्ते मधुर बनाए रखें। अपनों से मिलने वाली ख़ुशियों का कोई मोल नहीं होता है। इसलिए अपने घर-परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से संवाद जारी रखें।
नशे से दूरी
तनाव से बचने के लिए अक्सर लोग नशे के आदि हो जाते हैं जो बिलकुल भी उचित नहीं है। नशा हमारे शरीर और मन पर बहुत बुरा असर डालता है जिससे तनाव कम होने के बजाय और भी बढ़ जाता है इसलिए शराब, सिगरेट, ड्रग्स आदि से जितना दूर रहें, उतना आपके लिए अच्छा है।
मनोरंजन
विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि मनोरंजन से तनाव को कम किया जा सकता है। इसलिए यदि आप चिंतित हों तो टेंशन फ्री होने के लिए मनोरंजन का सहारा अवश्य लें।
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मानसिक तनाव दूर करने के ज्योतिषीय उपाय
मानसिक तनाव एक गंभीर समस्या है और इससे निदान के लिए ज्योतिष में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं:
- कुंडली में चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए आपको अपनी माता का सम्मान करना चाहिए और अपने शरीर पर चाँदी धारण करनी चाहिए।
- यदि आप अपने खाने पीने के लिए चाँदी के बर्तनों का इस्तेमाल करें तो अति उत्तम रहेगा।
- बुध ग्रह की मजबूती के लिए गौमाता को हरा पालक और चारा खिलाएं अथवा बुधवार के दिन साबुत मूंग खिलाएं।
- बुधवार के दिन छोटी कन्याओं का आशीर्वाद लें तथा किन्नरों को कोई वस्तु भेंट करें।
- यदि कुंडली में चंद्रमा शनि से पीड़ित है तो शनि के लिए दान करें, जिसमें शनिवार के दिन छाया दान करना अति उत्तम है और चींटियों को आटा डालें।
- यदि यह रोग उत्पन्न करने में राहु भूमिका निभा रहा है तो बुधवार को संध्या काल में काले तिलों का दान करें और काले कुत्ते को रोटी खिलाएं तथा भैरव चालीसा का पाठ करें।
- यदि मानसिक तनाव का कारण मंगल है तो मंगलवार के दिन रक्तदान करें अथवा किसी पार्क या मंदिर में अनार का पेड़ लगाएँ।
- अपनी कुंडली के चतुर्थ और पंचम भाव के स्वामी की स्थिति को मजबूत करें।
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मानसिक तनाव से बचने के लिए आप ये आसान उपाय ज़रुर अपनाएँ। इनसे आपको तनाव से उबरने में काफी मदद मिलेगी। इसके अलावा आप चिकित्सीय परामर्श या फिर हमारी ज्योतिषीय सेवाएँ भी ले सकते हैं।