स्वराशि में मंगल का गोचर: देश-दुनिया, राजनीति, सेना में बड़ी हलचल के संकेत: यहाँ पढ़ें सबकुछ!

मंगल गोचर 2023: एस्ट्रोसेज अपने हर नए ब्लॉग के रिलीज के साथ अपने रीडर्स को ज्योतिष की दुनिया से जुड़ी नई और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटनाओं की जानकारी प्रदान करने का प्रयत्न करता है ताकि हमारे पाठकों को इस रहस्यमई दुनिया की सभी घटनाओं से अपडेट रखा जा सके। इसी कड़ी में आज हम लेकर आए हैं मंगल गोचर से संबंधित यह खास ब्लॉग। 

दरअसल 16 नवंबर, 2023 को मंगल ग्रह वृश्चिक राशि में गोचर करने वाला है। अपने इस खास ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे मंगल के वृश्चिक राशि में गोचर का देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा। साथ ही जानेंगे किन राशियों पर इस गोचर के प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है तो किन राशि के जातकों पर इसके अनुकूल प्रभाव देखने को मिलेंगे। 

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ज्योतिष में मंगल ग्रह 

मंगल एक उग्र एवं पुरुष प्रधान ग्रह है। इसे हिंदू पौराणिक कथाओं में सूअर और पृथ्वी (भूमि) की संतान कहा जाता है। इसके अलावा मंगल दोष अक्सर जातकों को विवाह संबंधित परेशानियां देता है। ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्वपूर्ण स्थान भी बताया गया है। 

प्राचीन पौराणिक कथाओं के अनुसार मंगल को लाल, उग्र ग्रह के रूप में दर्शाया जाता है। इन्हें क्रोध की देवी और अविवाहित ब्रह्मचारी के रूप में भी जाना जाता है। हालांकि यह बहादुरी और दृढ़ता का भी प्रतीक है। 

जो लोग मंगल ग्रह के अंतर्गत आते हैं वह अक्सर गर्म स्वभाव वाले होते हैं और उनमें क्रोध बहुत ज्यादा देखा जाता है। प्रत्येक ग्रह का व्यक्ति पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रभाव पड़ता है। ऐसे में मंगल के साथ भी यही स्थिति है। सकारात्मक मंगल जहां जातक को बड़ी जोखिम लेने की क्षमता, साहस, जुनून और दृढ़ संकल्प प्रदान करता है वहीं नकारात्मक मंगल व्यक्ति को क्रोध की समस्या, आलस और व्यक्ति को जीवन में दिशाहीन भी बन सकता है।

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: समय 

बात करें समय की तो मंगल इस गोचर के दौरान अपनी ही राशि वृश्चिक में प्रवेश करने जा रहा है। मंगल का यह महत्वपूर्ण गोचर 16 नवंबर, 2023 को सुबह 10:03 पर होने वाला है। अब आगे बढ़ते हैं और बात करें वृश्चिक राशि में मंगल की विशेषताओं की और उसके बाद जानेंगे देश दुनिया पर इसका क्या प्रभाव पड़ने वाला है। 

वृश्चिक राशि में मंगल: विशेषताएं 

मंगल ग्रह मेष राशि जितना तो नहीं लेकिन एक ऐसा ग्रह माना जाता है जो सबसे ज्यादा घर जैसा महसूस होता है। यह जातक के लिए एक शक्तिशाली स्थिति है क्योंकि मंगल वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह है। मजबूत इरादों वाले, स्व-संचालित और अनुशासित व्यक्तियों के वृश्चिक राशि में मंगल होने की अधिक संभावना है। ऐसे जातक सफल होने के लिए लगभग कभी भी बाहरी मदद पर निर्भर नहीं होते हैं। उनकी मानसिक और शारीरिक ऊर्जा का स्तर बेहद ही उच्च होता है। हालांकि वह शांत स्वभाव के होते हैं और कभी-कभी गुप्त भी होते हैं। उनमें दूसरे लिंग के प्रति गहरा आकर्षण देखा जाता है। उनकी हरकतें थोड़ी ईर्ष्यालु प्रवृत्ति को दर्शाती हैं। खासकर बात जब रोमांटिक रिश्तों की आती है तब। 

ऐसे जातक कभी-कभी बेहद ही ज्यादा प्रेम का प्रदर्शन करते हैं। वृश्चिक राशि में मंगल अपने द्वारा अनुभव की गई गलतियों को कभी नहीं भूलते। ऐसे जातक खुद को मिले धोखे भी कभी नहीं भूलते हैं। यह जातक अक्सर चरम सीमा तक चले जाते हैं। वे या तो आपके सबसे समर्पित सहयोगी बनते हैं या आपकी सबसे बड़े दुश्मन। इनमें दृढ़ इच्छा शक्ति होती है और वह निर्णय लेते समय विवेक का प्रयोग करते हैं। पश्चाताप यह क्षमता का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं। हालांकि ऐसे जातक कभी-कभी केवल सहज ज्ञान के आधार पर त्वरित निर्णय ले लेते हैं जिससे उनके जीवन पर उलटा असर देखने को मिलता है। सहज जीवन जीने के लिए इस प्रवृत्ति से बचना चाहिए। कुल मिलाकर वृश्चिक राशि में मंगल जातक के लिए औसत प्रतीत होता है।

मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: देश और दुनिया पर क्या पड़ेगा प्रभाव? 

सरकार और राजनीति पर असर 

  • मंगल के स्वराशि में होने से सरकार का सहयोग मिलेगा। साथ ही सरकार अपने समग्र दृष्टिकोण में थोड़ी आक्रामक नजर आ सकती है। 
  • भारत सरकार के प्रवक्ता और महत्वपूर्ण पदों पर बैठे हुए राजनेता सोच समझकर काम करेंगे और व्यावहारिक रूप से ज्यादा सहज योजनाएं बनाएंगे। 
  • सरकारी अधिकारी अपने काम और योजनाओं का विश्लेषण जल्दबाजी में लेकिन बेहद ही समझदारी से और चतुर तरीके से करते नजर आएंगे। 
  • सरकार की ओर से भविष्य के लिए आक्रामक योजनाएं देखने को मिल सकती हैं। 
  • इस अवधि के दौरान भारत सरकार की कार्यप्रणाली और नीतियां ज्यादा से ज्यादा जनता को आकर्षित करने में कामयाब होगी। 
  • सरकार अब आक्रामक रूप से उन योजनाओं को लागू कर सकती है जो विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, यंत्रिकी आदि में आबादी के एक बड़े हिस्से की मदद करेगी। 
  • हमारे नेता आक्रामक लेकिन सोच समझकर और समझदारी से कदम उठाते नजर आएंगे। 

सशस्त्र बल और अन्य रक्षा तंत्र पर इसका असर 

  • सेना, पुलिस और नौसेना सभी ज्यादा सतर्क और सावधान रहेंगे क्योंकि मंगल अपनी ही राशि में गोचर करने जा रहा है। 
  • मंगल की पूर्ण शक्ति में आने से रक्षा बल अधिक मुखर और सक्रिय होने की संभावना है।

चिकित्सा और अन्य क्षेत्रों पर इस गोचर का प्रभाव 

  • इस गोचर के दौरान चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को उन्नति प्राप्त होगी। 
  • चिकित्सा और नर्सिंग क्षेत्र में भी कुछ विकास देखने को मिलेगा जिससे जनता को लाभ मिलेगा। 
  • आईटी इंडस्ट्री, सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को कुछ हद तक फायदा मिलने की संभावना है। 
  • इस अवधि के दौरान लेखन और कवियों का विकास होगा। 
  • विभिन्न क्षेत्रों के लेखक फल-फूलेंगे। 
  • वृश्चिक राशि में मंगल के इस गोचर के दौरान योग प्रशिक्षक, शारीरिक प्रशिक्षक, ज्यादा लाभ उठाते नजर आएंगे।

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों के जीवन में आएंगे बेहद ही अनुकूल बदलाव 

मेष राशि 

मेष राशि के जातकों के लिए मंगल पहले और आठवें भाव का स्वामी है इसीलिए वृश्चिक राशि में मंगल का यह गोचर आपके जीवन में बड़े बदलाव, अचानक से परिवर्तन और आपके लिए गुप्त ज्ञान की वजह बन सकता है। लेकिन यह चीज आपके पास आसानी से नहीं आएंगी इसीलिए कहा जा सकता है कि यह गोचर आपको असहज स्थिति में डाल सकता है लेकिन लंबे समय में यह आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।  

हालांकि आपको यह सलाह दी जाती है कि आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य और खुशहाली को प्राथमिकता दें और हर समय सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाएं या यात्रा करें। इस राशि के छात्रों, शोधकर्ताओं या पीएचडी करने वाले छात्रों के लिए यह सलाह बेहद ही महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके अलावा ज्योतिष, अंक ज्योतिष या टैरो रीडिंग जैसी गूढ विद्याओं के बारे में जानने में रुचि रखने वाले मेष राशि के जातकों को इस समय लाभ प्राप्त होगा। आपके एकादश, दूसरे और तीसरे भाव पर आठवें भाव की दृष्टि के प्रभाव स्वरूप यह अपने साथी के साथ संयुक्त रूप से रियल स्टेट में निवेश करने के लिए एक अच्छा समय साबित होगा।

मिथुन राशि 

मिथुन राशि के जातकों के लिए मंगल छठे और 11वें घर का स्वामी है। मंगल आम तौर पर छठे घर में अपने घर जैसा महसूस करता है और क्योंकि यह वर्तमान में अपनी ही राशि में है जो इसे मजबूत बनाता है। ऐसे में यह स्थिति आपके लिए बेहद ही अनुकूल संकेत दे रही है। मंगल के वृश्चिक राशि में इस गोचर के दौरान आप बेहद ही प्रतिस्पर्धी नजर आएंगे और आप अपने प्रतिद्वंदियों और प्रतिस्पर्धियों को आगे नहीं बढ़ने देंगे। 

इसके अलावा यह गोचर आपके बेईमान दोस्तों का सच आपके सामने लेकर आएगा जो पीठ पीछे आपको धोखा दे रहे हैं और असल में दोस्तों के भेष में छुपे हुए दुश्मन हैं। हालांकि यह किसी भी चीज में निवेश करने के लिए अनुकूल समय नहीं है। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसे गुप्त रखने का प्रयास करेंगे अन्यथा आप समस्या में पड़ सकते हैं। 

मंगल के प्रभाव के कई अलग-अलग क्षेत्र हैं। आपके लग्न पर इसकी अष्टम दृष्टि पड़ती है, आपके 12वें घर पर इसकी सप्तम दृष्टि पड़ती है, आपके नवम भाव पर इसकी चतुर्थ दृष्टि पड़ती है। नवम भाव पर इसके प्रभाव के चलते इस दौरान आप अपने पिता के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान देना आपके लिए अति आवश्यक रहने वाला है क्योंकि उनके साथ आपकी कुछ बहस हो सकती है।

सिंह राशि 

सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और नवम भाव का स्वामी है। मंगल ग्रह आपकी राशि के लिए एक योग कारक ग्रह माना जाता है और वर्तमान में आपके चतुर्थ घर में गोचर करने जा रहा है जो आपकी मां, घरेलू जीवन, घर, कार और संपत्ति का प्रतिनिधित्व करता है इसीलिए वृश्चिक राशि में मंगल के इस गोचर का सिंह राशि के जातकों पर मिश्रित प्रभाव देखने को मिलेगा। 

यह रियल स्टेट में निवेश करने या अपने लिए वाहन खरीदने के लिए एक आदर्श समय साबित होगा। हालांकि यह अपने जीवन में भी हस्तक्षेप करता नजर आएगा जिसके परिणाम स्वरुप संभवत आपकी मां या जीवनसाथी के साथ आपकी बहस हो सकती है। घरेलू झगड़ों को सुलझाने और वृश्चिक राशि में मंगल के गोचर के लाभ का अधिकतम लाभ उठाने के लिए घर में सत्यनारायण की कथा या होरा का पाठ करें आपको उचित फल प्राप्त होंगे। 

आपका सातवां, दसवां और 11वां घर मंगल से प्रभावित होता है जो चतुर्थ घर में स्थित है। सप्तम भाव पर मंगल की चतुर्थ दृष्टि अधिकारिता और अति सुरक्षात्मकता को बढ़ावा देकर आपके जीवनसाथी के साथ आपके संबंध में समस्याएं पैदा कर सकती है।

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कन्या राशि 

कन्या राशि के जातकों के लिए मंगल तीसरे घर और आठवें घर का स्वामी है। इस बार मंगल की राशि में स्थिति आपके लिए इसे और भी अधिक लाभप्रद बनने के संकेत दे रही है। यह आपको साहसी, आत्मविश्वासी और उच्च स्तर की ऊर्जा प्रदान करेगा। हालांकि आप जिस दशा से गुजर रहे हैं उसके आधार पर आपके छोटे भाई बहन खासकर आपके छोटे भाई के साथ आपका रिश्ता बहुत मजबूत या बहुत अनिश्चित हो सकता है। 

हालांकि आपको निसंदेह उनका समर्थन प्राप्त होगा ।लेकिन ऐसी भी प्रबल संभावना है कि भाई बहनों के बीच विवाद या कोई बहस छिड़ जाए। इसके अलावा आपको उनके स्वास्थ्य और भलाई के प्रति सचेत रहना चाहिए और उनसे वाहन चलाते समय सावधान रहने का आग्रह भी करना चाहिए।

तुला राशि 

तुला राशि के जातकों के लिए मंगल दूसरे घर और सातवें घर का स्वामी है। मंगल अपनी दृष्टि पांचवें, आठवें और नवम भाव पर डालता है जिसके प्रभाव दूसरे घर से आगे बढ़ जाता है। इस समय मंगल की पंचम भाव पर चतुर्थ दृष्टि पंचम भाव से संबंधित विषयों जैसे की संतान, करियर या आपके प्रेम जीवन के संदर्भ में आपके अंदर अस्वस्थ स्वामित्व की भावना को बढ़ा सकती है। इस बढ़ी हुई अधिकारिता के परिणाम स्वरुप आपकी चिंता बढ़ने वाली है जो आपकी रोमांटिक रिश्तों को और भी ज्यादा जटिल बनाएगी। 

हालांकि यहां अच्छी बात यह है कि इंजीनियरिंग या अन्य तकनीकी विषयों की पढ़ाई करने वाले छात्र इस समय स्कूल में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करेंगे। यह भी मुमकिन है कि अष्टम भाव पर मंगल की सप्तम दृष्टि के परिणाम स्वरुप आप और आपका साथी संयुक्त वित्तीय प्रयासों में जुड़ सकते हैं। 

गाड़ी चलाते समय अपनी भलाई और अपने साथी की भलाई का ध्यान रखें क्योंकि यह आपके जीवन में अनिश्चितता भी लेकर आ सकता है। नवम भाव पर मंगल की अष्टम दृष्टि के परिणाम स्वरुप आपके पिता को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं को उठाना पड़ सकता है। ऐसे में उनकी भलाई का ध्यान रखें और ज़रूरत लगते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

वृश्चिक राशि 

वृश्चिक राशि के जातकों के लिए मंगल लग्न और छठे भाव का स्वामी है और इस दौरान अर्थात 16 नवंबर 2023 को यह आपके लग्न के ऊपर से गुजरेगा। आपके जीवन के कई क्षेत्रों में आपकी जन्म कुंडली में वृश्चिक राशि में मंगल का गोचर फलदाई साबित होगा। परिणाम स्वरुप आप मजबूत और आत्मविश्वासी महसूस करेंगे। 

इसके अलावा इस गोचर से प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्रों या स्थानीय एथलीटों को लाभ प्राप्त होगा। हालांकि यह आपको थोड़ा आक्रामक और दबंग भी बन सकता है। अगर आप किसी कानूनी कार्यवाही या अदालती मामलों में उलझे हुए हैं तो इस समय आपको बुद्धिमता और बहादुरी से काम लेने की सलाह दी जाती है।

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मकर राशि 

मकर राशि के जातकों के लिए मंगल चतुर्थ और 11वें घर पर शासन करता है। 16 नवंबर 2023 को मंगल की वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान यह आपके ग्यारहवें घर में प्रवेश करेगा। वित्तीय सफलता, इच्छा, बड़े भाई बहन और चाचा सभी का प्रतिनिधित्व इस ग्यारहवें घर से ही होता है इसीलिए आपके 11वें घर में यह गोचर मौद्रिक लाभ के लिए फायदेमंद साबित होगा। 

अगर आपने अतीत में रियल स्टेट में कोई निवेश किया था तो इस समय आपको उससे पर्याप्त लाभ प्राप्त होगा तथा आय का कोई नया स्रोत भी आपके जीवन में उत्पन्न हो सकता है। दीर्घकालिक वित्तीय रणनीति की योजना बनाने के लिए यह समय अनुकूल है। 

इसके अलावा आपके बड़े भाई बहन और मामा आपकी सहायता करते नजर आएंगे। मंगल आपके दूसरे घर पांचवे घर और छठे घर पर दृष्टि डाल रहा है। क्योंकि हम 11वें घर के पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं। वित्तीय मोर्चे पर आपके दूसरे घर पर मंगल की चतुर्थ दृष्टि लाभदायक संकेत दे रही है लेकिन यह आपको अपने परिवार के प्रति ज्यादा अधिकारवादी बनाने की भी क्षमता रखती है।

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मंगल का वृश्चिक राशि में गोचर: प्रभावशाली उपाय 

  • प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। 
  • अपने घर में किसी शुभ स्थान पर मंगल यंत्र स्थापित करें और उसकी नियमित रूप से पूजा करें। 
  • अगर आपकी कुंडली के अनुसार यह उपयुक्त है तो अपने दाहिने हाथ में लाल मूंगे की अंगूठी धारण करें। इसके लिए आप विद्वान ज्योतिष्यों से परामर्श ले सकते हैं। 
  • गरीबों को लाल मूंग की दाल, तांबे के बर्तन, सोना, कपड़े आदि का दान करें। 
  • छोटे बच्चों को बेसन की मिठाई या लड्डू का दान करें।

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