मंगल मिथुन में वक्री कर जल्द इन 4 राशियों के जीवन में मचाएंगे तांडव !

सौरमंडल के 9 ग्रहों में से सेनापति की उपाधि प्राप्त मंगल ग्रह सबसे अधिक लाल ग्रह माना गया है। जिन्हें राशि चक्र की प्रथम और अष्टम राशि यानी मेष और वृश्चिक राशि का स्वामित्व प्राप्त है। वैदिक ज्योतिष में मंगल को पराक्रम व ऊर्जा का कारक ग्रह माना जाता है। ऐसे में किसी भी जातक की कुंडली में मंगल जिस भाव व स्थिति में विराजमान होता है, उस व्यक्ति को उस भाव के अनुसार ही जीवन में परिणाम मिलते हैं। 

30 अक्टूबर 2022 दिन रविवार की शाम 06 बजकर 19 मिनट पर मंगल मिथुन राशि में वक्री होने जा रहे हैं, जिसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। तो आइए जानते हैं कि मंगल की वक्री अवस्था किन राशियों के लिए रहेगी शुभ और किनके लिए अशुभ!

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मिथुन राशि में मंगल का वक्री: किन राशियों के लिए अनुकूल-प्रतिकूल?

  • इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम
  • कर्क राशि: मंगल का हर स्थान परिवर्तन आपके लिए महत्वपूर्ण रहता है, क्योंकि मंगल आपके लिए योगकारक ग्रह होते हैं। अब वे अपना वक्री आपकी राशि से द्वादश भाव मे करेंगे। इसके परिणामस्वरूप ये अवधि सबसे अधिक उन जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी जो लोग विदेश से जुड़ा कोई  व्यापार करते हैं। संभावना है कि इस दौरान उन्हें अपने विदेशी माध्यमों को बढ़ाते हुए उससे अच्छा धन अर्जित करने मे मदद मिलेगी। वहीं किसी मल्टीनेशनल कंपनी से जुड़े जातक भी सफलता की सीढ़ी चढ़ते दिखाई देंगे। क्योंकि उन्हें अपनी ऊर्जा को सही दिशा मे लगाने मे मंगल देव मदद करने वाले हैं। यदि आप अपने खर्चों पर अभी तक लगाम लगाने मे सफल थे तो, उसमें भी आपको सफलता मिलेगी।
  • सिंह राशि: आपके लिए भी मंगल योगकारक ग्रह होते हैं और अब वे अपना वक्री आपकी राशि से एकादश भाव मे करेंगे। जिससे आपको जीवन मे अपार लाभ अर्जित करने मे मदद मिलेगी। ये वो अवधि होगी जब आप अपनी आमदनी मे बढ़ोतरी देखेंगे, जिससे कुछ जातक कोई वाहन या घर खरीदने का प्लान भी कर सकते हैं। मंगल की ये स्थिति आपके साहस और पराक्रम मे भी वृद्धि करते हुए आपको हर महत्वपूर्ण निर्णय को लेने में समर्थ बनाएगी। इसका सबसे अधिक फायदा व्यापारी जातकों को मिलेगा। नौकरी पेशा जातकों को भी कार्यस्तल पर कई सुनहरे अवसर प्राप्त होंगे, जिससे उन्हें और बेहतर करने का प्रोत्साहन मिल सकता है।
  • मकर राशि: मंगल आपकी राशि से छठे भाव मे वक्री होंगे। इसके परिणामस्वरूप इस दौरान सबसे अधिक छात्रों को अनुकूलता मिलने के योग बनेंगे। खासतौर से वो छात्र जो आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने के इच्छुक थे, उन्हें इस दौरान अपने प्रयासों मे सफलता मिलेगी। साथ ही मंगल कार्यस्थल पर भी आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करेंगे। आशंका ये भी है कि आपका पराक्रम देख शत्रु भी आपके मित्र बन जाएं। वहीं यदि कोई मामला कोर्ट-कचहरी मे चल रहा है तो, उसका फैसला आपके पक्ष मे आने के योग बनते दिखाई दे रहे हैं। 

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  • इन राशियों को रहना होगा सावधान 
  • मेष राशि: मंगल आपके राशिस्वामी होते हैं और अब इस दौरान वे आपकी राशि से तृतीय भाव में वक्री होंगे। इसके चलते आपकी वाणी में आक्रामकता आएगी और आप हर मुद्दे पर खुलकर व स्पष्टरुप से अपनी बात रखते देखें जाएंगे। परंतु आपका ये स्पष्ट स्वभाव आपके करीबियों को खल सकता है और इससे आपका उनके साथ बात-बात पर विवाद होने के योग बन सकते हैं। इसलिए आपको खासतौर पर अपनी ऊर्जा को नियंत्रण मे रखते हुए दूसरों के साथ विवाद करने से बचने की सलाह दी जाती है। यदि आप व्यापार करते हैं तो भी आपको अपने कर्मियों के साथ संबंधों मे समस्या का सामना करना पड़ेगा। मंगल की ये स्थिति आपके मानसिक तनाव मे भी वृद्धि का कारण बनेगी।
  • तुला राशि: मंगल आपकी राशि से भाग्य यानी नवम भाव मे वक्री होंगे। इसके परिणामस्वरूप घर पर आपको अपने सदस्यों से विचारों के मतभेद का सामना करना पड़ेगा। खासतौर पर मंगल की ये स्थिति सबसे अधिक आपके अपने पिता से संबंधों मे समस्या उत्पन्न करेगी, जिससे आपको किसी निर्णय के लिए उनकी असहमति का सामना करना पड़ सकता है। प्रेमी जातकों को भी मंगल देव वक्री होते हुए धन से जुड़ी समस्या देने वाले हैं। वहीं करियर की बात करें तो इस दौरान कार्यक्षेत्र पर आपका स्वभाव आपके खिलाफ जा सकता है और इसके चलते आप अपने सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों का सहयोग प्राप्त करने मे असफल रहेंगे।
  • वृश्चिक राशि: मंगल आपकी राशि से अष्टम भाव में वक्री होंगे। जिसके चलते आपको अचानक अपने जीवन में कई प्रकार की चुनौतियों से दो-चार होना पड़ेगा। सबसे अधिक मंगल की ये स्थिति आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या देगी। ऐसे मे सेहत मे आई गिरावट के चलते आपकी कार्यक्षमता प्रभावित होगी और आपको हर कार्य को करने मे पहले से अधिक मेहनत करने की ज़रूरत होगी। इसलिए आपके लिए बेहतर यही होगा कि छोटी से छोटी समस्या के प्रति भी सावधानी बरतते हुए आपको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत होगी।  प्रेमी जातकों को भी मंगल अचानक विवाद संबंधित परेशानी देने का कार्य करेंगे
  • मीन राशि: 30 अक्टूबर को मंगल देव आपकी राशि से चतुर्थ भाव मे वक्री होंगे, जिसके परिणामस्वरूप आपकी मां को स्वास्थ्य कष्ट संभव है। ऐसे मे आपको उनकी सेहत के प्रति उचित ध्यान रखने की सलाह दी जाती है, अन्यथा इससे घर-परिवार की शांति भी प्रभावित होती देखी जाएगी। साथ ही घर-परिवार मे भी आपका सदस्यों के साथ चिड़चिड़ा व्यवहार विवाद का कारण बनेगा। करियर की बात करें तो कार्यस्थल पर कुछ इच्छानुसार परिवर्तन संभव है, जिससे आप कुछ असहज महसूस कर सकते हैं। परंतु इस समय आपको ये समझना होगा कि ये परिवर्तन अस्थायी हैं, इसलिए उनपर अधिक ध्यान और ऊर्जा देने से बचें।   

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इस अवधि में मंगल के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के सरल ज्योतिषीय उपाय

  • रोजाना कम से कम 27 बार मंगल ग्रह के मंत्रों का जाप करें।
  • मंगलवार के दिन मंगल ग्रह की शान्ति हेतु हवन करें।
  • विकलांगों व नेत्रहीन लोगों की मदद करें। 
  • हर महीने कम से कम एक बार रक्तदान करें। 
  • हर मंगलवार हनुमान जी के दर्शन कर उनकी आराधना करें। 
  • भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नम: शिवाय” की कम से कम एक माला का जाप करें। 
  • मंगल यंत्र को घर में स्थापित करें और उसकी रोजाना विधिवत तरीके से पूजा करें। 
  • जरूरतमंदों को भरपेट भोजन करवाएं।   
  • भगवान नरसिंह जी के अवतार की कथा सुने या पढ़ें। 
  • मंगल ग्रह से संबंधित वस्तुएं जैसे: लाल मसूर, खांड, सौंफ, मूंग, गेहूं, लाल कनेर का पुष्प, तांबे के बर्तन, गुड़ आदि बहते हुए जल में प्रवाहित करें।
  • मांगलिक दोष को दूर करने हेतु आप हमारे ज्योतिष विशेषज्ञ से चैट या कॉल के माध्यम से समाधान प्राप्त कर सकते हैं। 
  • मूंगा रत्न धारण करें। 

मंगल ग्रह से शुभ फल प्राप्ति हेतु कुछ मंत्र 

  • मंगल ग्रह का वैदिक मंत्र

“ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्।

अपां रेतां सि जिन्वति।।”

  • मंगल ग्रह का तांत्रिक मंत्र

“ॐ अं अंङ्गारकाय नम:”

  • मंगल ग्रह का बीज मंत्र

“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः”

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