किस दिन किया जायेगा मंगला गौरी व्रत? जानें सही पूजन विधि और मुहूर्त की जानकारी

हिंदू धर्म में सावन का महीना विशेष महत्व रखता है और इस दौरान आने वाले कोई भी व्रत त्यौहार भी उतने ही ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। कहा जाता है सावन का यह महीना भगवन शिव को बेहद ही प्रिय होता है। भगवान शिव के साथ-साथ यह महीना माँ गौरी को भी बेहद ही प्रिय होता है। ऐसे में इस दौरान मां गौरी से संबंधित एक बेहद ही खास व्रत इस महीने में पड़ता है। इस व्रत को मंगला गौरी व्रत कहा जाता है।

मंगला गौरी व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अपने घर परिवार की खुशी के लिए करती हैं। कहा जाता है इस दौरान जो कोई भी महिला पूरी विधि से मंगला गौरी का व्रत करती है मां मंगला उनसे प्रसन्न होकर अपने भक्तों को अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

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मंगला गौरी व्रत 2021: कब से शुरू?

सावन के महीने में मंगलवार के दिन मंगला गौरी का व्रत किया जाता है। इस वर्ष सावन का महीना 25 जुलाई रविवार से प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में 27 जुलाई को सावन माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि दिन मंगलवार के दिन पहला मंगला गौरी व्रत पड़ रहा है। इस दिन मां मंगला की विधि विधान से पूजा का नियम बताया गया है। कहते हैं जो कोई भी स्त्री ऐसा करती है उसे अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है।

इस वर्ष सावन मास में कुल चार मंगलवार पड़ेंगे। ऐसे में इन चारों मंगलवार को मंगला गौरी व्रत किए जाएंगे। नीचे हम आपको इस वर्ष पड़ने वाली चारों मंगला गौरी व्रत की संपूर्ण सूची प्रदान कर रहे हैं।

पहला मंगला गौरी व्रत: 27 जुलाई 2021, दिन मंगलवार

दूसरा मंगला गौरी व्रत: 3 अगस्त 2021, दिन मंगलवार  

तीसरा मंगला गौरी व्रत: 10 अगस्त 2021, दिन मंगलवार

चौथा या अंतिम मंगला गौरी व्रत: 17 जुलाई 2021, दिन मंगलवार  

मंगला गौरी पूजन विधि

  • माँ मंगला अर्थात पार्वती माता की पूजा के लिए सबसे पहले स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद पूजा प्रारंभ करें। 
  • पूजा स्थल पर लाल रंग का साफ़ कपड़ा बिछा लें। 
  • अब उस पर मां मंगला यानी कि मां पार्वती की कोई तस्वीर, प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। 
  • उसके बाद विधि विधान से मां पार्वती की पूजा करें। 
  • इस दिन का व्रत फलाहार रहा जाता है और शाम को एक बार अन्न ग्रहण किया जा सकता है।

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